हम सभी लोग अब तक इस बात को अच्छी तरह से जान गए हैं कि कोविड-19, नया कोरोना वायरस संक्रमण, दूसरों की तुलना में बुजुर्गों और लंबे समय से बीमार लोगों को ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित करता है। बावजूद इसके, कोविड-19 महामारी के इस समय बच्चों में बहुत तेजी से एक नया हाइपर इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम देखने को मिल रहा है जो चिंता का कारण बनता जा रहा है। इसका नाम मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रेन (एमआईएस-सी) या पीडियाट्रिक मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (पीएमआईएस) है।
इस नए सिंड्रोम के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए विश्व के वैज्ञानिक समुदाय का आह्वान करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने 15 मई 2020 को एक फिर दोहराया कि भले ही बच्चों को कोविड-19 संक्रमण का खतरा कम हो और इंफेक्शन होने पर उनमें कोविड-19 के हल्के लक्षण ही नजर आएं लेकिन इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। इन बच्चों में कोविड-19 की गंभीर बीमारी के साथ हाइपर-इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के कारण एक साथ कई अंगों का काम करना बंद कर देना और शॉक की स्थिति देखने को मिल रही है।
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दरअसल, जुलाई 2020 में मुंबई के एक अस्पताल में कोविड-19 संक्रमण की वजह से भर्ती हुए 100 बच्चों में से 18 बच्चों में पीएमआईएस के निम्नलिखित लक्षण थे:
- बुखार जो एक दिन से ज्यादा समय के लिए था
- उल्टी आना
- डायरिया
- पेट में दर्द
- आंखें लाल होना
- त्वचा पर चकत्ते के निशान
एमआईएस-सी उन बच्चों में बीमारी के खराब नतीजों से जुड़ा है जिन्हें कोविड-19 का संक्रमण हुआ है या पहले कभी हुआ था। यह सिंड्रोम रक्त वाहिकाओं के साथ ही शरीर की कई प्रणालियों और तंत्रों को भी प्रभावित कर सकता है जैसे कार्डियोवास्कुलर या हृदयवाहिनी तंत्र, पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र, श्लेष्मत्वचीय झिल्ली (त्वचा और श्लेष्म झिल्ली) और हीमेटोलॉजिकल यानी रक्त संबंधी तंत्र।
मौजूदा समय में डॉक्टर इस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों का इलाज अंतःशिरा (इंट्राविनस) इम्यून ग्लोबुलिन, ग्लूकोकोर्टिकॉयड्स, इंटरल्युकिन-6 (आईएल-6) इन्हीबिटर्स जैसे- टोसिलिजुमैब और सिल्टुक्सीमैब या 1आरए इन्हीबिटर्स जैसे- एनैकिनरा के जरिए कर रहे हैं। इस सिंड्रोम से पीड़ित कई बच्चों को आईसीयू की जरूरत होती है तो वहीं कुछ बच्चों को वेंटिलेटर या ईसीएमओ (एक्सट्रॉकॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सिजेनेशन) के माध्यम से ऑक्सीजन सपोर्ट की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
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एमआईएस-सी बच्चों में कोविड-19 संक्रमण की गंभीर जटिलता है जिसका अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। एमआईएस-सी के बारे में आपको ये बातें जानना है जरूरी।