कोविड-19 का असर पूरी दुनिया पर पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से देखने को मिल रहा है। चूंकि अब तक कोविड-19 का कोई निश्चित इलाज खोजा नहीं जा सका है, इसलिए डॉक्टर और वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं कि उपलब्ध सभी संसाधनों से अधिक से अधिक मरीजों का इलाज किया जा सके। मौजूदा समय में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए डॉक्टर मेकैनिकल वेंटिलेशन, हाई-फ्लो नेजल ऑक्सीजन(HFNO), नॉन-इन्वेसिव वेंटिलेशन, सिस्टेमिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड और विभिन्न एंटीवायरल थेरेपी का उपयोग कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने कई ऐसी दवाओं को भी इलाज के लिए प्रयोग में लाने की सलाह दी है जो अन्य कई बीमारियों के इलाज के लिए बनाई गई थीं। जैसे इबोला की दवा (रेम्डेसिविर), मलेरिया की दवा (हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन), जापानी फ्लू की दवा और कई दूसरी दवाएं। इनमें से अधिकांश दवाएं प्री-क्लिनिकल चरणों में हैं, वहीं इबोला दवा को मानवों पर परीक्षण की योजना बनाई जा रही है। वैज्ञानिको को उम्मीद है कि यह दवा कोविड-19 के इलाज की पहली दवा हो सकती है।
इस लेख में हम आपको कोविड-19 के लिए इबोला की दवा के मानव परीक्षण से जुड़ी सभी जानकारियां देंगे।