भारत में कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लोगों की संख्या 6,400 से ज्यादा हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में अब तक कोविड-19 बीमारी के 6,412 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 199 मामलों से जुड़े मरीजों की मौत हो गई है। इस आंकड़े के शुक्रवार को 200 के पार जाने की संभावना है।
देश में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। यहां इस बीमारी ने 1,364 लोगों को संक्रमित किया है। इनमें से 97 की मौत हो गई है। वहीं, 125 को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है जहां कोरोना वायरस के 834 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से आठ मारे गए हैं और 21 को बचा लिया गया है। वहीं, राजधानी दिल्ली में 720 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें से 12 की मौत हो गई है और 25 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। इसके बाद राजस्थान में 463, तेलंगाना में 442 और उत्तर प्रदेश में 410 मामले सामने आए हैं। इन तीनों राज्यों में क्रमशः तीन, सात और चार मौतें दर्ज की गई हैं। इसके बाद केरल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात का नंबर आता है, जहां क्रमशः 357, 348, 259 और 241 मरीजों की पुष्टि हुई है।
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मरीजों की संख्या के मामले में कई राज्यों से पीछे रहने के बावजूद मध्य प्रदेश और गुजरात में हुई मौतों का आंकड़ा अपेक्षाकृत काफी ज्यादा है। मध्य प्रदेश में 16 लोगों की मौत हुई, वहीं, गुजरात में 17 लोगों ने बीमारी के चलते दम तोड़ा है। इलाज के बाद मरीजों को डिस्चार्ज करने के मामले में तो मध्य प्रदेश और भी पीछे है। ढाई सौ से ज्यादा मामले होने के बाद भी इस राज्य में अभी तक एक भी मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया जा सका है।
14 अप्रैल से पहले 2.5 लाख टेस्ट करने की योजना
कोविड-19 के चलते देशभर में लगा लॉकडाउन आगामी 14 अप्रैल को खत्म होगा या नहीं, यह अभी तक साफ नहीं है। लेकिन तब तक सरकार ने इस बीमारी की टेस्टिंग दोगुनी करने की बात कही है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) से कहा है कि वे कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए 14 अप्रैल तक कम से कम ढाई लाख सैंपट इकट्ठा कर लें। अखबार ने हरियाणा के एक उच्चाधिकारी के हवाले से बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों और यूटी से कहा कि अभी तक देशभर में एक लाख टेस्ट किए गए हैं, जिसे 14 अप्रैल तक ढाई लाख तक ले जाना है।
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बिहार में प्रवासियों में नहीं मिला वायरस
केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद देशभर के प्रवासी कामगार और मजदूर बड़ी संख्या में अपने-अपने गृह-राज्यों को लौटे थे। इनमें बिहार के लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी। ऐसे में इस बात की आशंका थी कि इन प्रवासी मजदूरों के जरिये वायरस बिहार में न फैल जाए। लेकिन सरकार के हवाले से आई मीडिया रिपोर्टें बताती हैं, लॉकडाउन के बाद बिहार लौटे एक भी व्यक्ति में अभी तक कोरोना वायरस नहीं मिला है। खबर के मुताबिक, बिहार सरकार ने राज्य में करीब एक लाख 80 हजार प्रवासियों की स्क्रीनिंग की है। बताया गया है कि इनमें से किसी में भी कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
15,000 करोड़ का पैकेज, ओडिशा से लॉकडाउन बढ़ने की शुरुआत
कोविड-19 संकट से निपटने के लिए सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है। गुरुवार को उसने इस संबंध में कई अहम जानकारियां दीं। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने बीमारी से लड़ने के लिए 15,000 करोड़ के पैकेज का एलान किया है। इसे 'इंडिया कोविड-19 इमरजेंसी रेस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रेपेयर्डनेस पैकेज' नाम दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने कुछ राज्यों के लिए विशेष टीमें भी भेजी हैं, जो वहां के प्रशासन के साथ मिल कर स्वास्थ्य संकट को रोकने का प्रयास करेंगी।
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उधर, लॉकडाउन नहीं हटने की अटकलों को तब और बल मिल गया जब गुरुवार को ओडिशा की सरकार ने फैसला किया कि वह अपने यहां लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक जारी रखेगी। राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खुद इसकी घोषणा की। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि ओडिशा के स्कूल 17 जून तक बंद रहेंगे।
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