वैज्ञानिकों ने मेलाटोनिन हार्मोन को कोविड-19 का संभावित ट्रीटमेंट बताया है। यह हार्मोन शरीर के सोने और जागने से जुड़ी प्रक्रिया या साइकिल को नियंत्रित करने का काम करता है। खबर के मुताबिक, अमेरिकी मेडिकल सेंटर क्लीवलैंड क्लिनिक्स द्वारा किए गए अध्ययन में पता चला है कि मेलाटोनिन कोविड-19 के इलाज का एक विकल्प हो सकता है। इस जानकारी को प्रकाशित करने वाले मेडिकल जर्नल प्लॉस बायोलॉजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मेलाटोनिन के कोविड-19 के खिलाफ एक 'भरोसेमेंद' ट्रीटमेंट कैंडिडेट होने का पता लगाय है।
(और पढ़ें - कोविड-19: इम्यून सिस्टम से जुड़े प्रोटीन को ब्लॉक कर कोरोना वायरस को रोका जा सकता है- जॉन्स हॉपकिन्स)
वहीं, क्लीवलैंड क्लिनिक्स ने अपनी कोविड-19 रजिस्ट्री के डेटा से भी पता लगाया है कि कोरोना वायरस की टेस्टिंग में जिन 30 प्रतिशत मामलों में लोगों के पॉजिटिव आने की संभावना कम थी, उनका संबंध मेलाटोनिन के इस्तेमाल से था। शोधकर्ताओं ने इन लोगों की आयु, समुदाय, स्मोकिंग हिस्ट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को ध्यान में रखते हुए यह जानकारी दी है। आंकड़ों को अजस्ट करते समय यह जानकारी विशेष रूप से नोट की गई कि मेलाटोनिन के प्रभाव में अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के लोगों के कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव आने की संभावना 30 से 52 प्रतिशत तक कम हो गई थी।
हालांकि इन परिणामों का मतलब यह नहीं है कि लोगों को मेलाटोनिन का सेवन शुरू कर देना चाहिए। अध्ययन के प्रमुख लेखक और क्लीवलैंड क्लिनिक्स के जेनोमिक मेडिसिन इंस्टीट्यूट के डॉक्टर फेक्सियोंग चेंग का कहना है, 'यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये परिणाम यह नहीं कहते कि लोगों को फिजिशन की सलाह के बिना मेलाटोनिन लेना शुरू कर देना चाहिए। इसके फायदों के पुष्टिकरण के लिए बड़े स्तर पर ऑब्जर्वेशनल अध्ययन और रैंडमाइज्ड तरीके से कंट्रोल ट्रायल करने की जरूरत है। लेकिन हम इस अध्ययन के परिणामों से उत्साहित जरूर हैं और इन पर आगे काम करने के लिए तैयार हैं।'
(और पढ़ें - कोविड-19 में होने वाले दर्द से राहत देता है कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन, जिससे बढ़ रही है बीमारी: वैज्ञानिक)
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने क्लीवलैंड क्लिनिक्स में भर्ती हुए मरीजों के हेल्थ रिकॉर्ड और उनके इलाज में इस्तेमाल हुई मेडिसिन मेथेडोलॉजी का विश्लेषण किया, यह पता लगाने के लिए कोरोना संक्रमण और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए कौन से कॉमन क्लिनिकल मैनिफेस्टेशन और पैथोलॉजी मेथड अपनाए जाते हैं। इसमें उन्होंने कोविड-19 मरीजों के होस्ट जीन्स/प्रोटीनों और 64 अन्य प्रकार की बीमारियों के बीच नजदीकी की जांच की।
इस प्रक्रिया के दौरान पता चला कि रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम या सेप्सिस (कोविड-19 से जुड़ी दो जानलेवा कंडीशन) जैसी बीमारियों से जुड़े प्रोटीन सार्स-सीओवी-2 के मल्टीपल प्रोटीनों से कनेक्टेड थे। इस पर डॉ. चेंग ने बताया, 'यह जानने पर हमें सिग्नल मिला कि इन रेस्पिरेटरी कंडीशन के लिए पहले से अप्रूव किसी ड्रग में कोविड-19 का इलाज करने की भी क्षमता हो सकती है। वह इन बायोलॉजिकल टार्गेट्स (प्रोटीन) पर कार्रवाई कर ऐसा कर सकता है।' कुल मिलाकर वैज्ञानिकों ने तय किया कि ऑटोइम्यून, पल्मनरी और न्यूरोलॉजिकल डिजीज में सार्स-सीओवी-2 के जीन्स/प्रोटीनों जैसी नेटवर्क प्रॉक्सिमिटी होती है। इस आधार पर उन्होंने 34 अलग-अलग दवाओं की पहचान की, जिनमें सबसे उपयोगी मेलाटोनिन पाई गई।