नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से होने वाली बीमारी कोविड-19 का इस समय कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। दुनियाभर के वैज्ञानिक जल्दी से जल्दी वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगे हैं। दूसरी तरफ, कोविड-19 का इलाज नहीं होने के चलते दुनियाभर में गलत जानकारियां फैल रही हैं। इसका खामियाजा लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित ईरान में इसकी अभी तक की सबसे बड़ी मिसाल देखने को मिली है। खबरों के मुताबिक, कोरोना वायरस को लेकर फैली एक गलत जानकारी की वजह से वहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है और कइयों का स्वास्थ्य बिगड़ गया है।

दरअसल, ईरान में यह गलत जानकारी फैली कि मेथानोल नामक एक कंपाउंड के सेवन से कोरोना वायरस से सुरक्षा मिलती है। चूंकि लोगों में कोविड-19 को लेकर जागरूकता कम और डर ज्यादा फैला है, इसीलिए उन्होंने इस फर्जी इलाज को आजमाया और जान गंवा बैठे। अमेरिका के जाने-माने अखबार 'दि न्यूयॉर्क टाइम्स' (एनवाईटी) ने ईरानी मीडिया के हवाले से बताया कि मेथानोल से करीब 300 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, अन्य अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में यह संख्या 400 या उससे ज्यादा भी बताई गई है। इसके अलावा बीमार लोगों का आंकड़ा एक हजार से 2,800 तक बताया गया है।

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क्या है मामला?
दरअसल, कोरोना संकट के बीच ईरान के सोशल मीडिया पर एक पोस्ट बार-बार वायरल किया गया। यह पोस्ट फारसी भाषा में था। पोस्ट के जरिये यह झूठ फैलाया गया कि ब्रिटेन का एक स्कूल टीचर और अन्य लोगों ने विस्की और शहद के सेवन से खुद को कोरोना वायरस से ठीक किया है। अब हुआ यह कि यह सोशल मीडिया मैसेज, कई अन्य मैसेजों के साथ मिक्स हो गया। इनमें एक मैसेज ऐल्कहॉल आधारित हैंड सैनिटाइजर से भी जुड़ा था। रिपोर्टों के मुताबिक, एक के बाद एक गलत मैसेज वायरल होने की वजह से कम शिक्षित और कोरोना वायरस से घबराए लोगों ने विश्वास कर लिया कि उच्च मात्रा वाला ऐल्कहॉल लेने से शरीर में कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा। नतीजतन, ईरान के खुजेस्तान प्रांत और शिराज शहर में बड़ी संख्या में लोगों ने अवैध शराब (जो मेथानोल से बनती है) का सेवन करना शुरू कर दिया। अन्य इलाकों से भी ऐसे वाकये सामने आए। देखते ही देखते ईरान में बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ गए।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ईरान के लोगों को अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है कि वह कोरोना संकट से अच्छे से निपट रही है। सरकार के प्रति कायम ऐसी सोच के बाद जब बीमारी से इलाज का एक शॉर्टकट रास्ता दिखा तो लोग उस पर चलने के लिए दौड़ पड़े। सैकड़ों लोगों ने मेथानोल पी लिया और बीमार पड़ गए, कइयों की मौत हो गई।

ईरान में मेथानोल पीने की कैसी होड़ मची है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार के लिए लोगों को ऐसा करने से रोकना, कोरोना वायरस को रोकने जितना चुनौती पूर्ण हो गया है। कई इलाकों में तो कोरोना वायरस से इतनी मौतें नहीं हुईं, जितनी मेथानोल से हो गई हैं। ईरान के स्वास्थ्य मंत्री के सलाहकारों में से एक डॉक्टर हुसैन हसनैन एनवाईटी से बातचीत में बताते हैं, 'अन्य देशों के सामने एक ही समस्या है, नए कोरोना वायरस से फैली महामारी। लेकिन हम दो मोर्चों पर संघर्ष कर रहे हैं। हमें कोरोना वायरस से भी लड़ना है और विषैले ऐल्कहॉलिक से पीड़ित लोगों का इलाज भी करना है।'

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क्या है मेथानोल?
मेथानोल को मिथाइल ऐल्कहॉल भी कहते हैं। यह एक प्रकार का घुलनशील केमिकल है, जिसका इस्तेमाल कार्बन मोनोक्साइड के हाइड्रोजिनेशन के लिए किया जाता है। यह हल्का, बेरंग, परिवर्तनशील और ज्वलनशील होता है। इससे आने वाली गंध 'एथानोल' नामक एक और केमिकल से मिलती है। एथानोल का इस्तेमाल शराब बनाने में किया जाता है। मेथानोल, एथानोल से कहीं ज्यादा विषैला होता है और अन्य प्रकार के केमिकल उत्पादों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। भारत समेत कई देशों में अवैध या कच्ची शराब बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है, जिसे पीने से लोग बीमार पड़ सकते हैं। यहां तक कि मौत भी हो सकती है।

ईरान में मेथानोल बनाने वाली कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे मेथानोल को एक अलग कृत्रिम रंग में बनाएं ताकि आम लोग मेथानोल और एथानोल में अंतर कर सकें। हालांकि इसके बावजूद ईरान में कुछ लोग अवैध रूप से मेथानोल का इस्तेमाल करते हैं। वे मेथानोल के रंग को बदलने के लिए उसमें ब्लीच का मिश्रण करते हैं ताकि इसे पीने के लिए बेचा जा सके। एनवाईटी की रिपोर्ट की मानें तो ड्रिंक में मेथानोल की गंध का पता नहीं चलता।

मेथानोल के सेवन से खून में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है, अंधापन आ सकता है और व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। शुरुआती लक्षणों में सुस्ती आना, समझने में समस्या होना, सिरदर्द, भ्रम, चक्कर आना और मांसपेशियों की गतिविधियों को समझने में मुश्किल जैसी समस्याएं शामिल हैं। वहीं, गंभीर लक्षणों में हृदय और सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस से बचने के चक्कर में ईरान में लोगों ने पिया मेथानोल, सैकड़ों की मौत, हजारों बीमार है

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