दिल्ली के निजी अस्पतालों के 2,000 बेड सोमवार (आज) से कोरोना वायरस के मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ देर पहले यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राजधानी स्थित 117 निजी अस्पतालों को उनके 20 प्रतिशत बेड कोविड-19 के इलाज के लिए रिजर्व रखने को कहा गया है। गौरतलब है कि यह आदेश उन निजी अस्पतालों के लिए है, जिनकी बेड क्षमता कम से कम 50 है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार राज्य के निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड्स को अपने नियंत्रण में ले चुकी है।

दिल्ली सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब बीते एक हफ्ते में ही यहां कोरोना वायरस के 3,500 नए मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। निजी अस्पतालों के 20 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि राजधानी में कोविड-19 के मामलों का बढ़ना 'चिंता का विषय नहीं' है। एनडीटीवी के मुताबिक, सीएम केजरीवाल ने कहा, 'पिछले हफ्ते से (लॉकडाउन में) काफी राहत दी गई। तब से 3,500 मामले दर्ज हो चुके हैं। हालांकि, केवल 250 बेड ही भरने की नौबत आई है। कोविड-19 के मामलों में आई बढ़ोतरी को गंभीरता से लिया गया है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। मैं दो सूरतों में चिंता करूंगा - अगर मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हो या गंभीर मामले इतने हो जाएं कि स्वास्थ्यगत ढांचा ही गिर जाए, जिससे हॉस्पिटल बेड्स की कमी हो जाए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'मैं बार-बार कह रहा हूं कि कोरोना वायरस अभी बना रहेगा। यह एक दिन में खत्म नहीं होगा। हमें इसके साथ रहना सीखना होगा।'

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इसके अलावा सीएम ने बताया कि दिल्ली में कोविड-19 के ज्यादातर मरीजों में इसके लक्षण नहीं हैं या बहुत कम लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि करीब 3,314 मरीजों का इलाज घरों में ही किया जा रहा है। वहीं, हालात से निपटने के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों में कुल 4,500 बेड्स की व्यवस्था है। इसी सिलसिले में उन्होंने कहा, 'हॉस्पिटल बेड ढूंढने में मरीजों को दिक्कत आ रही है। हम एक ऐसा सिस्टम बनाने की तैयारी में हैं जिससे यह समस्या खत्म हो जाए... हमारी सरकार ने रविवार को 117 प्राइवेट अस्पतालों को 20 प्रतिशत बेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए रिजर्व रखने का आदेश दिया है। आज से दिल्ली में निजी क्षेत्र के 2,000 बेड उपलब्ध रहेंगे।'

इसके अलावा, निजी अस्पतालों को चेतावनी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे उनके यहां इलाज कराने आए कोरोना वायरस के मरीजों को वापस नहीं लौटा सकते। उन्होंने कहा, 'दो दिन पहले मुझे पता चला कि एक निजी अस्पताल ने कोरोना वायरस के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए एक मरीज को वापस लौटा दिया। कोई भी अस्पताल यह नहीं कर सकता। हमने उन्हें (अस्पताल को) कारण बताओ नोटिस भेजा है। अगर किसी अस्पताल में कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव निकला है तो यह उसकी जिम्मेदारी की वह मरीज के लिए एंबुलेंस और बेड का इंतजाम करे।'

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महाराष्ट्र में 80 प्रतिशत प्राइवेट बेड सरकार ने अपने नियंत्रण में लिए
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने अपने यहां स्थित निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड्स को अपने नियंत्रण में ले लिया था। बीते हफ्ते उठाए गए इस कदम से पहले महाराष्ट्र में निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से भारी दाम वसूले जाने की शिकायतें आई थीं। ऐसे में सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए दाम तय कर दिए थे। इस बीच, उसने ऐसा आदेश भी जारी किया जो उसे निजी अस्पतालों के नियमित इस्तेमाल का अधिकार देता है और यह तय करने का हक भी प्रदान करता है कि मरीजों से कितना बिल वसूला जा सकता है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह व्यवस्था 80 प्रतिशत बेड्स के लिए ही है। बाकी 20 प्रतिशत बेड्स पर निजी अस्पताल अपने हिसाब से बिल बना सकते हैं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- निजी अस्पतालों के 20 प्रतिशत बेड आज से कोरोना वायरस के मरीजों के लिए रिजर्व होंगे है

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