कोविड-19 बीमारी के संचार को रोकने के लिए विशेषज्ञों ने लोगों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर आपको स्वयं में इस बीमारी के लक्षण दिखें तो यथाशीघ्र सेल्फ क्वारंटाइन का पालन करें।
सेल्फ क्वारंटाइन का मतलब लक्षण दिखने से बीमारी के उबरने तक अपने आप को लोगों से अलग-थलग कर लेना। ऐसा करने से संक्रमण को एक से दूसरे व्याक्ति में फैलने से रोका जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस महामारी को लेकर सचेत रहना बहुत आवश्यक है, लेकिन सेल्फ क्वारंटाइन उसी स्थिति में आवश्यक है जब आपको यथोचित संदेह हो कि आप संक्रमित हैं।
किसके लिए आवश्यक है सेल्फ क्वारंटाइन
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड-19 के लक्षण दिखने की स्थिति में सेल्फ क्वारंटाइन आवश्यक हो जाता है।
आपमें कोविड-19 बीमारी का उच्च स्तरीय खतरा है, यदि
- आपने हाल ही में कोविड-19 महामारी से ग्रस्त देशों की यात्रा की हो
- आप सीओवीआइडी-19 से संक्रमित व्यक्ति के साथ या उसकी देखभाल कर रहे हैं और आपने वायरस के संचरण को रोकने के लिए एहतियाती दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है।
आपमें कोविड-19 का मध्यम स्तरीय खतरा है, यदि
- आपने हाल ही देश या दुनिया के उन स्थानों का दौरा किया है, जहां कोविड-19 संक्रमित लोगों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
- आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, जिनमें बीमारी की पुष्टि हुई है।
- आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रह रहे हैं या उसकी देखभाल कर रहे हैं। इस दौरान आपने बचाव के लिए बताए गए सारे बिंदुओं का पालन किया है।
यदि आप स्वस्थ हैं और उपरोक्त श्रेणियों में से किसी में भी नहीं आते हैं तो आपको सेल्फ क्वारंटाइन की जरूरत नहीं है। हालांकि, इस स्थिति में भी आपको सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए स्वयं की जांच करते रहना चाहिए। बुखार, खांसी जैसे लक्षण दिखते ही जांच करानी चाहिए।
सेल्फ क्वारंटाइन कैसे करें और क्या सावधानियां बरतें
अगर आपमें कोविड-19 महामारी के लक्षण दिख रहे हैं तो आपको निदेर्शित 14 दिनों के लिए सेल्फ क्वारंटाइन हो जाना चाहिए। इस दौरान आपको निम्न बिंदुओं का पालन करना चाहिए, जिससे वायरस का संक्रमण दूसरे व्याक्तियों में न फैलने पाए।
1. घर से बाहर न निकलें : स्कूल, दफ्तर और सार्वजनिक स्थानों पर जाने और सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग न करें। घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें।
2. घर में भी एकांत में रहें : यदि संभव हो, तो एक अलग कमरे में रहें और अलग बाथरूम का उपयोग करें। हालांकि, कोविड-19 के पालतू जानवरों में संचरण की कोई रिपोर्ट नहीं है, फिर भी पालतू पशुओं से भी दूरी बनाकर रखें।
3. हाथों को धोते रहें : उचित रूप से हाथों की स्वच्छता अपनाकर वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। छींकने या खांसने के बाद अपने हाथ धोएं। इसके अलावा, चेहरे, नाक और आंखों को छूने से बचें।
4. अपने इस्तेमाल की चीजें साझा न करें : घर में अन्य सदस्यों के साथ बिस्तर, बर्तन, तौलिए और बाथरूम को शेयर करने से बचें। इन वस्तुओं के दूसरों के संपर्क में आने से भी वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है।
5. दैनिक इस्तेमाल की चीजों को कीटाणुरहित करते रहें : माना जाता है कि कोविड-19 बीमारी का वायरस कुछ घंटों या पूरे दिन तक सतह पर रह सकता है। प्रतिदिन कम से कम एक बार उन सतहों को अवश्य साफ और कीटाणुरहित करते रहें, जो आपके संपर्क में आ रहे हैं। जैसे दरवाजे के हैंडल, कीबोर्ड, फोन, काउंटर आदि।
6. स्वयं की निगरानी करते रहें : दिन में दो से तीन बार बुखार की जांच करते रहें। इसके अलावा, अगर आपको खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सेल्फ क्वारंटाइन के दौरान अगर आप लोगों से मिलते हों तो मास्क पहनकर रखें। खांसते और छींकते वक्त रुमाल से कवर करें और तुरंत अपने हाथों को धो लें। अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और घर से ही सलाह लेते रहें। बहुत आवश्यक होने पर ही अस्पताल जाएं।
सेल्फ आइसोलेशन और सेल्फ क्वारंटाइन में क्या फर्क है
कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के साथ सेल्फ आइसोलेशन और सेल्फ क्वारंटाइन की चर्चा तेजी से हो रही है। आइए जानते हैं दोनों क्या हैं और इनमें क्या अंतर हैं।
सेल्फ आइसोलेशन
- सामाजिक गतिविधियों से बचें
- जितना संभव हो उतना घर के अंदर ही रहें
- यदि बहुत आवश्यक रूप से बाहर जाना हो, तो उस समय निकलें जब भीड़ कम हो। इस दौरान सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- हर समय अन्य लोगों से छह फुट की दूरी रखें।
सेल्फ क्वारंटाइन
- बीमारी के लक्षणों पर बारीकी से ध्यान दें।
- किसी भी स्थिति में घर से बाहर न निकलें। घर से बाहर जाकर आप दूसरों को भी बीमार कर सकते हैं।
- अपने इस्तेमाल की चीजों को किसी के साथ शेयर न करें।
- डॉक्टर से फोन या वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सलाह लें।