कोरोना वायरस के खिलाफ लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए आयुर्वेद का सहारा लेने की बात की जाती रही है। अब लग रहा है कि इन बातों को गंभीरता से लिया जाने लगा है। खबर है कि गुजरात सरकार कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करने जा रही है। वहीं, केरल सरकार ने भी अब आयुर्वेद को विकल्प के तौर पर देखना शुरू किया है।
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए इम्यूनिटी को बेहतर करना सबसे जरूरी है और गुजरात और केरल में अब यही करने की कोशिश की जा रही है। चूंकि कोविड-19 का अब तक कोई इलाज नहीं है, इसलिए लोगों को वायरस से बचाने के लिए उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की कोशिश के तहत इन राज्यों में आयुर्वेद की मदद ली जा रही है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, गुजरात के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार अहमदाबाद के हॉटस्पॉट इलाकों में कोविड-19 के 75 अलक्षणी (असिम्टोमैटिक) रोगियों पर आयुर्वेद दवाओं का इस्तेमाल करेगी। इन रोगियों को समशामनी वटी, दशमूल क्वाथ, त्रिकटु चूर्ण जैसी आयुर्वेदिक दवाइयां दी जाएंगी और साथ ही एक खास तरह की डाइट पर रखा जाएगा। बता दें कि यह इलाज आयुष चिकित्सा के एक अध्ययन के भाग के रूप में होगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि मरीज को कोविड-19 बीमारी से ठीक होने में कितना समय लगता है।
गुजरात में प्रमुख स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि की मानें तो राज्य आयुष विभाग ने प्रदेश में लाखों लोगों को मुफ्त आयुर्वेदिक दवा वितरित की है। इसका लक्ष्य लोगों के इम्यूनिटी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करना है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में क्वारंटीन किए गए 7,778 लोगों को आयुर्वेदिक दवाएं दी गई थीं और उनमें से केवल 21 लोग कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं।
वहीं, आयुष विभाग की निदेशक भावना पटेल ने बताया, ‘हमने 568 आयुर्वेदिक केंद्रों और 38 अस्पतालों के नेटवर्क का उपयोग करके 1.26 करोड़ से अधिक लोगों को उकाला अमृतपुरी दवा वितरित की। इस विशेष दवा का सुझाव 22 विशेषज्ञों के एक समूह ने दिया था। इसके बाद छह मार्च को निवारक दवा के रूप में इसका वितरण शुरू किया था। गौरतलब है कि उस समय तक राज्य में कोरोना वायरस का एक भी मामला नहीं था।‘
केरल में भी आयुर्वेद के जरिये संक्रमण की रोकथाम की कोशिश
गुजरात की तरह केरल में भी आयुर्वेद की मदद ली जा रही है। वैसे तो इस बीमारी की रोकथाम में केरल, गुजरात से काफी आगे हैं, लेकिन अब नए प्रयासों के तहत यह कोशिश भी की जा रही है। खबरों के मुताबिक, केरल सरकार ने कोविड-19 रोकथाम कार्यक्रम के तहत राज्य और जिला स्तर पर आयुर्वेद निकाय स्थापित किए हैं। साथ ही कुछ जिलों और तालुक स्तर पर सरकारी अस्पतालों में 'आयुर रक्षा' क्लीनिक शुरू किए गए हैं। इस बारे में तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. एस गोपाकुमार का कहना है कि 'आयुर रक्षा' क्लीनिक निवारक दवाएं और अन्य स्वास्थ्य सहायता देते हैं।