दुनियाभर में कोविड-19 का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वैश्विक आंकड़ों की बात करें तो 8 अप्रैल तक 14 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 83 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण को रोकने के लिए लोगों से अनुरोध किया गया है कि जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें। साथ ही इस संक्रामक बीमारी से खुद को बचाने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग यानी दूसरों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करें।
चूंकि यह संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल रहा है, ऐसे में इस बात के पुख्ता सबूत मिल रहे हैं कि श्वसन संबंधी संक्रमण जैसे इन्फ्लूएंजा और अब कोविड-19 के प्रसार में भीड़ या जनसमूह एक अहर रोल निभाता है। कोविड-19 संक्रमण के सामुदायिक प्रसार को रोकने के मकसद से भारत सरकार द्वारा पूरे देश में सार्वजनिक स्थानों और संस्थानों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
इटली, फ्रांस और स्पेन जैसे देश जहां कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है, इन देशों की सरकारों ने भी संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए भीड़ जमा होने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि भीड़ के माध्यम से कोविड-19 संक्रमण के फैलने का खतरा बहुत अधिक रहता है।
दरअसल, ऐसी कोई भी जगह जहां सघन भीड़ हो, आने-जाने यानी एंट्री और एग्जिट के रास्ते सीमित हों और जहां साइट पर मेडिकल से जुड़ी सुविधाएं बेहद कम या सीमित मात्रा में हों, वैसी भीड़भाड़ वाली जगह पर संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा अधिक होता है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बड़ी संख्या में लोगों का एक साथ एक जगह पर एकत्रित होना कोविड-19 मामले में किस प्रकार से खतरा पैदा कर सकता है।