नए कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी परेशानी ‘पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वपमेंट’ यानी पीपीई से जुड़ी है। स्वास्थ्यकर्मी गाउन और दस्तानों की कमी से तो जूझ ही रहे हैं, साथ ही एन95 जैसे मास्क की भी किल्लत है, जिसे कई मेडिकल विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे कारगर मास्क बताया है। उनका कहना है कि स्वास्थ्यकर्मियों को एन95 मास्क की जरूरत सबसे अधिक है। लेकिन मांग बहुत ज्यादा होने के चलते बाजार में इस मास्क की कमी है और दाम भी बहुत बढ़ गया है। नतीजतन, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे के साथ काम करना पड़ रहा है। हालांकि इस बीच, एक नए मास्क ने चिकित्सा क्षेत्र के लोगों का ध्यान खींचा है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका के टेक्सास स्थित एक अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने एन95 मास्क का विकल्प तलाश लिया है। 'टेक्सास सेंटर फॉर इंफेक्शस डिसीज' (टीसीआईडी) नाम के इस अस्पताल में कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एक विशेष मास्क उपलब्ध कराया गया है, जिसे एक साल तक काम में लाया जा सकता है। इस मास्क का नाम 'नॉर्थ 7700' है, जो एक ‘इलास्टोमेरिक रेस्पिरेटर’ है। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में टीसीआईडी के कर्मियों को दिए गए इस मास्क को एन95 मास्क की तुलना में अधिक प्रभावी और ज्यादा काम में लाए जा सकने वाला मास्क बताया गया है।
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नॉर्थ 7700 मास्क की खूबियां
अभी तक आपने अलग-अलग खबरों में पढ़ा होगा कि एन95 मास्क हवा में मौजूद 95 प्रतिशत कणों को रोक सकता है। इनमें वे कण भी शामिल हैं, जिनका आकार 0.3 माइक्रोन जितना छोटा होता है। सामान्य रूप से इन्हें आंखों से देखना मुमकिन नहीं है। लेकिन टेक्सास के अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया ‘नॉर्थ 7700’ रेस्पिरेटर मास्क हवा में मौजूद 99.97 प्रतिशत कणों को फिल्टर कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह मास्क इतना प्रभावी है कि टीसीआईडी में आम लोगों को छोड़ कर सभी के एन95 मास्क पहनने पर ही पाबंदी है।
रिपोर्ट की मानें तो नॉर्थ 7700 मास्क में इस्तेमाल किया गया ‘एलास्टोमेरिक मटेरियल’ और इसका डिजाइन चेहरे पर फिट होने के लिए (एन95 से) बेहतर है। इतना ही नहीं, आप साफ-सुथरा रखने के लिए मास्क को धो भी सकते हैं। अमेरिका के शिकागो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस में रेस्पिरेटरी प्रोटेक्शन एंड इंफेक्शन डिजीज विशेषज्ञ और वैज्ञानिक लिसा ब्रूसो का कहना है, ‘विशेष रूप से महामारी स्थितियों में, हर किसी को एक ऐसा इलास्टोमेरिक रेस्पिरेटर (श्वासयंत्र) क्यों नहीं दिया जाता है जो लोगों की रक्षा करे और लंबे वक्त के लिए बरकरार रहे।’ वहीं, 2003 में कनाडा में सार्स (एसएआरएस) प्रकोप के दौरान 'ओंटारियो नर्स एसोसिएशन' के लिए काम करने वाली सेवानिवृत्त स्वास्थ्य और सुरक्षा विशेषज्ञ नैन्सी जॉनसन के अनुसार, 'इलास्टोमेरिक कार्ट्रिज मास्क एक अच्छा विकल्प है।'
रिपोर्ट के मुताबिक, 'नॉर्थ 7700' 99 प्रतिशत से ज्यादा कणों को तो रोकता ही है, साथ ही इसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। टीसीआईडी के स्वास्थ्यकर्मियों के पास विकल्प है कि वे मास्क को अपने साथ रखें या फिर उसे अस्पताल के अपने लॉकर में छोड़ दें। एक शिफ्ट में इस्तेमाल करने के बाद इस मास्क को साबुन और पानी के साथ आसानी से धोया जा सकता है। इसके लिए 70 प्रतिशत ऐल्कहॉल मिश्रण वाले घोल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। धोते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना है कि उसके कार्ट्रिज को बाहर निकाल लिया जाए। नॉर्थ 7700 के फिल्टर हर साल बदले जाते हैं, जबकि एन95 के साथ ये सुविधाएं नहीं हैं।
वहीं, लागत के मामले में भी ज्यादा नॉर्थ 7700 ज्यादा किफायती है। टीसीआईडी एक नॉर्थ 7700 मास्क पर 34.52 डॉलर यानी करीब 2,645 रुपये खर्च करता है। वहीं, एन95 के लिए यह कीमत केवल 67 सेंट है। लेकिन चूंकि इन्हें दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, इसलिए अस्पताल के 170 कर्मचारियों के लिए इन मास्क की सालाना लागत 44,000 डॉलर (33 लाख से भी ज्यादा) पड़ती है, जबकि नॉर्थ 7700 पर केवल 2,000 डॉलर (डेढ़ लाख से कुछ ज्यादा) की लागत आती है। इन तमाम खूबियों के चलते ही टीसीआईडी के डॉक्टरों की राय है कि कोरोना वायरस या ऐसी ही किसी महामारी के समय नॉर्थ 7700 मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
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