अक्सर जब लोग पहली बार घर से बाहर रहने के लिए निकलते हैं तो उन्हें होमसिकनेस यानी घर से दूर रखने पर खिन्नता का अनुभव होता है। लेकिन अगर यह होमसिकनेस गंभीर स्थिति में पहुंच जाए तो यह बीमारी का भी रूप ले सकता है। अमेरिकन साइकायट्रिक एसोसिएशन की मानें तो होमसिकनेस में अक्सर इंसान को चिंता, उदासी, मूड खराब रहना, डर लगना और कई बार तो घर और पैरंट्स से मिलने की तीव्र इच्छा महसूस होती है। वैसे तो यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों में पायी जाती है लेकिन कई बार यह वयस्कों में भी हो सकती है।

वैसे लोग जो काम के सिलसिले में अपने घर, परिवार और जन्मस्थान से दूर हों उन्हें भी अक्सर होमसिकनेस महसूस होता है। खासकर जब उनके इलाके में किसी तरह का कर्फ्यू, लॉकडाउन या महामारी की स्थिति हो। मौजूदा समय में कोविड-19 इंफेक्शन की वजह से दुनिया के बहुत से देशों में आंशिक या संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया है। विदेश यात्रा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी यात्रा करने पर रोक लगी हुई है। यहां तक की लोगों को अपने घरों से भी बाहर निकलने की मनाही है।

ऐसे में वे लोग जो अपने परिवारवालों से दूर किसी दूसरे शहर, राज्य या देश में रह रहे हैं उनके मन में अक्सर डर, चिंता और होमसिकनेस की भावना उत्पन्न होती है। खासकर तब जब उनके घर पर बूढ़े मां-बाप अकेले हों, या फिर अगर कोई रिश्तेदार या बच्चा बीमार हो या फिर परिवार का कोई ऐसा सदस्य जिसे पहले से कोई बीमारी हो वह घर पर अकेला हो। 

कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान यात्रा करने की पूरी तरह से मनाही है। इस समय में अगर आप भी लॉकडाउन की वजह से परिवारवालों से दूर अकेले रह रहे हैं, आपको भी घर की याद आ रही है, होमसिकनेस महसूस हो रही है तो आपको अपनी शारीरिक के साथ-साथ मानसिक सेहत का भी ख्याल रखना होगा। इसके लिए आप इन टिप्स को अपना सकते हैं।

  1. घर से दूर रहने का आपकी मानसिक सेहत पर कैसा असर पड़ता है?
  2. लॉकडाउन के दौरान चिंता (एंग्जाइटी) दूर करने के लिए क्या करें?
  3. लॉकडाउन के दौरान ये चीजें भूल से भी न करें
  4. लॉकडाउन के दौरान आप अकेले हैं तो ये चीजें करें
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान परिवार से दूर हैं, मानसिक सेहत बनाए रखने के लिए इन टिप्स को अपनाएं के डॉक्टर

महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान परिवार से बिछड़ना और उनसे दूर रहना आपकी मानसिक सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। कोविड-19, एक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है क्योंकि यह बीमारी बेहद तेजी से दुनियाभर में फैल रही है। ऐसे में इस संक्रामक बीमारी को लेकर चिंतित होना कि कहीं ये आपके परिवार के सदस्यों को न हो जाए, परिवार के सभी सदस्य हमेशा स्वस्थ और कुशल रहें इस बारे में सोचना और परेशान होना स्वाभाविक सी बात है।

ऐसे में जब आप परिवार के सदस्यों से दूर हैं तो यह स्थिति आपके मन में कई तरह के डर और चिंता को उत्पन्न कर सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी नौकरी और बेहतर मौके की तलाश में शहरों में आते हैं। महामारी जैसी इस स्थिति के दौरान और इसके बाद होने वाली आर्थिक उथल-पुथल भी इतनी ज्यादा होती है कि इस स्थिति के बारे में सोचकर भी लॉकडाउन के दौरान लोगों के मन में डर और चिंता बढ़ने लगती है।

इस तरह के संकट के समय अपने परिवार के सदस्यों और चाहने वालों का साथ और उनका आश्वासन चाहना सामान्य सी बात है। इतना ही नहीं जो लोग बुजुर्ग हैं, बीमार हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या जो निःशक्त हैं और परिवारवालों से दूर रहे हैं उनका भी परेशान होना लाजिमी है। ऐसे में लॉकडाउन या क्वारंटाइन के दौरान जब आप परिवारवालों से दूर हैं तो कई तरह की मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में अगर आपको खुद में मानसिक सेहत से जुड़े इनमें से कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत इसका समाधान खोजें-

  • होमसिकनेस (घर से बाहर रहने पर मन खिन्न होना)
  • ऐंग्जाइटी या चिंता
  • बेबसी या असहाय महसूस होना
  • लोगों से दूर हो जाने की चिंता
  • बीमार होने या मृत्यु का डर
  • अविश्वास
  • गुस्सा या उत्तेजना
  • पैनिक अटैक
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लॉकडाउन और कोविड-19 जैसी महामारी के बीच परिवार वाले जो आपसे इस वक्त दूर रहे हैं उनके बारे में सोचना और चिंता करना स्वाभाविक सी बात है। लेकिन ऐसी कई चीजें हैं जिनके जरिए आप अपनी चिंता को काफी कम कर सकते हैं। ऐसे में कोविड-19 की वजह से हुए इस लॉकडाउन के दौरान आपको क्या-क्या करना है, जानें -

  • अपने परिवारवालों को बार-बार आश्वासन दिलाएं कि यह महामारी अस्थायी है जो थोड़े दिनों बाद ठीक हो जाएगी। हालांकि इस दौरान सभी जरूरी ऐहतियात बरतने की जरूरत है ताकि सभी लोग इस बीमारी से बचे रहें।
  • फोन कॉल या विडियो कॉल के माध्यम से नियमित रूप से परिवारवालों के साथ संपर्क बनाए रखें। अगर आपके माता-पिता बूढ़े हैं, बुजुर्ग हैं तो उन्हें कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे करना है इस बारे में भी सिखाएं।
  • इस बात का पूरा ध्यान रखें कि लॉकडाउन के दौरान जिन जरूरी चीजों की आवश्यकता है जैसे-राशन, दवाइयां आदि वह सब आपके परिवारवालों के पास हो। 
  • इस बात का भी ध्यान रखें कि परिवार के सभी सदस्य महामारी से बचने के लिए सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाएं जैसे- नियमित रूप से अपने हाथों को धोते रहना, सांस संबंधी साफ-सफाई का ध्यान रखना, फिजिकिल डिस्टेंसिंग यानी दूसरों से दूरी बनाकर रखना आदि।
  • परिवारवालों से कहें कि वे एक सही रूटीन का पालन करें, स्वस्थ और संतुलित भोजन करें, एक्सरसाइज करें। आप चाहें तो समय-समय पर उनके साथ एक्सरसाइज टाइम और हेल्दी मील भी शेयर कर सकते हैं।
  • परिवार के सदस्यों की सेहत के बार में नियमित अपडेट लेते रहें और अगर जरूरत पड़े तो किसी डॉक्टर या स्वास्थ्य सेवा से जुड़े आपातकालीन नंबर पर फोन करें।
  • किसी भी तरह की इमरजेंसी की स्थिति में अपने फैमिली डॉक्टर और दवा की दुकान जो घर के सबसे नजदीक हो से संपर्क बनाए रखें।
  • ध्यान रहे कि परिवारवाले कोविड-19 से जुड़ी किसी भी तरह की अफवाह और गलत बातों पर यकीन न करें। इसके लिए हर दिन जब आप परिवारवालों से बात करें तो उन्हें कोविड-19 से जुड़ा अपडेट और सही जानकारी दें ताकि वे सोशल मीडिया पर फैल रही गलत बातों को सुनकर घबरा न जाएं।
  • पुरानी यादों के बारे में बात करके आप अपना और परिवार वालों का मूड अच्छा करने की कोशिश कर सकते हैं।

सकारात्मक सुदृढ़िकरण और परिवारवालों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहने से आपकी चिंता, तनाव और होमसिकनेस जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं। बावजूद इसके कुछ और चीजें हैं जिन्हें आपको कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बिलकुल नहीं करना चाहिए वरना आपकी चिंता और पैनिक की समस्या बढ़ सकती है।

किसी भी तरह की चिंता या पैनिक अटैक को शुरू करने वाली (ट्रिगर) इन चीजों से हर हाल में बचना चाहिए क्योंकि घरवालों से दूर रहने की वजह से आप पहले ही बहुत ज्यादा पैनिक और ऐंग्जाइटी में हैं। ऐसे में और ज्यादा स्ट्रेस आपकी मुश्किल बढ़ा सकता है। इसलिए अगर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान आपका परिवार आपसे दूर है तो आपको ये चीजें बिलकुल नहीं करनी चाहिए-

  • कोविड-19 से जुड़ी किसी भी तरह की अफवाह या ऐसी खबर जो सत्यापित नहीं है उसे आपको बिलकुल भी शेयर नहीं करना चाहिए।
  • लॉकडाउन जैसी स्थिति के दौरान किसी भी तरह की खबर, स्थिति या बीमारी के लक्षण को बढ़ा-चढ़ाकर बताने से परेशानी और बढ़ सकती है। इसलिए जहां तक संभव हो अतिशियोक्ति से बचें।
  • परिवार वाले सुरक्षित हैं या नहीं इस पर आपका दूर बैठकर नजर रखना ठीक है, लेकिन हर वक्त हर छोटी छोटी बात लेकिन उन्हें फोन करना या टोकना सही नहीं। इससे भी उनका तनाव बढ़ सकता है।
  • अगर परिवार में कोई सदस्य बीमार है लेकिन वह डॉक्टर के पास जाने से मना कर रहा है तो उन्हें ऐसा करने से रोकें और तुरंत डॉक्टर को फोन करें क्योंकि बीमारी का जल्दी पता लगना और इलाज शुरू होना न सिर्फ कोविड-19 के केस में बल्कि किसी भी बीमारी में जरूरी होता है।
  • परिवारवालों से बात करते वक्त गुस्सा, उत्सुकता या बेचैनी न दिखाएं। ऐसा होने से हो सकता है वे लोग नाराज होकर बात करना बंद कर दें। इससे आपकी चिंता और बढ़ सकती है।
  • परिवारवालों को हर कीमत पर घर से बाहर निकलने से मना करें। अगर बेहद जरूरी हो घर से बाहर जाना तो परिवार कोई एक सदस्य जो पूरी तरह से स्वस्थ हो सिर्फ वही जरूरी चीजें लेने के लिए बाहर जाए और वह भी ऐहतियात बरतते हुए।
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एक तरफ जहां आप कोविड-19 को लेकर अपने परिवारवालों के बारे में सोच रहे हैं उनकी चिंता कर रहे हैं, वहीं परिवारवालों को भी आपकी चिंता हो रही होगी। ऐसे में आपको अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत को बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान आपको क्या-क्या करना चाहिए, इस बारे में जानें-

  • परिवारवालों से बात करते वक्त हमेशा सच बोलें और उन्हें विश्वास दिलाते रहें कि यह समय बस कुछ दिनों के लिए ही है और जल्दी ही सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा।
  • कोविड-19 के खिलाफ आपको सभी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे- फिजिकल डिस्टेंसिंग, हाथों को नियमित रूप से धोते रहना, सांस से संबंधी साफ-सफाई का ध्यान रखना और घर की सभी चीजों और सतहों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुमुक्त करना।
  • जिन जरूरी चीजों की आपको जरूरत हो उन्हें स्टॉक करके रखें। बार-बार घर से बाहर निकलने से बचें।
  • फोन या विडियो कॉल के जरिए अपने परिवार, दोस्तों और ऑफिस के कॉलिग्स के संपर्क में बने रहें। आपको लोगों से शारीरिक दूरी बनाकर रखनी है सामाजिक दूरी नहीं।
  • यह एक अच्छा समय है जब आप जीवन से जुड़ी कुछ चीजें सीख सकते हैं जैसे- घर की साफ-सफाई, कपड़े धोना, खाना बनाना आदि। आप अकेले हैं इसलिए आप ऑनलाइन रखकर परिवार और दोस्तों की मदद ले सकते हैं ये सारी चीजें सीखने में।
  • स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन करें, नींद पूरी करें, हर दिन एक्सरसाइज करें और एक नियमित रूटीन फॉलो करें।
  • अगर कोई खबर या बात आपको परेशान कर रही हो तो अपन सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के समय को लिमिट करें।
Dr. Sumit Kumar.

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संदर्भ

  1. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Mental health and psychosocial considerations during the COVID-19 outbreak
  2. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Mental Health Considerations during COVID-19 Outbreak
  3. Ministry of Health and Family Welfare [Internet]. Government of India. New Delhi. India; Minding our minds during the COVID-19 .
  4. United Nations Children Fund [Internet] United Nations Organization. New York. United States; How to protect your family’s mental health in the face of coronavirus disease (COVID-19)
  5. Centers for Disease Control and Prevention [Internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Coronavirus Disease 2019 (COVID-19): Stress and Coping
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