भारत कोविड-19 महामारी के चलते लगाए लॉकडाउन के पांचवें चरण से गुजर रहा है। इस लॉकडाउन 5.0 को आगामी 30 जून को खत्म होना है। लॉकडाउन के पहले चार चरणों के मुकाबले यह लॉकडाउन ज्यादा लचीला है, क्योंकि केंद्र सरकार समेत ज्यादातर राज्य सरकारों ने कई प्रकार पाबंदियों को खत्म कर दिया है। लेकिन इस बीच एक अफवाह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। एक बड़े न्यूज चैनल के नाम से चलाई एक खबर के मुताबिक, 15 जून के बाद देश में एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया जा सकता है। इस दावे ने उन लोगों की चिंता बढ़ा दी है, जिन्होंने कई हफ्तों बाद काम धंधों पर लौटना शुरू ही किया है।

हालांकि, केंद्र सरकार की समाचार एजेंसी पीआईबी ने इस दावे को फर्जी करार दिया है। इसी हफ्ते उसने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था, 'सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही एक फोटो में दावा किया जा रहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा ट्रेन और हवाई यात्रा पर प्रतिबंध के साथ 15 जून से देश में फिर से पूर्ण लॉकडाउन लागू किया जा सकता है। यह (दावा) फेक है।' केंद्रीय समाचार एजेंसी के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु की सरकारों ने भी लॉकडाउन बढ़ाने वाली अफवाहों को खारिज किया है।

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लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में नहीं राज्य
खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि लॉकडाउन को और आगे बढ़ाना उनकी सरकार की योजना में शामिल नहीं है और न ही 15 जून से (संपूर्ण) लॉकडाउन फिर से लगाने का इरादा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में उद्धव ठाकरे ने लोगों से ऐसी अफवाहों पर विश्वास नहीं करने की अपील की। वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पुणे में कहा कि अब समय आ गया है कि लोग सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए कोविड-19 के साथ जीना सीखें, न कि संपूर्ण लॉकडाउन में रहें।

उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी औपचारिक रूप से लॉकडाउन फिर लागू करने की संभावना को खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, इस मुद्दे पर मद्रास हाई कोर्ट के सामने बयान देते हुए तमिलनाडु सरकार ने भी कहा कि उसकी लॉकडाउन बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। सरकार के मुताबिक, वह न तो चेन्नई में कंप्लीट लॉकडाउन लगाएगी और न ही राज्य के किसी और हिस्से में। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने भी एक बयान में साफ किया कि वे किसी भी तरह के नए लॉकडाउन की घोषणा नहीं करने वाले हैं।

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तमिलनाडु सरकार के मुताबिक, उसने चेन्नई और अन्य इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कई कदम उठाएं हैं, लेकिन संपूर्ण लॉकडाउन जैसा कोई कदम उनकी योजना में शामिल नहीं है। मद्रास हाई कोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए एडिशनल एटवोकेट-जनरल एसएस राजगोपाल ने कहा कि सरकार उन गलियों में लोगों की गतिविधियों पर रोक लगा रही है, जहां ज्यादा मरीज सामने आए हैं। वहीं, दिल्ली सरकार का कहना है कि उसके तहत आने वाले अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड को ऑक्सीजन की सुविधा से लैस करने के बाद उन अस्पतालों में भी ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिन्हें विशेष रूप से कोविड-19 के मरीजों के लिए तैयार नहीं किया गया है। उधर, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह जल्दी ही 500 अतिरिक्त आईसीयू बेड का इंतजाम करने वाली है। साथ ही, हरेक प्राइवेट अस्पताल में सरकार की तरफ से एक हेल्पडेस्क की व्यवस्था की जाएगी, जो वहां मरीजों को आने वाली समस्याओं को दूर करने में उनकी मदद करेगी।

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पंजाब में लॉकडाउन सख्त किया गया
हालांकि देश का एक राज्य जरूर अपने यहां लॉकडाउन से जुड़े नियमों को थोड़ा सख्त कर रहा है। खबर है कि पंजाब सरकार ने राज्य में सप्ताहांत (वीकेंड) और सरकारी छुट्टियों में सख्त लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की है। उसने कहा है कि राज्य में रविवार के दिन सभी गैर-जरूरी दुकानें और सेवाएं बंद रहेंगी। केवल आवश्यक चीजों (जैसे दवा) से जुड़ी दुकानों और सेवाओं को सभी दिन चालू रहने की अनुमति होगी। इसके अलावा उसने एक जिले से दूसरे जिले में वाहनों के आने-जाने पर भी ई-पास होने का नियम लागू कर दिया है। सरकार के मुताबिक, केविल मेडिकल इमरजेंसी में यह नियम लागू नहीं होगा। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कोविड-19 के कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए राज्य सरकार जरूरत पड़ने पर सख्त फैसले लेगी।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु ने 'संपूर्ण' लॉकडाउन फिर लगाने के दावे को झूठा करार दिया, मौजूदा लॉकडाउन आगे बढ़ाने का भी इरादा नहीं है

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