कोविड-19 महामारी दुनियाभर में करीब दो लाख 88 हजार लोगों की जान ले चुकी है। लेकिन इससे बचाए गए लोगों की संख्या 15 लाख से भी ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से फैली इस बीमारी ने जितनी लोगों को मारा है, उससे पांच गुना से भी ज्यादा लोगों ने इसे मात दी है। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि कोविड-19 की वैश्विक मृत्यु दर 6.72 प्रतिशत है तो रिकवरी रेट करीब 36 प्रतिशत है। लेकिन अलग-अलग देशों में आंकड़े भी अलग-अलग हैं। कोई सही रणनीति और स्वास्थ्यगत ढांचे की बदौलत बीमारी को रोकने में काफी आगे है तो कोई इन दोनों की कमी के चलते वायरस को रोकने की दौड़ में काफी पीछे दिखाई दे रहा है। इनमें वे देश भी शामिल हैं, जो आर्थिक रूप से काफी ज्यादा मजूबत माने जाते हैं।

यूरोप
कोविड-19 के मरीजों की संख्या के मामले में यूरोप अभी भी दुनिया में सबसे आगे है। यहां इस बीमारी से अब तक 16 लाख 66 हजार से भी ज्यादा लोग बीमार पड़ चुके हैं। इनमें से एक लाख 54 हजार की मौत हो गई है। यूरोप में कोविड-19 की मृत्यु दर 9.25 प्रतिशत है। लेकिन रिकवरी रेट चार गुना से भी अधिक यानी करीब 41 प्रतिशत है। ऐसा इसलिए क्योंकि, बचाए गए मरीजों का आंकड़ा करीब छह लाख 80 हजार है।

यूरोपीय देशों की बात करें तो स्पेन में कोरोना वायरस से लगभग दो लाख 70 हजार लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से करीब 27,000 मारे गए हैं, लेकिन एक लाख 80 हजार से ज्यादा बचा भी लिए गए हैं। यानी स्पेन में कोविड-19 की मृत्यु दर लगभग दस प्रतिशत है, लेकिन रिकवरी रेट 66 प्रतिशत से भी ज्यादा है। इटली में यह दर 48 प्रतिशत है। वहां कोरोना वायरस के करीब दो लाख 20 हजार मरीजों में से एक लाख 6,000 से ज्यादा को बचा लिया गया है। इस मामले में फ्रांस कुछ निराश करता है। वहां इस वायरस ने एक लाख 77 हजार से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है। इनमें से 26,600 से ज्यादा की मौत हो गई है और बचाए गए लोगों की संख्या 56,700 से कुछ ज्यादा है, जो कुल मरीजों का 31 प्रतिशत है।

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यूनाइटेड किंगडम के हालात तो और भी बदतर हैं। वहां सार्स-सीओवी-2 ने दो लाख 23 से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है। इनमें से कितनों को बचाया गया है, इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा मौजूद नहीं है। लेकिन इतना तय है कि यह संख्या बहुत कम है, क्योंकि यूके में अभी भी एक लाख 90 हजार यानी 85 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों का इलाज किया ही जा रहा है। लेकिन दूसरी तरफ, जर्मनी ने कोविड-19 से निपटने की मिसाल पेश की है। वहां सार्स-सीओवी-2 ने एक लाख 72 हजार से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है। इनमें से 7,661 की मौत हुई है, जो कुल मामलों को चार प्रतिशत से कुछ ज्यादा है। वहीं, बचाए गए मरीजों की संख्या एक लाख 47 हजार से ज्यादा है। यह कुल मरीजों का 85 प्रतिशत है।

उत्तरी अमेरिका
कनाडा और अमेरिका जैसे विशाल देशों वाला उत्तरी अमेरिका महाद्वीप कोरोना वायरस के मामलों में यूरोप के बाद दूसरे नंबर पर है। यहां कोविड-19 के 15 लाख से ज्यादा मरीज हैं। इनमें से 91 हजार से ज्यादा की मौत हो गई है, जो कुल मरीजों का छह प्रतिशत है। यह आंकड़ा यूरोप से लगभग चार प्रतिशत कम है। वहीं, इस महाद्वीप में कोविड-19 से बचाए गए लोगों की संख्या, मृतकों से तीन गुना से भी ज्यादा है। उत्तरी अमेरिका में कोरोना संक्रमण से लगभग तीन लाख 30 हजार लोगों को बचाया गया है, जो कुल मरीजों का करीब 22 प्रतिशत है।

इस महाद्वीप में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित तीन देश अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको हैं। अमेरिका में कोविड-19 के 13 लाख 85 हजार मरीज हैं, जिनमें से करीब 81,800 की मौत हो गई है। यानी कुल मामलों का करीब छह प्रतिशत। वहीं, बचाए गए मरीजों की संख्या दो लाख 62 हजार है, जो कुल मरीजों का करीब 19 प्रतिशत है। कनाडा इस मामले में बेहतर स्थिति में है। अमेरिका से तुलना करें तो वहां कोरोना वायरस के केवल (करीब) 70,000 मामले हैं, जिनमें से लगभग 33,000 यानी 47 प्रतिशत को बचा लिया गया है। इसके विपरीत, यहां मृत्यु दर सात प्रतिशत से ज्यादा है।

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एशिया
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में एशियाई देश यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों से बेहतर दिखाई देते हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस महाद्वीप में कोविड-19 के कुल छह लाख 92 हजार मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 22,654 में मरीजों की मौत हो गई है। यह संख्या कुल मरीजों की 3.26 प्रतिशत है, जो यूरोप से तीन गुना और उत्तरी अमेरिका से दोगुना कम है। इसके विपरीत बचाए मरीजों की संख्या तीन लाख 86 हजार से ज्यादा है। यह आंकड़ा कुल मामलों का करीब 56 प्रतिशत है।

एशियाई देशों के व्यक्तिगत आंकड़े भी कोविड-19 पर उनके प्रभावी नियंत्रण की गवाही देते हैं। तुर्की सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाला एशियाई देश है। यहां इस वायरस ने अब तक करीब एक लाख 40 हजार लोगों को संक्रमित किया है। इनमें से लगभग 96 हजार यानी 68 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है, जबकि मृत्यु दर तीन प्रतिशत से भी कम (2.74 प्रतिशत) है।

चीन के बाद कभी कोविड-19 का दूसरा केंद्र बताया गया ईरान भी ज्यादा मरीजों को बचाने में कामयाब रहा है। यहां कोविड-19 के कुल मरीजों की संख्या एक लाख दस हजार से ज्यादा है, जिनमें से 6,700 से ज्यादा की मौत हो गई है। लेकिन बीमारी से उबर चुके लोगों का आंकड़ा भी 88,000 से ज्यादा है। यानी मृत्यु दर छह प्रतिशस से ज्यादा है तो रिकवरी रेट करीब 80 प्रतिशत है। चीन में यह आंकड़ा 94 प्रतिशत है और दक्षिण कोरिया में 88 प्रतिशत है। चीन में जहां कोविड-19 की मृत्यु दर 5.58 प्रतिशत रही है, वहीं दक्षिण कोरिया में मात्र 2.35 प्रतिशत की दर से लोग मारे गए हैं।

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उधर, भारत में कुल मरीजों (71,000 से ज्यादा) में से 32 प्रतिशत को बचा लिया गया है। यह आंकड़ा तुर्की, ईरान और चीन से भले कम है, लेकिन यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत में कोविड-19 ने काफी देर से रफ्तार पकड़ी है और यहां इसकी मृत्यु दर अभी तक तीन प्रतिशत से ऊपर नहीं गई है। इसलिए फिलहाल भारत को कोविड-19 के नियंत्रण को लेकर विफल बताना उचित नहीं है।


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