केरल के कोच्चि स्थित फार्मा रिसर्च फर्म पीएनबी वेस्पर ने कोविड-19 के इलाज के लिए आधारित एक संभावित ड्रग तैयार किया है। कंपनी को इस दवा के दूसरे चरण के ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में पहली बार नए मॉलिक्यूल आधारित किसी केमिकल ड्रग को कोविड-19 के ट्रीटमेंट की खोज के प्रयास के तहत इस तरह के ट्रायल करने की इजाजत दी गई है। एजेंसी की मानें तो कंपनी के प्रमोटर और शीर्ष पदाधिकारी पीएन बालाराम ने यह जानकारी दी है। 

बताया गया है कि पीएनबी वेस्पर ने छह नए केमिकल ड्रग विकसित किए हैं, जिनमें से एक है पीएनबी001। इसी दवाको कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए बतौर एक्सपेरिमेंट इस्तेमाल किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएनबी001 को पहले लंग कैंसर के लिए तैयार किया गया था। बाद में इसे प्रयोगशाला में मोडिफाई किया गया। कंपनी का कहना है कि उसकी प्रयोगशालाएं ब्रिटेन में स्थापित की गई हैं।

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पीएनबी वेस्टर के प्रमोटर और चीफ एग्जिक्यूटिव पीएन बालाराम ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन के तहत आने वाले सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी (सीएलए) ने गुरुवार को उनकी कंपनी को दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल करने की अनुमति दे दी। इसके बाद बालाराम ने दावा किया कि पीएनबी वेस्पर दुनिया की एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो कोविड-19 के इलाज के लिए तैयार किए गए पूर्ण रूप से नए मॉलिक्यूल आधारित ड्रग के परीक्षण करने जा रही है। बालाराम के मुताबिक, इस काम में अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के छह वैज्ञानिक बतौर रिसर्च पार्टनर शामिल हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रायल में महाराष्ट्र के पुणे स्थित बीएमजे मेडिकल कॉलेज में भर्ती 40 कोरोना वायरस मरीजों को शामिल किया जाएगा। ठाणे स्थित बायोस्फेरिक क्लिनिकल रिसर्च ट्रायल की अगवानी करेगा। दवा की क्षमता और सुरक्षा के मूल्यांकन के लिए ट्रायल को रैंडमाइज और ओपन लेबल मेथड के तहत किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, परीक्षण में कोविड-19 के केवल सामान्य मरीजों को शामिल करने की योजना है। समाचार एजेंसी ने इस बाबत सीएलए द्वारा लिखित एक पत्र के हवाले से यह जानकारी दी है।

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वहीं, पीएनबी001 दवा के पहले ट्रायल की जानकारी देते हुए पीएन बालाराम ने बताया कि यह परीक्षण फरवरी में लंबादा थेरप्यूटिक रिसर्च द्वारा अहमदाबाद में किया गया था। वहां कोरोना संक्रमण से पीड़ित 78 लोगों पर यह दवा आजमाई गई थी। इसमें जो परिणाम सामने आए, उनके आधार पर बतौर कंपनी प्रमोटर बालाराम का दावा है कि पीएनबी001 एस्पिरिन से 20 गुना ज्यादा असरदार है और इसके कोई दुष्प्रभाव भी मरीजों में नहीं दिखे हैं। उनका कहना है कि अगर दूसरे चरण के ट्रायल भी सफल रहे तो कंपनी दिल्ली और लखनऊ स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स समेत देश के कई अन्य शहरों में स्थित बड़े अस्पतालों में तीसरे चरण का ट्रायल करेगी। इसमें 378 मरीजों को पीएनबी001 दिए जाने की योजना है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: केरल की इस कंपनी ने तैयार किया नया ड्रग, एस्पिरिन से '20 गुना ज्यादा' असरदार होने का दावा, दूसरे चरण के ट्रायल को डीसीजीआई की मंजूरी है

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