नए कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए स्वास्थ्य संकट से सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है, जिन पर इसे रोकने की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इनमें डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी तो हैं ही, साथ में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पुलिसकर्मियों की भी सुरक्षा और सम्मान करने की बात कही है। बता दें कि कोविड-19 से पुलिसकर्मियों के भी बीमार होने की खबरे आई हैं। हाल में महाराष्ट्र और राजस्थान में कुछ पुलिस जवान कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं।

यही वजह है कि महाराष्ट्र और राजस्थान की सरकारों ने पुलिसकर्मियों को ‘हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन’ (एचसीक्यू) दवा देने का सुझाव दिया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हॉटस्पॉट इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों और उनमें पाए जाने वाले अन्य संदिग्धों को भी यह दवा दिए जाने की बात कही जा रही है। मुंबई पुलिस ने पिछले हफ्ते ही इस दवा से जुड़े अभियान की शुरुआत की थी, जबकि राजस्थान में बीते शनिवार को घोषणा की गई कि संवेदनशील इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों को यह एंटी-मलेरिया (एचसीक्यू) दवा दी जाएगी।

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खबरों के मुताबिक, बीती 10 अप्रैल को राजस्थान के जयपुर में एक कॉन्स्टेबल कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने पुलिसकर्मियों को एचसीक्यू दवा देने का फैसला लिया है। राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य स्वास्थ्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के पास 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' की 10 लाख गोलियां हैं और जयपुर पुलिस की ओर से 1,000 दवाएं मांगी गई हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग का भी कहना है कि जरूरत के आधार पर पुलिसकर्मियों को दवा दी जाएं।

उधर, मुंबई पुलिस के दो अधिकारी समेत सात जवान कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसके बाद पुलिस विभाग ने अपने कर्मियों से ईसीजी कराने के बाद चिकित्सा अधिकारी की सलाह पर दवा लेने का कहा है। निर्देशों के तहत, पहले दिन एचसीक्यू आईपी 200 एमजी की दो गोलियां ले सकते हैं। इसके बाद अगले आठ हफ्तों तक प्रति सप्ताह आईपी 400 एमजी की एक गोली ली जा सकती है।

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मुंबई की झुग्गी बस्ती में भी दी जाएगी दवा
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई स्थित धारावी बस्ती की एक लाख झुग्गियों में रहने वाले लोगों को भी एचसीक्यू दवा देने का फैसला किया है। धारावी में कोविड-19 के 49 संक्रमितों की पुष्टि हुई है और पांच लोगों की मौत हो चुकी है। यही वजह है कि यहां लोगों को एचसीक्यू दवा देने का फैसला लिया गया है। हालांकि यहां रहने वाले लोगों के लिए इसे लेना अनिवार्य नहीं होगा। बताया गया है कि इसके लिए उनकी काउंसलिंग हो सकती है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सोमवार को एम्स के डॉक्टरों, नीति आयोग, महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक तकनीकी समिति ने बैठक की थी। इसमें फैसला लिया गया कि धारावी के लोगों को दो समूहों में बांटा जाएगा। इसके तहत एक समूह को एचसीक्यू के साथ विटामिन सी की दवा दी जाएगी, जबकि दूसरे समूह को एचसीक्यू के साथ जिंक दवाएं दी जाएंगी। एक अधिकारी की मानें तो यह देखा जाएगा कि कौन सा ड्रग कॉम्बिनेशन बेहतर है।

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इसके अलावा, मुंबई के वर्ली-प्रभादेवी-लोअर परेल इलाके में 15 वर्ष से अधिक उम्र के कुछ लोगों को यह दवा दी जा सकती है। इस बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक अनूप कुमार यादव का कहना है, 'दवा का विस्तार धीरे-धीरे अन्य हॉटस्पॉट में किया जाएगा। स्वास्थ्यकर्मियों और मरीज की देखभाल वाले परिवार के सदस्यों को भी यह दवा देने का सुझाव दिया गया है।'


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: राजस्थान और महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों को दी जाएगी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, हॉटस्पॉट इलाकों के लोगों को भी देने का सुझाव है

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