देश-दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। भारत में लॉकडाउन के बीच कई इलाकों को सील कर दिया गया है। वहीं, जो लोग जरूरी काम से बाहर निकल रहे हैं, उनके लिए राज्य सरकारें एक-एक कर मास्क पहनना अनिवार्य कर रही हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, ओडिशा में ऐसे आदेश दिए गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, लद्दाख में भी लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। कुछ राज्य सरकारों ने तो मास्क नहीं पहनने के एवज में जुर्माना या जेल तक भेजने की बात कही है।
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हालात देख कर लगता है कि शायद आने वाले दिनों में देश के और राज्यों में लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य हो जाए। ऐसे में जानते हैं कि क्या मास्क लगाने से कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षा की जा सकती है। यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि कोरोना वायरस मास्क पर कब तक जीवित रह सकता है और इस संभावना के चलते अलग-अलग प्रकार के मास्क को किस तरह इस्तेमाल करना है।
क्या कहते हैं शोध और विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी पत्रिका ‘द लांसेट’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण हर जगह अलग-अलग तरह से सक्रिय रहता है। हांगकांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के शोध के आधार पर पत्रिका ने बताया कि प्रिंटिंग और टिशू पेपर पर कोरोना वायरस तीन घंटों तक रह सकता है। प्लास्टिक और स्टील की सतह पर यह विषाणु चार से सात दिन तक जीवित रह सकता है। गिलास और नोट पर इसके जिंदा रहने की क्षमता दो से चार दिन की है। लेकिन इससे बचने के लिए जो मास्क हम पहनते हैं, उसकी सतह पर कोरोना वायरस एक हफ्ते बाद भी जीवित रह सकता है। इससे पहले 'नेचर' पत्रिका में बताया गया था कि कोरोना वायरस अलग-अलग सतहों पर कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक एक्टिव रह सकता है।
बहरहाल, लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जानकारी ने शोधकर्ताओं को भी हैरानी में डाल दिया था। इसीलिए वे सलाह देते हैं कि अगर कोई व्यक्ति सर्जिकल मास्क पहनता है, तो उसे मास्क के बाहरी हिस्से को नहीं छूना चाहिए और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। रिसर्च से जुड़े शोधकर्ता लियो पून लिट-मैन और विरोलॉजिस्ट डॉ. लिक पेइरिस का कहना है कि कोरोना वातावरण में एक निश्चित समय के लिए रह सकता है। लेकिन मास्क जैसे सुरक्षा उपकरणों पर इसकी स्थिरता काफी दिनों तक बनी रह सकती है, जो घातक हो सकती है।
मास्क से संक्रमण खत्म करने का तरीका
शोधकर्ताओं के मुताबिक, आम घरेलू कीटाणुनाशक जैसे ब्लीच मास्क को साफ कर वायरस को 'मारने' में प्रभावी हो सकते हैं। वहीं, साबुन से बार-बार हाथ धोने से भी कोरोना वायरस से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। इससे मास्क के ज्यादा समय तक साफ रहने की संभावना रहती है। वहीं, डब्ल्यूएचओ ने लोगों को मास्क पहनने का सही तरीका बताया है। इसमें उसने निम्नलिखित निर्देश दिए हैं-
- मास्क पहनने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें, इसके लिए एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं
- नाक और मुंह को मास्क से ढक लें और ध्यान रखें कि आपके चेहरे और मास्क के बीच खाली जगह नहीं होनी चाहिए
- जब आपने मास्क पहन रखा है तो उसे बार-बार न छूएं, अगर आपने मास्क को छुआ है तो हाथों को धो लें या सैनेटाइज कर लें
- अगर आपका मास्क सिंगल यूज है तो एक बार इस्तेमाल करने के बाद उसे इस तरह फेंकें कि कोई और उसके संपर्क में न आए
- मास्क को हटाने के लिए उसे पीछे से खोलें और सामने के हिस्से को न छुएं
- मास्क को चेहरे से उतारते ही किसी ऐसे डस्टबिन में डालें जिसमें ढक्कन लगा हो और उसके बाद अपने हाथों को धो लें
- अगर मास्क रीयूजेबल है तो जैसे ही मास्क गीला हो जाए उसे तुरंत बदल दें
- याद रखें, सामान्य कपड़े के मास्क को नियमित रूप से धोना है। आप सामान्य डिटर्जेंट पाउडर और गर्म मानी से मास्क को धोएं और जितना संभव हो उतने गर्म तापमान में उसे सुखाएं
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