देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में अभी तक का सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मंगलवार से अब तक देशभर में कोरोना वायरस के 300 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं। इससे भारत में कोविड-19 के कुल मरीजों की संख्या 1,657 तक पहुंचने की बात कही जा रही है। वहीं, मृतकों की संख्या भी 50 के पार पहुंच गई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की कल रात की अपडेट में ये दोनों आंकड़े 1,397 (मरीज) और 35 (मौतें) बताए गए थे। देखना होगा कि शाम को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार कोई नई अपडेट देती है या नहीं। 

मीडिया में आई खबरों की मानें तो अब देश के छह राज्यों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या सौ से ज्यादा हो गई है। केरल और महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु (124), दिल्ली (120), उत्तर प्रदेश (104) और कर्नाटक (101) में भी सौ से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इस सूची में जल्दी ही राजस्थान और तेलंगाना का नाम भी आ सकता है, जहां कोविड-19 के क्रमशः 93 और 92 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। महाराष्ट्र में तो मरीजों का आंकड़ा 320 हो गया है। यहां कोविड-19 से अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। इसके बाद तेलंगाना में आठ, गुजरात में छह और मध्य प्रदेश तथा पंजाब में चार-चार मौतें हुई है। वहीं, कर्नाटक में तीन, जम्मू-कश्मीर-केरल-दिल्ली में दो-दो और तमिलनाडु-बिहार-हिमाचल प्रदेश में एक-एक मौत दर्ज की गई है।

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अब तक 42,700 से ज्यादा टेस्ट
मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रतिनिधि डॉक्टर गंगाखेडकर ने बताया कि 30 मार्च तक कोविड-19 से जुड़े 42,788 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें वे 4,346 टेस्ट भी शामिल हैं, जो 30 मार्च के ही दिन अंजाम दिए गए थे। वहीं, निजी लैबोरेटरीज में 399 लोगों के टेस्ट किए गए। इस जानकारी के बाद आईसीएमआर के एपिडेमियॉलजी एंड कम्युनिकेबल डिसीज डिविजन के प्रमुख डॉक्टर खेडकर ने बताया कि भारत इस समय अपनी कुल टेस्टिंग क्षमता का 36 प्रतिशत हिस्सा कोविड-19 की जांच में लगा रहा है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार के देशभर में 123 लैबोरेटरीज को कार्यात्मक रूप से तैयार कर दिया गया है। वहीं, 49 निजी लैबों को भी टेस्ट करने की स्वीकृति दी गई है।

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स्वास्थ्यकर्मियों को मास्क की ज्यादा जरूरत: स्वास्थ्य मंत्रालय
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार और आईसीएमआर ने लोगों को एक बार फिर समझाया कि उन्हें कोरोना वायरस से बचने के लिए हमेशा मास्क पहने रखने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बोलते हुए संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'सरकार लोगों से अपील करती है कि इस गाइडलाइन का पालन करें। हर किसी को हमेशा मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। इस बारे में गाइडलाइंस स्पष्ट रूप से बताती हैं कि मास्क कब पहनना सही है। भीड़भाड़ वाली जगहों, अस्पताल या खुद बीमार होने की स्थिति में मास्क पहना जाना चाहिए।' वहीं, आईसीएमआर के डॉक्टर गंगाखेडकर ने कहा, 'ऐसे कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं हैं जो बताते हों कि बिना बीमारी के मास्क पहनने से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।'

मास्क पहनने के बजाय सरकार ने एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया। लव अग्रवाल ने कहा, 'सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा उपयुक्त है। (इस समय) मास्क ऐसी चीज है जिसकी स्वास्थ्यकर्मियों को ज्यादा जरूरत है। आम लोग सामान्य गाइडलाइंस के हिसाब से ही मास्क पहनें।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें भारत में कोरोना वायरस के मामले 1,600 और मृतकों की संख्या 50 के पार: मीडिया रिपोर्ट्स है

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