कोविड-19 महामारी के बीच चीनी वैज्ञानिकों ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि नया कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 संभवतः जड़ से खत्म ना हो और फ्लू की तरह बार-बार फैलता रहे। यानी मौसम बदलने पर यह वायरस फिर वापस आ सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, 'सार्स-सीओवी-2' कोरोना वायरस, 'सार्स-सीओवी-1' कोरोना वायरस की तरह नहीं है, जो पूरी तरह से खत्म हो जाए। उन्होंने कहा कि इसका प्रकोप जारी रहने की आशंका है।
चीन में वायरल और मेडिकल रिसर्च करने वाले एक समूह ने सोमवार को यह जानकारी दी। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ज्यादा खतरे की बात यह है कि बिना लक्षण वाले लोग (जैसे कि बुखार) कोरोना के खतरे को और बढ़ा रहे है। यही वजह है कि चीन में महामारी को नियंत्रित करने के बावजूद बिना लक्षण वाले दर्जनों मामलों का पता लगाया जा रहा है, जबकि (2002 की) सार्स बीमारी के साथ ऐसा नहीं था। उससे संक्रमित होने वाले लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते थे, लेकिन एक बार क्वारन्टीन हो जाने के बाद सार्स फैलना बंद हो जाता था।
मौसम के हिसाब से बदलेगी कोविड-19 बीमारी
दुनियाभर के शीर्ष शोधकर्ताओं और सरकारों के बीच एक आम सहमति बन रही है कि लॉकडाउन के बावजूद इस वायरस को खत्म करने की संभावना नहीं है। चीन के शीर्ष मेडिकल रिसर्च संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ पैथोजन बायोलजी के निदेशक जिन क्यूई ने कहा है कि कोविड-19 एक ऐसी महामारी बन सकती है जो इन्सानों के साथ लंबे समय तक रहेगी, क्योंकि यह मौसम के हिसाब से बदलेगी और लोगों के बीच बनी रहेगी।
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वहीं, अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक एंथनी फॉसी ने पिछले महीने कहा था कि कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी एक मौसमी बीमारी बन सकती है। उन्होंने इस बात का भी हवाला दिया कि दक्षिणी गोलार्ध के देशों में अब कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं, क्योंकि वहां सर्दियों का मौसम आ चुका होता है। वहीं, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कुछ विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि गर्मी में उत्तरी गोलार्ध के देशों में तापमान बढ़ने से वायरस का प्रसार धीमा होगा। लेकिन चीनी विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि उन्हें इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं।
'पेकिंग यूनिवर्सिटी फर्स्ट हॉस्पिटल' के संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख वांग गुइकियांग ने कहा है, ‘यह वायरस गर्मी के प्रति संवेदनशील है और 30 मिनट के लिए 56 डिग्री सेल्सियस में रखने पर कमजोर हो सकता है। लेकिन, मौसम कभी भी इतना गर्म नहीं होने वाला है। इसलिए गर्मी के मौसम में भी कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने की संभावना बहुत कम है।’
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