31 मार्च 2020 के आंकड़ों की मानें तो दुनियाभर में अब तक कोविड-19 की वजह से 42 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और भारत में भी अब तक कोविड-19 की वजह से 35 मौतें हो चुकी हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को यह चिंता भी सता रही है कि अगर किसी व्यक्ति की कोविड-19 संक्रमण से मौत हो जाती है तो उनके मृत शरीर का सही तरीके से निस्तारण कैसे किया जाए। चूंकि, कोविड-19 एक नई बीमारी है, इसलिए लोगों को पता नहीं कि यह बीमारी मृतक के शरीर से फैल सकती है या नहीं।

15 मार्च 2020 को भारत सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें कोविड-19 से मौत होने पर मृतक के शरीर का प्रबंधन कैसे करना है इस बारे में बताया था। इन दिशा-निर्देशों में वे सभी बातें बताई गईं थीं, जिसमें अस्पताल में मृतक के शरीर का प्रबंधन कैसे करना है, शव का परीक्षण (अटॉप्सी) किए जाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है और शव को जलाते या दफनाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है। इन निर्देशों के साथ ही नई दिल्ली स्थित एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी ने भी कोविड-19 से मौत होने पर मृत शरीर का प्रबंधन कैसे करना है इस बारे में कुछ निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में वैसे तो भारत सरकार की तरफ से जारी किए गए निर्देश ही हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त कुछ और पॉइंट्स को भी शामिल किया गया है।

हालांकि, दुनियाभर की ज्यादातर संस्थाएं मृतकों के शरीर के प्रबंधन को लेकर अपने-अपने दिशा-निर्देश भी जारी कर रही हैं। वैसे तो इनमें से ज्यादातर बातें एक जैसी ही हैं, लेकिन थोड़ी बहुत बातें बदली हुई होती हैं या फिर कुछ बातें जोड़ दी जाती हैं। इनमें से ज्यादातर निर्देशों में कोविड-19 से हुई मौत पर मृतक के शरीर को दफनाने की बजाए उसका दाह-संस्कार करने का सुझाव दिया जा रहा है। कोविड-19 बीमारी से मौत होने पर मृतक के शरीर के निस्तारण के लिए इन दिशा-निर्देशों को जारी किया गया है -

  1. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी निर्देश
  2. कोविड-19 मरीज के मृत शरीर के प्रबंधन के लिए एम्स की गाइडलाइन्स
  3. अंतिम यात्रा के लिए WHO के सुझाव और मृत व्यक्ति के सामान का प्रबंधन कैसे करना है?
  4. यूरोपियन यूनियन की तरफ से दिए गए सुझाव
  5. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, अमेरिका के सुझाव
कोविड-19 महामारी से मृत शव के अंतिम संस्कार को लेकर ये हैं दिशा-निर्देश के डॉक्टर

भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कोविड-19 महामारी से मरने वालों के पार्थिव शरीर के प्रबंधन के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं -

सबसे पहले मृत शरीर को आइसोलेशन वॉर्ड/एरिया से हटाना

  • मृत शरीर से जुड़े किसी भी तरह के ट्यूब और नलिका को शरीर से हटाना। इसके बाद शरीर पर अगर कोई खुला हुआ घाव हो तो उसे 1 पर्सेंट हाइपोक्लोराइट सलूशन की मदद से कीटाणुमुक्त करना। इसके बाद शरीर का अगर कोई हिस्सा खुला हो या किसी तरह का छिद्र हो तो उसे किसी ऐसे पदार्थ से भर देना, जिसे तोड़ा या काटा न जा सके।
  • मृतक के शरीर को छूने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहद जरूरी है कि वे पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट जैसे- ग्लव्स, एन95 मास्क, गॉगल्स और वॉटरप्रूफ ऐप्रन पहनकर रखें। साथ ही मृतक के शरीर से जुड़ी किसी भी तरह की ट्यूब या नलिका का अलग डस्टबिन में सही तरीके से निस्तारण करें।
  • मृत शरीर के नाक और मुंह को अच्छी तरह से बंद कर देना है, ताकि वहां से किसी भी तरह का तरल पदार्थ का रिसाव न हो।
  • इसके बाद मृत शरीर को ऐसे प्लास्टिक बैग में रखा जाता है जो पूरी तरह से लीक-प्रूफ हो। इस प्लास्टिक बैग को बाहर से 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट सलूशन से साफ किया जाता है। इसके बाद प्लास्टिक बैग के ऊपर एक दूसरी लेयर बनायी जाती है। इस कपड़े को या तो मुर्दाघर से लिया जाता है या फिर परिवारवाले जो देते हैं उसे भी बिछाया जा सकता है।
  • इसके बाद मृत शरीर को मुर्दाघर भेज दिया जाता है या फिर परिवार वालों को सौंप दिया जाता है।
  • अगर मृतक के परिवार के सदस्य इस पूरी प्रक्रिया को देखना चाहते हैं तो उन्हें भी वही सारे प्रिकॉशन्स अपनाने पड़ते हैं जो स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी अपना रहे हों।
  • मृत शरीर पर मौजूद किसी भी तरह के कपड़े को बायोमेडिकल वेस्ट मानकर हटा लिया जाता है और फिर उसे फेंक दिया जाता है या फिर पूरी तरह से डिसइंफेक्ट यानी कीटाणुमुक्त किया जाता है। सभी तरह के इक्विप्मेंट को भी कीटाणुमुक्त बनाया जाता है। साथ ही आइसोलेशन रूम को भी 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट सलूशन से पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाता है। इसके बाद करीब 30 मिनट बाद पूरे रूम को एयर ड्राई भी किया जाता है।
  • आखिर में सभी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी जिन्होंने मृत शरीर को छूआ था, उन्हें अपने पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट उतारने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ और सैनिटाइज करना चाहिए।

मुर्दा घर में
अगर किसी वजह से मृत शरीर को मुर्दा घर में रखने की जरूरत पड़े तो यहां के स्टाफ को भी सभी सुरक्षात्मक उपाय अपनाने चाहिए, जिसमें पीपीई के साथ-साथ हाथों की सफाई जैसी बातें भी शामिल हैं। साथ ही इन निर्देशों का भी पालन करें -

  • जब तक मृत शरीर मुर्दा घर में है और मृत शरीर के वहां से हटने के बाद मुर्दाघर में मौजूद सभी सतहों को 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट सलूशन से साफ करना है। वहां रखी हुई ट्रॉली, टेबल की ऊपरी सतह, दरवाजे का हैंडल और कुंडी, जमीन सभी चीजें शामिल हैं।
  • मृत शरीर को 4 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना है।
  • शव का परीक्षण (अटॉप्सी) और शव का संलेपन इससे पूरी तरह से बचना चाहिए।
  • अगर शव का परीक्षण किसी वजह से किया जाता है तो टीम को संक्रमण को रोकने के लिए सभी तरह के जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।
  • परीक्षण के दौरान अटॉप्सी रूम का प्रेशर नेगेटिव होना चाहिए और शव का परीक्षण करने वाली टीम को सभी जरूरी पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • परीक्षण के बाद शव को 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट सलूशन से साफ या कीटाणुमुक्त कर देना चाहिए।

मृत शरीर को ले जाते वक्त और दाह-संस्कार से जुड़े निर्देश
चूंकि मृत शरीर को एक प्लास्टिक बैग में बंद कर दिया जाता है लिहाजा इंफेक्शन फैलने का खतरा नहीं होता। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति मृत शरीर को छू रहा है तो उन्हें भी पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरण जरूर पहनना चाहिए और उसके बाद शव ले जाने वाली एंबुलेंस को भी 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट सलूशन से साफ कर देना चाहिए। शवदाहगृह में भी इन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए -

  • मृत शरीर की अंतिम क्रिया के दौरान बहुत ज्यादा भीड़ नहीं होनी चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
  • शवदाहगृह के स्टाफ को पहले से ही मरीज और अपनी रस्मों के बारे में बता देना चाहिए।
  • अगर परिवार के सदस्य आखिरी बार मृतक का चेहरा देखना चाहें तो स्वास्थ्य सेवा से जुड़ा कोई कर्मचारी जिसने पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरण पहन रखा हो वह प्लास्टिक बैग में सिर के तरफ का हिस्सा खोलकर घरवालों को चेहरा दिखा सकता है। हालांकि, किसी को भी शव को छूने की इजाजत नहीं होती।
  • मृतक के शरीर को नहलाना नहीं चाहिए।
  • आखिरी यात्रा से जुड़ी कोई भी रस्म, जिसमें मृत शरीर को छूने की जरूरत नहीं होती सिर्फ उन्हें ही किया जा सकता है।
  • दाह-संस्कार या शव को दफनाने के बाद आखिरी यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों को अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना और सैनिटाइज करना चाहिए।
  • अगर मृत शरीर का दाह-संस्कार किया गया है तो राख को इक्ट्ठा किया जा सकता है क्योंकि उसमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।
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एम्स की तरफ से कुछ बातें इसमें जोड़ी गई हैं जो इस तरह से हैं-

  • मृतक के शरीर को जिस प्लास्टिक बैग में रखा जाना है वह कम से कम 150 माइक्रोन का होना चाहिए और उसपर कोविड-19 लिखा होना चाहिए।
  • अगर मृत शरीर को मुर्दाघर में रखा गया है तो नियमित रूप से वहां के तापमान की जांच होनी चाहिए, ताकि तापमान हमेशा 4 डिग्री बना रहे।
  • अगर कोई और कारण न हो तो शव का परीक्षण यानी अटॉप्सी नहीं करनी चाहिए।
  • अगर पोस्टमार्टम किया जाना है तो शव के अपर रेस्पिरेटरी से स्वैब सैंपल, नेजोफैरिंजियल और ओरोफैरिंजियल स्वैब, साथ ही फेफड़ों का भी स्वैब सैंपल लिया जाना चाहिए। साथ ही कुछ और सैंपल भी लिए जा सकते हैं अगर किसी और तरह के इंफेक्शन की आशंका हो तो।
  • सुरक्षा के लिहाज से सबसे उपयुक्त तरीका यही है कि मृतक के शरीर का इलेक्ट्रिक या गैस वाले शवदाहगृह में दाह-संस्कार किया जाए और इस दौरान शरीर को प्लास्टिक बैग में ही रहने दिया जाए।
  • अगर धार्मिक दृष्टिकोण से शव को दफनाया जाना है तो मृत शरीर को एक मोटे और एयरटाइट ताबूत में बंद करना चाहिए और जमीन में 4 से 6 मीटर के गड्ढे के अंदर दफनाना चाहिए। उसके बाद आसपास के पूरे हिस्से को तुरंत सीमेंट से सील कर देना चाहिए।

हमने आपको ऊपर जितने भी सुझाव बताए हैं उसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की तरफ से भी कोविड-19 मरीज के मृत शरीर का प्रबंधन कैसे करना है इस बारे में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं -

  • बच्चे, ऐसे व्यक्ति जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, जिन्हें सांस से संबंधी कोई बीमारी है या फिर जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है उन्हें मृत व्यक्ति के शरीर से दूर रखना चाहिए।
  • शव को दफनाने के बाद अगर किसी तरह की आखिरी यात्रा से जुड़ा कोई कार्यक्रम किया जाना है तो महामारी को देखते हुए उसे अभी नहीं करना चाहिए क्योंकि ज्यादा संख्या में लोगों का इक्ट्ठा होना ठीक नहीं।
  • ऐसा जरूरी नहीं कि आप मृत व्यक्ति की सभी चीजें फेंक दें या जला दें। अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते तो ध्यान रखें कि आप उसे सही तरीके से छूएं। सबसे पहले ग्लव्स पहन लें और फिर सभी चीजों को 70 प्रतिशत एल्कोहल और 0.1 प्रतिशत ब्लीच के सलूशन में डालकर अच्छी तरह से साफ कर लें।
  • मृत व्यक्ति के कपड़ों को अगर आप रखना चाहते हैं तो पहले उसे 60 से 90 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में मशीन में डिटर्जेंट के साथ डाल दें। या फिर किसी ड्रम में गर्म पानी के साथ कपड़ों को डालें और उसे हिलाते रहें। ध्यान रहे कि पानी बाहर न छलके। इसके बाद ड्रम को खाली कर दें और कपड़ों को फिर से 0.05 प्रतिशत क्लोरीन के सलूशन में 30 मिनट तक भिगोकर रखना चाहिए। इसके बाद कपड़े को फिर से साफ पानी से धोएं और धूप में सुखाएं।

कोविड-19 मरीज के मृत शरीर के प्रबंधन के लिए यूरोपियन यूनियन की तरफ से कुछ सुझाव और जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं -

  • अगर समुदाय में किसी व्यक्ति की मृत्यु कोविड-19 की वजह से होती है तो सभी तरह के जरूरी सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने चाहिए।
  • एंबुलेंस के सभी स्टाफ को पीपीई पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट (ग्लव्स, मास्क, वॉटरप्रूफ सूट) पहनना चाहिए और मृत शरीर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि शरीर से किसी तरह का स्त्राव न हो रहा हो।
  • जरूरी दिशा-निर्देशों का ध्यान रखते हुए शव का संलेपन किया जा सकता है।
  • मृतक कोविड-19 का संदिग्ध मरीज हो या फिर कन्फर्म्ड केस दोनों ही मामलों में शव को दफनाया या दाह-संस्कार किया जा सकता है।

ज्यादातर जगहों पर जहां शव का संलेपन किए जाने से मना किया जाता है वहीं, सीडीसी की मानें तो ऐसा किया जा सकता है। हालांकि, क्रियाकर्म करने वाले कर्मचारियों को सभी सुरक्षात्मक उपाय अपनाने चाहिए ताकि, किसी भी तरह के इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके।

पूरी प्रक्रिया के दौरान पीपीई उपकरण को कैसे साफ और कीटाणुमुक्त करना है इसके लिए उपकरण तैयार करने वाले उत्पादक ने जो निर्देश बताए हों, उनका पालन करना चाहिए। साथ ही डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनने चाहिए, जिन्हें इस्तेमाल के बाद फेंका जा सके।

मृतक के शव को छूने के बाद हाथों की सफाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए हाथों को करीब 20 सेकंड तक साबुन पानी से या फिर एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से साफ करना चाहिए।

Dr Rahul Gam

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 महामारी से मृत शव के अंतिम संस्कार को लेकर ये हैं दिशा-निर्देश है

संदर्भ

  1. Ministry of Health & Family Welfare Directorate General of Health Services: Government of India [Internet]. Delhi. India; COVID-19: Guidelines on dead body management
  2. Department of Health: Hospital Authority. Food and Environmental Hygiene Department: Government of Hong Kong [Internet]; Precautions for Handling and Disposal of Dead Bodies
  3. All India Institute of Medical Sciences [Internet]. New Delhi. India; Protocol of dignified management of COVID-19 dead bodies
  4. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Infection Prevention and Control for the safe management of a dead body in the context of COVID-19
  5. European Centre for Disease Prevention and Control [Internet]. European Union. Sweden; Considerations related to the safe handling of bodies of deceased persons with suspected or confirmed COVID-19
  6. Centers for Disease Control and Prevention [internet]. Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Coronavirus (COVID-19)
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