नए कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 के इलाज के लिए वैक्सीन बनाने की कोशिशें दुनियाभर में जारी हैं। इस सिलसिले में भारत के हैदराबाद स्थित कंपनी 'भारत बायोटेक' का नाम काफी चर्चा में है। खबर है कि कंपनी कोविड-19 की नेजल ड्रॉप (नाक में डालने वाली) वैक्सीन बनाने पर काम कर रही है। कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि यह वैक्सीन बना ली गई है और अमेरिका में इसका एनिमल ट्रायल भी शुरू हो चुका है। इस वैक्सीन को ‘कोरो-फ्लू’ नाम दिया गया है, जिसे 'भारत बायोटेक', अमेरिका स्थित 'यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसन' और वहीं की एक बायोतकनीकी कंपनी 'फ्लुजेन' ने साझेदारी के तहत बनाया है।

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इसी साल आ सकती है वैक्सीन
यूनिवर्सिटी ऑफ ‘विस्कॉन्सिन मेडिसन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन, कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकती है। रिपोर्ट की मानें तो 'कोरो-फ्लू' को फ्लुजेन कंपनी की एक दवा 'एम2एसआर' को ध्यान में रख कर विकसित किया जाएगा। एम2एसआर एक एंटी-इन्फ्लुएंजा वैक्सीन है, जो शरीर में एक विशेष इम्युन सिस्टम को फ्लू के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करती है। रिपोर्टों के मुताबिक, फ्लुजेन कंपनी के लैबोरेटरी में इस वैक्सीन में नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के जीन सीक्वेंस को डाला जाएगा ताकि नई दवा कोरोना वायरस के खिलाफ भी एक इम्युन सिस्टम को तैयार करने का काम कर सके।

वहीं, भारत बायोटेक के हवाले से आई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वैक्सीन बनने के बाद अब करीब तीन से छह महीने तक इसका परीक्षण होगा। कंपनी ने बताया है कि अगर ट्रायल में दवा सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती है तो इसके बाद इसे इंसानों पर आजमाया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो संभव है इसी साल के आखिर से पहले यह वैक्सीन मरीजों को उपलब्ध करा दी जाए।

भारत बायोटेक में बिजनेस डेवलपमेंट के प्रमुख रैक्स एला ने बताया कि कंपनी की तैयारी वैक्सीन की डिमांड के हिसाब से होगी। हालांकि वैश्विक मांग को देखते हुए हर साल लगभग 30 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा। एला का कहना है, ‘देश में एनिमल ट्रायल (जानवरों पर होने वाला परीक्षण) और जीन सिंथेसिस सुविधा न होने के चलते वैक्सीन का परीक्षण अमेरिका में किया जा रहा है। समझौते के तहत, फ्लुजेन अपनी मौजूदा विनिर्माण प्रक्रियाओं को भारत बायोटेक को सौंपेगी ताकि उत्पादन बढ़ाने और क्लीनिकल ट्रायल के लिए वैक्सीन बनाई जा सके।’

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भारत बायोटेक कंपनी ने बनाई थी एच1एन1 की वैक्सीन
भारत बायोटेक को महामारी संबंधी वैक्सीन बनाने का अच्छा अनुभव है। कंपनी द्वारा अब तक 16 वैक्सीन बनाई जा चुकी हैं, जिनमें एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू की वैक्सीन भी शामिल है। स्वाइन फ्लू साल 2009 में बड़ी महामारी का कारण बना था। रैक्स एला का कहना है कि भारत बायोटेक कंपनी का मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों में रहने वाले लोगों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं या वैक्सीन उपलब्ध करा कर उनकी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करना है। इसी के तहत कोविड-19 की सफल वैक्सीन बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस: हैदराबाद स्थित 'भारत बायोटेक' कंपनी कोविड-19 की नेजल ड्रॉप वैक्सीन पर कर रही काम, इस साल तक आने की संभावना है

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