कोविड-19 वैश्विक महामारी की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। 10 सितंबर 2020 के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में जहां संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ 80 लाख से ज्यादा हो गई है और करीब 9 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं भारत में भी कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 45 लाख के आसपास पहुंच गई है। नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से होने वाली यह बीमारी श्वसन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जानी जाती है। और अब, बड़े पैमाने पर हो रही रिसर्च के माध्यम से जो सबूत सामने आ रहे हैं उनसे यह पता चलता है कि कोविड-19 के कारण मरीजों को तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियों और मानसिक जटिलताओं का भी अनुभव होता है।
खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई कोविड-19 संक्रमण की शुरुआत से जुड़े हुए लक्षण हैं लेकिन बाद में इसमें सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता में कमी को भी जोड़ दिया गया। डॉक्टर और शोधकर्ता कोविड-19 बीमारी के लक्षणों की बढ़ती सूची में कई और संकेतों को जोड़ रहे हैं जिसमें मानसिक स्थिति में बदलाव भी शामिल है। लेकिन अब नए शोध में अस्पताल में भर्ती आधे से ज्यादा मरीजों में उन लक्षणों का अनुभव किया है जिसका संबंध मानव शरीर के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से है। साइंटिफिक जर्नल ऐनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, तंत्रिका तंत्र से संबंधित नए लक्षणों में सिर घूमना या चक्कर आना, एकाग्रता या फोकस की कमी, स्ट्रोक और अन्य समस्याएं शामिल हैं।
इस अध्ययन से यह संकेत मिलते हैं कि पहले जहां यह सोचा जा रहा था यह नया कोरोना वायरस मरीज के सिर्फ श्वसन तंत्र को ही नुकसान पहुंचाता है वहीं, अब यह बात सामने आ चुकी है कि यह वायरस इंसान के पूरे शरीर को हमारी सोच से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाता है और इसमें मरीज का पूरा तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नसें भी शामिल है।