कोरोना वायरस यूरोप के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। यहां कोरोना वायरस से फैली कोविड-19 महामारी से साढ़े चार लाख से ज्यादा लोग बीमार हुए हैं और 30,000 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली, स्पेन, फ्रांस, यूके के अलावा जर्मनी, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, पुर्तगाल, बेल्जियम, स्विडन और नॉर्वे जैसे विकसित यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस ने सैकड़ों लोगों की जान ली है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से 47,000 से ज्यादा मौतें हुई हैं। यानी 60 प्रतिशत से ज्यादा मौतें अकेले यूरोप में हुई हैं। इसके अलावा, विश्व भर में कोविड-19 के करीब नौ लाख 40 हजार मामलों की पहचान की गई है, जिनमें से करीब 50 प्रतिशत अकेले यूरोप से हैं।

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कोविड-19 के आगे लाचार यूरोप, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 'सबसे बड़ी' त्रासदी
चीन के बाद कोरोना वायरस के केंद्र बने यूरोप के हालात खुद बताते हैं कि यहां कोविड-19 महामारी ने किस कदर तबाही मचाई है। कोरोना वायरस का सबसे बुरा असर इटली में देखने को मिला है। यहां इसने अब तक एक लाख दस हजार लोगों को अपना शिकार बनाया है। इनमें से 13,155 लोग अपनी जिंदगी खो चुके हैं और हजारों अभी गंभीर हालत में हैं। अकेले बुधवार को इटली में करीब 4,800 मामले दर्ज किए गए और 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। ऐसे ही हालात स्पेन में भी हैं जहां कोविड-19 ने एक लाख चार हजार से ज्यादा लोगों को बीमार किया है। इनमें से 9,300 से ज्यादा की मौत हो गई है। यह आंकड़ा तेजी से 10,000 मौतों की तरफ बढ़ रहा है, क्योंकि इटली की तरह स्पेन में हजारों मरीज गंभीर हालत में हैं।

उधर, फ्रांस भी मौतों के मामले में चीन को पीछे छोड़ चुका है। वहां कोविड-19 से 4,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि करीब 57,000 लोगों के संक्रमण से बीमार होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 6,000 की हालत नाजुक है। वहीं, जर्मनी में मरीजों का आंकड़ा करीब 78,000 हो गया है। ऐसा लगता है यह यरोपीय देश भी इस मामले में जल्दी ही चीन को पीछे छोड़ देगा। हालांकि लोगों के बचाने के मामले में जर्मनी ने अन्य यूरोपीय और विकसित देशों से बेहतर काम किया है। यहां कोविड-19 से अब तक 981 मौतें हुई हैं। लेकिन युनाइटेड किंगडम (यूके) इस मामले में पिछड़ गया है। वहां, कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 30,000 से नीचे हैं, जबकि मृतकों का आंकड़ा 2,300 के पार जा चुका है। बुधवार को यूके में 4,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए और 563 लोगों की मौत हो गई। यूके की सरकार ने माना है कि वहां कोविड-19 का खतरा उच्च स्तर पर है।

दुनियाभर में कोरोना वायरस जिस स्तर पर फैल चुका है, उसके मौजूदा और भावी प्रभावों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कहा है कि यह द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी है। यूएन के महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने कहा है कि इस त्रासदी से जो संकटपूर्ण आर्थिक हालात पैदा होंगे, वैसे हाल के समय में कभी नहीं देखे गए।

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अमेरिका में 24 घंटों में एक हजार लोगों की मौत
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अमेरिका की हालत भी बहुत ज्यादा खराब है। इस संकट से यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराती दिख रही है। हालात ये हैं कि किसी भी देश के मुकाबले कोरोना वायरस से जुड़े सबसे अधिक मामले अमेरिका से ही हैं। यहां दो लाख 15,000 से अधिक मरीजों की पहचान की जा चुकी है। वहीं, 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और इतने ही मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। बीते बुधवार को अमेरिका में 26,000 से अधिक नए मामले सामने आए और 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

कोरोना वायरस से जुड़ी अहम अंतरराष्ट्रीय अपडेट्स इस प्रकार हैं-

  • ईरान में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 47,500 के पार, 3,000 से अधिक की मौत
  • चीन में कोरोना वायरस से जुड़े केवल 36 नए मरीजों की पहचान
  • कोरोना वायरस के कारण संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु शिखर सम्मेलन 2021 स्थगित किया
  • सिंगापुर में कोरोना वायरस से चौथे मरीज की मौत, अब तक 1,000 लोग संक्रमित
  • पाकिस्तान में मरीजों की संख्या बढ़कर 2,238 हुई, अब तक 31 की मौत
  • उत्तर कोरिया कोरोना वायरस से पूरी तरह से मुक्त- कोरियाई स्वास्थ्य अधिकारी

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस के आगे लाचार यूरोप, अब तक 30,000 लोगों की मौत, अमेरिका में एक दिन में कोविड-19 से 1,000 मौतें है

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