कोविड-19 संकट के बीच केंद्र सरकार ने देश के पांच राज्यों को लेकर चेतावनी दी है। उसने कहा है कि अगर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात और उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या मौजूदा रफ्तार से बढ़ती रही तो जून से अगस्त के बीच राज्यों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी हो सकती है। केंद्र सरकार ने यह भी बताया है कि मरीजों की संख्या के हिसाब से देश में कोविड-19 की मृत्यु दर (सीएफआर) अभी स्थिर है, हालांकि 69 जिलों के सीएफआर में बढ़ोतरी हुई है। 

केंद्र सरकार की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब राजधानी दिल्ली में आईसीयू बेड की कमी होने की चर्चा पहले से जोर पकड़े हुई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ऐसा अनुमान है कि बीती तीन जून से दिल्ली में आईसीयू बेड की कमी हो गई है, जबकि 12 जून तक वेंटिलेटर्स की कमी हो जाएगी और 25 जून तक राजधानी ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बेड की कमी की समस्या से जूझ रही होगी। बता दें कि केंद्रीय सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें एक प्रेजेन्टेशन के दौरान दिल्ली में आईसीयू बेड, वेंटिलेटर आदि की कमी होने का अनुमान लगाया गया था।

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इसी प्रेजेंटेशन में केंद्र ने बताया कि महाराष्ट्र में आठ अगस्त तक आईसीयू बेड्स की किल्लत हो सकती है। उससे पहले 27 जुलाई तक राज्य में वेंटिलेटर्स की कमी होने की समस्या महसूस की जाएगी। तमिलनाडु में ये दोनों संकट नौ जुलाई तक देखने को मिल सकते हैं और ऑक्सीजन की सुविधा वाले आइसोलेशन बेड की कमी 21 जुलाई तक हो सकती है।

कुछ इसी तरह के अनुमान हरियाणा, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को लेकर भी लगाए गए हैं। कोरोना वायरस संकट की मौजूदा स्थिति को देखते हुए केंद्र ने इन राज्यों को अगले दो महीनों की तैयारी अभी से करने को कहा है ताकि मरीजों की संख्या बढ़ने की सूरत में अस्पतालों की पर्याप्त चिकित्सा क्षमता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा देश के 17 महत्वपूर्ण जिलों को लेकर कहा गया है कि अगले एक महीने में वहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी हो सकती है। इन जिलों में गुरुग्राम, मुंबई, ठाणे, पालघर, जलगांव, चेन्नई और गौतम बुद्ध नगर आते हैं।

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केंद्र ने अपने प्रेजेंटेशन में यह भी बताया कि देश में कोविड-19 का कन्फर्मेशन रेट 4.87 प्रतिशत से बढ़कर 5.7 प्रतिशत हो गया है। वहीं, 13 राज्य ऐसे हैं, जहां के 46 जिलों में कन्फर्मेशन रेट दस प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। सरकार के मुताबिक, महाराष्ट्र, दिल्ली और तेलंगाना में कोरोना मामलों की पुष्टि होने की दर दस प्रतिशत से ज्यादा हो गई है। केंद्र ने कुछ राज्यों का विशेष जिक्र करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र के मुंबई और ठाणे और तमिलनाडु के चेन्नई में कन्फर्मेशन रेट 20 प्रतिशत से ज्यादा है।'

इसके अलावा, प्रेजेंटेशन में सरकार ने बताया कि देश के 69 जिलों में कोविड-19 की मृत्यु दर पांच प्रतिशत से अधिक है। इनमें से 51 जिले मध्य प्रदेश (21), उत्तर प्रदेश (11), महाराष्ट्र (10) और गुजरात में हैं। आंकड़ों के हवाले से सरकार ने राज्यों को जानकारी दी कि देश में कोविड-19 के कुल मामलों में से 76 प्रतिशत केवल महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हैं। वहीं, 82 प्रतिशत मौतें महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश में हुई हैं।

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केंद्रीय सचिव ने सभी राज्यों का ध्यान खींचते हुए बताया कि कोई 30 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना वायरस के 72 प्रतिशत एक्टिव मामलों की पुष्टि हुई है। राजीव गौबा ने कहा कि इन इलाकों में कोविड-19 से होने वाली मौतों को कम करने या रोकने के लिए इन पर अतिरिक्त फोकस करने की आवश्यकता है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: दिल्ली, महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों में आईसीयू बेड-वेंटिलेटर की कमी का अंदेशा, जानें राज्यों को दिए प्रेजेंटेशन में केंद्र सरकार ने और क्या-क्या कहा है

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