कोविड-19 के इलाज के लिए अभी तक कोई कारगर वैक्सीन या दवा नहीं बन पाई है। ऐसे में पहले से बनी दवाओं और ट्रीटमेंट को नए-नए तरीकों के साथ इस्तेमाल करते हुए इस बीमारी का उपचार करने की कोशिश जारी है। इस सिलसिले में अब हाइड्रोजन थेरेपी का नाम सामने आया है। चीन के सिचुआन प्रोविंशियल पीपल्स हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के गंभीर मरीजों को हाइड्रोजन थेरेपी से ठीक करने का प्रयोग किया है, जिसमें उन्हें काफी कामयाबी मिली है। इस अध्ययन के परिणामों को 'हाइड्रोजन: अ पोटेंशियल न्यू एजवेंट थेरेपी फॉर कोविड-19 पेशंट्स' शीर्षक के साथ मेडिकल पत्रिका फ्रंटियर्स इन फार्माकोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन का निष्कर्ष यह है कि हाइड्रोजन थेरेपी कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज में मददगार हो सकती है।

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पत्रिका में प्रकाशित स्टडी रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा है कि हाइड्रोजन में कई तत्व होते हैं, जैसे एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और हार्मोन नियंत्रित करने वाली गतिविधियां। यह इम्यून सेल्स से जुड़ी एक प्रक्रिया एपोप्टोसिस (कोशिका का योजनाबद्ध तरीके से मरना) को भी रोकने का काम कर सकती है। यह तथ्य अब अधिकतर लोग जानते हैं कि नया कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 इम्यून सेल्स को भड़काकर शरीर में साइटोकिन स्टॉर्म पैदा करने का काम करता है। इससे मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है, जिनमें से कुछ मारे भी जाते हैं। यह कंडीशन फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। नए अध्ययन के शोधकर्ताओं की मानें तो हाइड्रोजन थेरेपी बीमार शरीर में बने बलगम को बाहर निकालने का काम करती है, जिससे बीमारी की तीव्रता या गंभीरता में कमी होती है। उनके मुताबिक, इस तरह यह ट्रीटमेंट सिवियर कोविड-19 के एक सहायक थेरेपी के रूप में काम कर सकता है।

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शरीर में मौजूद एक एंजाइम सुपरॉक्साइड डिसम्युटेस (एसओडी) शरीर को एंटीऑक्सिडेंट डैमेज से बचाने का काम करता है। कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोजन थेरेपी का इस्तेमाल करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि इस उपचार से फेफड़ों के ऊतकों में मैलोंडियलडेहाइड नाम के ऑर्गैनिक कंपाउंड की कमी हो जाती है, जिससे एसओडी की कार्रवाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वैज्ञानिकों ने कहा कि चूंकि कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों में अक्सर मल्टीपल ऑर्गन फेलियर देखने को मिलता है, लिहाजा अपने एंटीऑक्सिडेशन और एंटी-एपोप्टोसिस गुणों के कारण हाइड्रोजन थेरेपी संक्रमण के कारण गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए ऑर्गन को बचा सकती है। इनमें हृदय, किडनी के अलावा नर्वस सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण अंग शामिल हैं।

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कोविड-19 से जुड़ी इन्फ्लेमेशन से फेफड़ों को होने वाली क्षति के कारण उनके कुछ हिस्सों में चिपचिपा भराव हो जाता है। इस कंडीशन को नाक के जरिये उच्च प्रवाह वाली ऑक्सीजन देने और बिना तीव्रता वाले वेंटिलेशन के जरिये ठीक किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि यह पॉजिटिव प्रेशर वेंटिलेशन वाला तरीका फेफड़ों के अंगों में भरे चिपचिपे पदार्थ (बलगम) के श्वसनमार्ग में इकट्ठा होने की वजह भी बन सकता है, जिससे आखिरकार मरीज हाइपोक्सिया या सांस की कमी से ग्रस्त हो सकता है। यहां हाइड्रोजन थेरेपी काम आ सकती है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि जब उन्होंने चूहों में हाइड्रोजन युक्त पानी की मदद से बलगम को निकालने का काम किया तो उससे उनके अंगों में बलगम का रिसाव कम हो गया और हाइपोक्सिया में भी कमी हो गई।

इस प्रभाव को लेकर अध्ययन की समीक्षा में शोधकर्ताओं ने लिखा है, 'जल्दी हाइड्रोजन इनहेलेशन देने से बलगम को कम किया जा सकता है, छोटे श्वसनमार्ग में उत्पन्न हुए अवरोध में सुधार और डिस्प्निया (सांस लेने में तकलीफ) से आराम मिल सकता है।' शोधकर्ताओं ने बताया है कि इस थेरेपी को बतौर प्रयोग आजमाते हुए अध्ययन में किसी तरह के बड़े खतरे यानी साइड इफेक्ट का संकेत नहीं मिला है। इस आधार पर उन्होंने गंभीर कोरोना संक्रमण के ट्रीटमेंट के लिए हाइड्रोजन थेरेपी को कारगर होने के साथ सुरक्षित भी बताया है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें गंभीर कोविड-19 के खिलाफ कारगर हो सकती है हाइड्रोजन थेरेपी: वैज्ञानिक है

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