कोविड-19 के कुछ मरीजों में इन दिनों एक और समस्या देखने को मिल रही है जिसे कोविड-टोज कहते हैं। इसमें कुछ मरीजों की पैर की ऊंगलियों में स्किन पर लाल या बैंगनी रंग के चकत्ते (रैशेज) हो जाते हैं। यह रैश सिर्फ एक उंगली में एक से ज्यादा उंगलियों में भी हो सकता है। इतना ही नहीं, कुछ मरीजों में तो चकत्ते की यह समस्या बाद में पूरे पैर या उंगलियों में फैल जाती है।
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कोविड-टोज की शुरुआत लाल रंग के चकत्ते से होती है जो देखने में शीतदंश या बिवाई जैसे लगता है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है ये चकत्ते फोड़े या फफोले में बदल जाते हैं, इनका रंग लाल से बैंगनी हो जाता है और पैर की प्रभावित उंगलियों में सूजन भी हो जाती है। कुछ मरीजों में तो यह घाव या त्वचा संक्रमण का भी रूप ले लेता है।
कोविड-टोज नाम का यह लक्षण आमतौर पर तब सामने आता है जब मरीज में कोविड-19 के कोई और लक्षण नहीं दिखते हैं और यह बुजुर्ग मरीजों की तुलना में युवा मरीजों में अधिक देखने को मिलता है। कोविड-टोज की समस्या काफी दर्दनाक हो सकती है और इसमें काफी खुजली भी होती है। यही कारण है कि बहुत से मरीज जब तक यह स्थिति बनी रहती है जूते भी नहीं पहन पाते हैं।
तो आखिर यह कोविड-टोज का लक्षण कितने दिनों तक बना रहता है? अप्रैल 2020 में बनी अमेरिका स्थित रेजिस्ट्री (यूरोपियन अकैडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरियोलॉजी के 29वें कांग्रेस में अक्टूबर 2020 के दौरान इसके नतीजों को पेश किया गया था) की मानें तो कोविड-19 की पुष्टि हो चुके मरीज में कोविड-टोज के लक्षण 10 दिनों तक बने रहते हैं और कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों में करीब 15 दिनों तक। हालांकि कुछ मरीजों में संक्रमण के पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी कोविड-टोज का यह लक्षण करीब 130 दिनों यानी साढ़े 4 महीनों तक नजर आता है।
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इस लक्षण के होने का स्पष्ट कारण और क्रियाविधि क्या है, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आयी है लेकिन अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-टोज को रक्त वाहिकाओं पर होने वाले कोविड-19 के असर और इंटरफेरॉन-1 (एक तरह का साइटोकीन) के शुरुआती हस्तक्षेप के साथ जोड़ा है। हालांकि कोविड-19 की वजह से होने वाला यह घाव देखने में भले ही बिवाई (ठंड के कारण होने वाली सूजन) जैसा लगे लेकिन कोविड-टोज और बिवाई के बीच कई मूलभूत अंतर हैं।
पैर की जो ऊंगलियां इससे प्रभावित हैं उनकी जांच करके कोविड-टोज को डायग्नोज किया जाता है और साथ ही में टेस्ट के जरिए ताकि कोविड-19 इंफेक्शन की पुष्टि हो सके। आरटी-पीसीआर टेस्ट या एंटीबॉडी टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है यह जांचने के लिए कि मरीज में इंफेक्शन अब भी मौजूद है या पहले कभी वह इस इंफेक्शन से संक्रमित हो चुका है। कोविड-टोज का इलाज लक्षणों के आधार पर ही होता है और सूजन और खुजली को कम करने की कोशिश की जाती है। कोविड-टोज क्या है इसके बारे में और अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
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