कोविड-19 बीमारी ने पूरी दुनिया के सभी देशों में रह रहे लोगों की जिंदगी बदल दी है। दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी लॉकडाउन में है। एक तरफ लोग सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे, तो दूसरी तरफ कोविड-19 से होने वाली हजारों मौतों की खबरें लोगों को अंदर से तोड़ने का काम कर रही हैं। लेकिन क्या वाकई में उम्मीद खत्म हो गई है?

नहीं! ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह सही है कि कोविड-19 का इलाज नहीं होने के चलते बड़ी संख्या में लोग जानें गंवा रहे हैं। लेकिन जितने लोग मारे जा रहे हैं, उससे लगभग पांच गुना लोगों ने इस जानलेवा वायरस से लड़ाई में जीत हासिल की है। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं।
 
दुनियाभर में कोविड-19 से अब तक एक लाख 35,622 लोगों की मौत हुई है। लेकिन पांच लाख 23,753 लोग ठीक भी हुए हैं। इनमें 77,892 लोग चीन के हैं, जहां कोविड-19 ने अब तक 82,341 लोगों को बीमार किया है। इनमें से 3,342 लोगों की मौत हो गई है। यानी बचने वालों की तादाद, मृतकों के मुकाबले करीब 24 गुना ज्यादा है।

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जर्मनी में कोरोना वायरस ने एक लाख 34 हजार से ज्यादा लोगों को बीमार किया है। इनमें से 3,804 लोगों की मौत हुई है। लेकिन कोविड-19 से उबर कर ठीक होने वाले लोगों का आंकड़ा 77,000 है। यानी जर्मनी में जितने लोग कोविड-19 से मारे गए, उसका 20 गुना सही-सलामत बच गए। ऑस्ट्रिया की स्थिति और ज्यादा राहत देने वाली है। यहां 14,412 मरीजों में से 8,098 को बचा लिया गया है, जबकि मरने वालों की संख्या केवल 393 है। यानी करीब 21 गुना का अंतर।

यूरोप में जिस देश में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर बरपा है, वह है स्पेन। यहां कोविड-19 के कुल एक लाख 82,816 मामले सामने आए हैं। इनमें से 19,130 लोगों की मौत हुई है। यह बड़ा आंकड़ा है। लेकिन यहां भी बचने वाले लोगों की संख्या, मरने वालों से काफी ज्यादा है। स्पेन में करीब 75,000 लोगों ने कोविड-19 को मात दी है। यानी मृतकों के मुकाबले यहां बचने वाले करीब चार गुना ज्यादा हैं।

इसी तरह ईरान में करीब 78,000 मरीजों में से 52,229 को बचा लिया गया है, जबकि यहां मरने वालों की संख्या 4,869 है। यानी इस मध्यपूर्वी देश में बचने वालों की संख्या मरने वालों से करीब 11 गुना ज्यादा है। ईरान के अलावा यूरोप-अमेरिका के बाहर और भी देश हैं, जहां कोविड-19 से बचे लोगों की तादाद मरने वालों से काफी ज्यादा है। मसलन, ब्राजील में कोविड-19 से 1,760 मौतें हुईं है। हालांकि इस दक्षिण अमेरिकी देश में 14,000 से ज्यादा लोगों ने इस बीमारी को हराया है। यानी यहां मौतों का आंकड़ा ठीक हुए मरीजों से करीब आठ गुना कम है।

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इसी तरह कनाडा में 1,010 मौतों के मुकाबले 8,979 लोगों की जान बची है। यहां भी कोविड-19 से हारने वालों के मुकाबले जीतने वालों की संख्या आठ गुना ज्यादा है। स्विट्जरलैंड में यह आंकड़ा 11 गुना से भी ज्यादा है। यहां कोरोना वायरस से 1,269 मौतें हुई हैं, लेकिन 15,400 की जान बच भी गई है।

इस सिलसिले में दक्षिण कोरिया का नाम शामिल न हो ऐसा नहीं हो सकता। एक समय कहा जा रहा था कि चीन के बाद कोविड-19 का अगला केंद्र दक्षिण कोरिया हो सकता है। लेकिन इस एशियाई देश ने बेहद प्रभावशाली तरीके से न सिर्फ कोरोना वायरस पर नियंत्रण किया, बल्कि इससे होने वाली मौतों को भी 229 से ज्यादा नहीं होने दिया। और ज्यादा उत्साहजनक बात यह है कि दक्षिण कोरिया कुल 10,619 मरीजों में से 7,757 को बचाने में कामयाब रहा। यानी यहां बीमारी को मात देने वाले लोगों की संख्या मरने वालों से करीब 34 गुना ज्यादा थी।

वहीं, अपने देश की बात करें तो यहां अब तक कोविड-19 से 420 लोगों की मौत हुई है। हालांकि 1,515 लोगों को बचा भी लिया गया है। इस तरह भारत में जिंदा बचे लोगों की संख्या मरने वालों से तीन गुना से भी ज्यादा है। सरकार का कहना है कि 10,824 लोगों का इलाज चल रहा है। ऐसे में उम्मीद करनी चाहिए कि आने वाले दिनों में और भी लोग कोविड-19 को मात देंगे।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस: जितने मरीज मरे, उससे पांच गुना ज्यादा लोगों ने दी कोविड-19 को मात, चीन, जर्मनी, ऑस्ट्रिया समेत कई देशों ने जगाई है उम्मीद है

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