स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी नोवार्टिस द्वारा निर्मित मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ड्रग कैनाकिन्यूमब कोविड-19 के मरीजों के इलाज में मददगार नहीं है। कंपनी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि उसका ड्रग इनवेसिव वेंटिलेशन के बिना कोविड-19 के मरीजों की जान बचाने में सहायक नहीं पाया गया है। बता दें कि कैनाकिन्यूमब आर्थराइटिस (गठिया) व अन्य रोगों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा है। कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए इसे कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों के इलाज में इस्तेमाल करने का अप्रूवल दिया गया था। लेकिन ट्रायल में दवा कोरोना संक्रमण के खिलाफ फेल साबित हुई है।

कैनाकिन्यूमब बाजार में जूवेनाइल आर्थराइटिस और अन्य मेडिकल कंडीशनों के ट्रीटमेंट ड्रग के रूप में इलेरिस नाम (ब्रेंड) से अप्रूव है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के ट्रीटमेंट के मामले में यह दवा न सिर्फ स्टैंडर्ड थेरेपी की तुलना में अक्षम साबित हुई है, बल्कि ट्रायल के दूसरे उद्देश्य यानी बीमारी की मृत्यु दर को कम करने में भी सक्षम नहीं पाई गई है। दवा की निर्माता कंपनी ने खुद बयान जारी कर कहा है कि उसके अंतिम चरण के क्लिनिकल ट्रायल में यह दवा अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाई है।

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नोवार्टिस कैनाकिन्यूमब का 11 साल से उत्पादन कर रही है। पिछले साल कंपनी ने इस दवा की बिक्री से 671 मिलियन डॉलर यानी करीब 5,000 करोड़ रुपये कमाए थे। कोरोना वायरस संकट के दौरान यह दवा तब और और चर्चा में आ गई जब नोवार्टिस ने उम्मीद जताते हुए कहा था कि उसके द्वारा निर्मित आर्थराइटिस ड्रग कोविड-19 के मरीजों के इलाज में मदद कर सकता है। इसके बाद इस एंटी-इन्फ्लेमेटरी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को अमेरिका, रूस और यूरोप में 454 कोरोना मरीजों पर आजमाया गया। हालांकि इस प्रयास और कंपनी की उम्मीद दोनों को निराशा हाथ लगी।

क्या है कैनाकिन्यूमब?
यह एक ह्यूमन एंटी-आईएल-1बी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है, जो बाजार में एसीजेड885 और इलेरिस ब्रेंड से उपलब्ध है। यह दवा ऑटोइम्यून संबंधी डिसऑर्डर्स या बीमारियों में होने वाली इन्फ्लेमेशन को दबाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। जून 2009 में शीर्ष अमेरिकी ड्रग एजेंसी एफडीए ने कैनाकिन्यूमब के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। तब इसे सर्दी जुकाम से जुड़े ऑटो-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम और मकल-वेल्स सिंड्रोम के इलाज के लिए अप्रूवल दिया गया था। इस समय रूमटॉइड आर्थराइटिस के इलाज के लिए इसकी क्षमता का आंकलन किया जा रहा है।

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इसके अलावा सिस्टमैटिक-ऑनसेट जूवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मनरी डिसीज, टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज और ओक्यूलर डिसीजेज के इलाज के लिए भी कैनाकिन्यूमब का आंकलन और परीक्षण चल रहे हैं। जानकार बताते हैं कि एंटी-इन्फ्लेमेटरी होने के साथ इस ड्रग के कोई साइड इफेक्ट अभी तक सामने नहीं आई हैं, यानी दवा पूरी तरह सुरक्षित है। यही कारण है कि नोवार्टिस ने अपने इस मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए प्रयोग करने की घोषणा की थी। हालांकि उसने पुष्टि कर दी है कि उसका ड्रग इस बीमारी के इलाज में सक्षम नहीं है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें एक और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ड्रग कोविड-19 से जुड़े क्लिनिकल ट्रायल में फेल है

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