भारतीय नौसेना के सबसे सीनियर सबमरीनर (पनडुब्बी कर्मचारी) वाइस-एडमिरल श्रीकांत की कोविड-19 के कारण हुई जटिलताओं की वजह से नई दिल्ली में मौत हो गई। वाइस-एडमिरल श्रीकांत दिल्ली के कैंटोन्मेंट स्थित मिलिट्री बेस हॉस्पिटल में भर्ती थे। आपको बता दें कि मौजूदा समय में वाइस-एडमिरल श्रीकांत प्रोजेक्ट सीबर्ड के डायरेक्टर जनरल थे और 31 दिसंबर को वे अपने पद से रिटायर होने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही 4 दिसंबर को वे कोविड-19 पॉजिटिव हो गए जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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भारतीय नौसेना के एक अधिकारी ने वाइस-एडमिरल श्रीकांत के बारे में जानकारी देते हुए बताया, "कोविड-19 के साथ ही उन्हें दोनों फेफड़ों में निमोनिया भी हो गया था और इसलिए उन्हें नॉन इन्वेसिव वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। वाइसस-एडमिरल श्रीकांत को प्लाज्मा थेरेपी भी दी गई थी। कुछ दिनों बाद उनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव भी आयी थी बावजूद इसके उन्हें मेकैनिकल वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ रही थी। मंगलवार रात उनकी मृत्यु हो गई।"
प्रोजेक्ट सीबर्ड के डायरेक्टर जनरल बनने से पहले वाइस-एडमिरल श्रीकांत नैशनल डिफेंस कॉलेज में न्यूक्लियर सेफ्टी एंड कमांडमेंट के इंस्पेक्टर जनरल के पद पर भी कार्य कर चुके थे।
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अभी 2 दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की थी जिसके बाद उन्होंने खुद को घर में ही आइसोलेट कर लिया था। नड्डा के अलावा देश के गृह मंत्री अमित शाह भी कोरोना से जंग लड़ चुके हैं और कोविड-19 के चलते उन्हें भी कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था।
वैसे तो कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं लेकिन, भारत के कुछ नेता ऐसे भी रहे जिन्हें कोविड-19 की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ीं। उनमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, कांग्रेस पार्टी के सबसे अहम रणनीतिकारों में से एक राज्यसभा सांसद अहमद पटेल, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश आंगड़ी और आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का नाम शामिल है।
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