अमेरिका में कोरोना वायरस के चलते स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या उनकी क्षमता से कहीं ज्यादा है। ऐसे में लोगों को बचाने की मुहिम में अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने हाथ बढ़ाया है। खबर है कि नासा के इंजीनियरों ने कोविड-19 के मरीजों के लिए एक नया उच्च दबाव वाला वेंटिलेटर बनाया है, जिसे 'वाइटल' (वेंटिलेटर इंटरवेंशन टेक्नोलॉजी एक्सेसिबल लोकली या वीआईटीएएल) नाम दिया गया है।
बताया गया है कि इस नए वेंटिलेटर को बनाने में नासा को 37 दिन लगे। मंगलवार को न्यूयॉर्क के इकॉन स्कूल ऑफ मेडिसिन में एक महत्वपूर्ण टेस्ट में इसे पास कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'वाइटल' एक कुशल उपकरण है, जिसे पारंपरिक वेंटिलेटर की तुलना में अधिक तेजी से बनाया जा सकता है और इसका रखरखाव भी दूसरे वेंटिलेटर्स की अपेक्षा आसान है। इसके अलावा इस डिवाइस में अलग-अलग इस्तेमाल के लिए बदलाव भी किए जा सकते हैं।
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एफडीए से मिलेगी मंजूरी?
वेंटिलेटर तैयार करने के बाद अब नासा वैज्ञानिक अमेरिका के 'फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन' (एफडीए) से इसके इस्तेमाल की मंजूरी लेने में जुट गए हैं। चूंकि अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप काफी ज्यादा है, लिहाजा नासा को उम्मीद है कि एफडीए अप्रूवल की प्रक्रिया को जल्दी पूरी करेगा। नासा की टीम को भरोसा है कि है कि उनका 'वाइटल' वेंटिलेटर कोविड-19 के मरीजों के लिए काफी कारगर साबित होगा। साथ ही अमेरिका और दुनिया के बाकी देशों को भी इससे फायदा मिलेगा।
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गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही अमेरिका में कोरोना वायरस को रोकने की मुहिम में नासा को भी शामिल किया गया था। तब बताया गया था कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी कोविड-19 की रोकथाम में लगी टास्क फोर्स के लिए आधुनिक मेडिकल उपकरण तैयार करने का काम करेगी। 'वाइटल' का निर्माण उसी मकसद के तहत किया गया है।