कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और रोगियों की पहचान कर उन्हें तवरित उपचार मुहैया कराने का प्रयास लगातार जारी है। रोगी के खून में किसी खास तरह के रोगाणु के खिलाफ एंटीबॉडीज है या नहीं इसका पता लगाने के लिए एक खास तरह का सीरमीय परीक्षण यानी सेरोलॉजिकल टेस्ट किया जाता है जिसका नाम है एलिसा।
हाल ही में माउंट सिनाई हॉस्पिटल में आईकैन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने कोविड-19 के लिए एलिसा टेस्ट विकसित किया। इस टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जा सकेगा कि क्या सार्स-सीओवी-2 (कोविड-19) वायरस से लड़ने के लिए शरीर ने एंटीबॉडी विकसित कर ली है?
यह टेस्ट शरीर में कोविड-19 वायरस की पहचान करने के लिए नहीं है। लेकिन इसके माध्यम से संक्रमण की निगरानी करने और यह पता लगाना आसान होगा कि रोगी का शरीर इस वायरस से लड़ने में सक्षम है या नहीं?
जिस रिसर्च टीम ने इस टेस्ट को बनाया है उनका कहना है इस टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जा सकेगा कि मरीजों का इलाज करने वाले कौन से डॉक्टर इस वायरस के अलक्षणी इंफेक्शन के साथ पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। यानी वैसे डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी जो इस वायरस के प्रति पूरी तरह से इम्यून हो चुके हैं उन्हें ही मरीजों के इलाज के लिए आगे रखा जाएगा।