यूरोप में कोरोना वायरस की नई लहर ने वहां के स्वास्थ्यगत ढांचे की कमर तोड़ दी है। लगभग सभी प्रमुख यूरोपीय देशों में प्रतिदिन दस हजार से 40 हजार कोरोना मरीजों की पुष्टि हो रही है। ऐसे में मेडिकल विशेषज्ञ और आम लोग जानना चाहते हैं कि एक बार वायरस पर नियंत्रण करने के बाद यूरोप वापस इसकी चपेट में कैसे आ गया। कई जानकार कहते हैं कि एक बार बीमारी पर कंट्रोल करने के बाद यूरोपीय देशों ने अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने की जो गलती की, उससे वायरस को फिर से फैलने का मौका मिला है। वहीं, वैज्ञानिक समुदाय अन्य कारणों की खोज करने में लगा हुआ है। इस कोशिश में उन्होंने कोविड-19 महामारी की वजह बने नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के एक नए स्ट्रेन का पता लगाया है।

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खबर के मुताबिक, जून के महीने में स्पेन में कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन या कहें परिवर्तित रूप '20ए.ईयू1' फैलना शुरू हुआ था, जो पूरे यूरोप में लोगों को कोविड-19 से ग्रस्त कर रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस वायरस के इतनी बड़ी संख्या में फैलने के पीछे लोगों के यात्रा करने की भी एक भूमिका है, जिसके चलते यह पूरे यूरोप के अलावा अन्य कई देशों में ट्रांसमिट हुआ है। उन्होंने बताया कि जून में यह स्ट्रेन सबसे पहले स्पेन के दो पश्चिमी इलाकों एरागोन और कैटालोनिया के फार्म कर्मचारियों में पाया गया था। बीते दो महीनों में स्पेन में कोरोना वायरस की जो नई लहर दिखी है, उसमें 90 प्रतिशत कोविड मरीज इसी वायरस स्ट्रेन से संक्रमित हुए हैं।

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इस दावे से जुड़े अध्ययन को स्पेन और स्विट्जरलैंड के सरकारी संस्थानों के वैज्ञानिकों ने अपना समर्थन दिया है। हालांकि अभी तक किसी मेडिकल जर्नल ने इस अध्ययन को प्रकाशित नहीं किया है और न ही इसकी समीक्षा की है। लेकिन इससे जुड़े शोधकर्ताओं और इसके समर्थक विशेषज्ञों ने बताया है कि स्पेन के अलावा यह वायरस स्विट्जरलैंड, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम (यूके) की सीमा को सितंबर में पार कर चुका था। यहां कोविड-19 की नई लहर के चलते जितने लोग बीमार हुए हैं, उनमें से 40 से 70 प्रतिशत को इसी स्ट्रेन ने संक्रमित किया है। इस बारे में अध्ययनकर्ताओं ने बताया, 'यूके में इसकी फ्रीक्वेंसी का बढ़ना लगातार जारी है। वह भी तब जबकि क्वारंटीन-फ्री ट्रैवल पर रोक लगा दी गई है। इसका मतलब है कि यह (वायरस) वैरिएंट (सार्स-सीओवी-2 के) अन्य वैरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा तेजी से ट्रांसमिट हो सकता है।'

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यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है, जब यूरोप में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बहुत तेजी से बड़ी संख्या में लोगों को बीमार बना रही है। सितंबर के अंत और इस महीने की शुरुआत के दौरान यहां कोविड-19 ने ऐसी गति से फैलना शुरू किया कि यूरोप में इसके मरीजों की संख्या देखते ही देखते एक करोड़ के नजदीक तक पहुंच गई है। वहीं, मृतकों की संख्या दो लाख 63 हजार से भी ज्यादा हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा मरीज और मौतें स्पेन, फ्रांस, यूके, इटली आदि यूरोपीय देशों में देखने को मिले हैं। हालात इतने खराब हैं कि फ्रांस, जर्मनी के बाद ब्रिटेन में भी दूसरी बार राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने की घोषणा करनी पड़ी है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन स्पेन समेत पूरे यूरोप में कोविड-19 की नई लहर के लिए जिम्मेदार, जून में पहली बार आया था सामने है

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