नए कोरोना वायरस से फैली कोविड-19 महामारी के चलते दुनियाभर में स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा उपकरणों की कमी देखने को मिल रही है। इनमें मास्क सबसे जरूरी उपकरणों में से एक बताया जा रहा है। हाल में चीन ने बताया था कि उसने मार्च से लेकर इस महीने की शुरुआत तक पूरी दुनिया में 3.86 अरब मास्क, लाखों पीपीई और हजारों वेंटिलेटर निर्यात किए हैं। लेकिन अब इन उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर कई देशों ने सवाल उठाए हैं। कई देशों ने चीन का माल वापस तक कर दिया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चीन में इन जरूरी सामान का उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन इनकी गुणवता को लेकर उसे वैश्विक स्तर पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। बताया गया है कि हाल के दिनों में स्पेन, नीदरलैंड, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया ने चीन से आए मास्क को उसे वापस कर दिया है।
अब फिनलैंड ने चीनी माल पर उठाए सवाल
जिन देशों ने चीन द्वारा निर्मित सर्जिकल मास्क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, उनमें नया नाम फिनलैंड का है। खबर है कि फिनलैंड ने चीन से 20 लाख सर्जिकल मास्क और दो लाख 30,000 रेस्पिरेटर मास्क खरीदे थे, लेकिन इसकी खेप पहुंचने के एक ही दिन बाद यह पता चला कि भेजे गए ‘मास्क’ स्टैंडर्ड क्वालिटी के नहीं हैं। फिनलैंड की स्वास्थ्य मंत्री ऐनो-काइसा पेकोनेन ने खुद ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, फिनलैंड को वर्तमान में पांच लाख सर्जिकल मास्क की आवश्यकता है, जबकि हर दिन 50,000 रेस्पिरेटर मास्क की जरूरत है। यही वजह है कि फिनलैंड ने तीन घरेलू कंपनियों को हर दिन दो लाख मास्क बनाने का आर्डर दिया है। हालांकि मास्क का उत्पादन इस महीने के अंत में शुरू हो सकेगा।
कनाडा ने भी हजारों की संख्या में चीनी मास्क वापस कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, गुणवत्ता की जांच में खरा नहीं उतरने पर 62,600 मास्क चीन को वापस भेज दिए गए। कनाडाई अधिकारियों ने बताया कि बीते 28 मार्च को उन्होंने चीन को दो लाख डॉलर का ऑर्डर दिया था, लेकिन उत्पादों की गुणवत्ता में खासी कमी पाई गई। इसके बाद पैसे वापस करने की शर्त पर सारा खराब माल लौटा दिया गया।
इन देशों ने भी लौटाए चीनी मास्क
- स्पेन ने भी चीन से आई टेस्ट किट्स वापस कर दीं। जानकारी के मुताबिक, उसने तीन लाख 40,000 टेस्ट किट का ऑर्डर दिया था, लेकिन इनमें से 60,000 टेस्ट किट कोरोना वायरस की जांच के स्तर पर कारगर साबित नही हुईं।
- नीदरलैंड ने भी छह लाख मास्क चीन को वापस करने की घोषणा की है। मार्च महीने में ही यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया था कि मास्क पूरी तरह से फिट नहीं थे और ना ही उनकी फिल्टर क्षमता संतोषजनक थी।
- इसके अलावा, तुर्की ने यह आरोप लगाते हुए चीनी कंपनियों के मेडिकल उत्पाद वापस कर दिए कि वे गुणवता के मापदंडों पर सटीक नहीं थे।
भारत के लिए संकेत
अपने उत्पादों की क्वालिटी को लेकर लगातार आरोप लगने के बाद चीनी सरकार को सामने आना पड़ा। इसके लिए उसने उत्पाद की जांच में कमी का हवाला दिया। चीन ने कहा कि सप्लाई के समय उत्पादों की ‘दोहरी जांच’ नहीं की गई थी। बहरहाल, चीन के खराब गुणवत्ता वाले मास्क व अन्य मेडिकल उत्पादों से जुड़ी ये खबरें ऐसे समय में सामने आई हैं, जब भारत को भी कोविड-19 के चलते बड़ी संख्या में मास्क और वेंटिलेटर की जरूरत है। फिनलैंड, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के अनुभव बताते हैं कि भारत को इन उत्पादों का निर्माण खुद ही करना चाहिए और अगर आने वाले दिनों में इनके आयात की जरूरत हो तो चीन के विकल्प पर अच्छे से विचार करना चाहिए।
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