महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने की दिशा में प्लाज्मा थेरेपी आधारित एक बहुत बड़ा ट्रायल शुरू करने जा रही है। राज्य सरकार के हवाले से आई खबरों में इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल बताया जा रहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो इस ट्रायल का नाम 'प्रोजेक्ट प्लेटीना' रखा गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से राज्य में प्लाज्मा थेरेपी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट के तहत दी जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी पुरी तरह निशुल्क होगी।
आदित्य ठाकरे द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, इस ट्रायल में महाराष्ट्र के 17 मेडिकल कॉलेजों को शामिल किया गया है। महाराष्ट्र के पांच लाख 48 हजार कोरोना मरीजों में से एक लाख 64 हजार इन्हीं 17 मेडिकल कॉलेजों से हैं। प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी देते हुए आदित्य ठाकरे ने यह भी बताया कि भारत में जब से कोरोना वायरस संकट कोविड-19 महामारी के रूप में शुरू हुआ है, तभी से महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी आधारित ट्रीटमेंट पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा, 'इस पूरे ट्रायल की फंडिंग मुख्यमंत्री राहत कोष के जरिये की गई है। हम उम्मीद करते हैं कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ चल रही वैश्विक लड़ाई में यह एक बड़ी कामयाबी साबित होगा।'
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महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली की सरकार भी प्लाज्मा थेरेपी पर काफी भरोसा दिखा रही है। यही वजह है कि उसने आज ही दिल्ली में कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा बैंक बनाने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की है कि राजधानी में जो लोग कोविड-19 से उबर कर पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं, वे आगे आकर इस प्लाज्मा बैंक में अपना प्लाज्मा डोनेट करें ताकि उससे बाकी मरीजों की जान बचाने में मदद मिल सके।
बहरहाल, देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या के मामले में देश के ये दोनों राज्य (दिल्ली केंद्रशामिल प्रदेश है) सबसे आगे हैं। महाराष्ट्र में जहां एक लाख 64 हजार से ज्यादा मरीज है, वहीं दिल्ली में 83 हजार से ज्यादा मरीज हो चुके हैं। इनमें से 2,600 से अधिक की मौत हो गई है। उधर, महाराष्ट्र में करीब 7,500 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है।