देश में कोविड-19 से मारे गए लोगों की संख्या 12 हजार से ज्यादा है। लेकिन इससे 16 गुना ज्यादा संख्या उन मरीजों की है, जिन्हें इस जानलेवा बीमारी से बचा लिया गया है। गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए कुल तीन लाख 80 हजार से ज्यादा मरीजों में से दो लाख से ज्यादा को बचा लिया गया है। यह संख्या कुल मरीजों का करीब 54 प्रतिशत है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में कोविड-19 के रिकवरी रेट में लगातार सुधार हुआ है। कई राज्यों ने 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को बचाने में कामयाबी हासिल की है। वहीं, कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को बचाने में स्वास्थ्यकर्मी और प्रशासन सफल रहे हैं।
नीचे दिए गए टेबल में उन राज्यों की सूची दी गई है, जहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। सूची देखकर आप जान सकते हैं कि संख्या के लिहाज से महाराष्ट्र मरीजों को बचाने के मामले में सबसे आगे दिखाई देता है। लेकिन आंकड़ों को राज्यों के मरीजों की संख्या के हिसाब से देखें तो कई राज्य महाराष्ट्र से बेहतर स्थिति में दिखाई देते हैं। इनमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्य शामिल हैं। वहीं, दिल्ली की स्थिति चिंताजनक है। यहां बचाए गए मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत भी नहीं है।
राज्य | कुल मरीज | स्वस्थ हुए मरीज | प्रतिशत |
महाराष्ट्र | 1,20,504 | 60,838 | 50% |
तमिलनाडु | 52,334 | 28,641 | 55% |
दिल्ली | 49,979 | 21,341 | 43% |
गुजरात | 25,601 | 17,819 | 70% |
उत्तर प्रदेश | 15,181 | 9,239 | 61% |
राजस्थान | 13,857 | 10,742 | 78% |
पश्चिम बंगाल | 12,735 | 7,001 | 55% |
मध्य प्रदेश | 11,426 | 8,632 | 76% |
हरियाणा | 9,218 | 4,556 | 49% |
कर्नाटक | 7,944 | 4,983 | 63% |
टेबल देखकर साफ पता चलता है कि कोरोना वायरस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित इन दस राज्यों में राजस्थान मरीजों की जान बचाने के मामले में सबसे आगे है। वहां अब तक करीब 78 प्रतिशत मरीजों को कोरोना मुक्त करार दिया गया है। उसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर आता है जहां 76 प्रतिशत लोगों की जान बचाई गई है। गुजरात में यह आंकड़ा लगभग 70 प्रतिशत है। इसके बाद कर्नाटक में 63 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 61 प्रतिशत, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 55-55 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 50 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके है। सबसे बुरी स्थिति हरियाणा (49 प्रतिशत) और दिल्ली (43 प्रतिशत) की है, जहां वायरस से बचाए लोगों की संख्या 50 प्रतिशत भी नहीं है।
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मरीजों की ज्यादा संख्या से अलग हटकर देखें तो ऐसे और भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश हैं, जो अपने यहां कोविड-19 के मरीजों की जान बचाने में किसी बड़े राज्य से पीछे नहीं हैं। इनमें सबसे पहला नाम पंजाब और चंडीगढ़ का आता है। यहां कोरोना संक्रमण से क्रमशः 3,615 और 374 लोग बीमार पड़े हैं। इनमें पंजाब में 2,570 लोगों को बचा लिया गया है, जो कुल मामलों का 71 प्रतिशत है। वहीं, चंडीगढ़ में 306 लोगों की जान बचाई गई है। यह आंकड़ा इस केंद्रशासित प्रदेश के कुल मरीजों का 81 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
अन्य राज्यों की बात करें तो बिहार के कुल 7,025 मरीजों में से 5,056 (करीब 72 प्रतिशत) को बचा लिया गया है। जम्मू-कश्मीर में 5,555 लोगों को वायरस ने संक्रमित किया है, हालांकि प्रशासन यहां 3,144 (57 प्रतिशत) मरीजों को बचाने में कामयाब रहा है। असम में कोरोना मरीजों की संख्या हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है। वहां अब तक 4,777 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 2,654 (लगभग 56 फीसदी) को बचा लिया गया है। ओडिशा में भी 4,512 मरीजों में से 3,144 (करीब 70 प्रतिशत) की जान बचा ली गई है। लेकिन केरल की स्थिति चिंताजनक दिखाई देती है। लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों में ढील देने से पहले यहां स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या 95 प्रतिशत के आसपास थी। लेकिन अब यह 50 प्रतिशत से कुछ ही ज्यादा है। गौरतलब है कि केरल में कोरोना वायरस के कुल 2,794 मरीज हैं, जिनमें से 1,415 को बचाया गया है।
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