नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 को जांचने में लगे दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों को अहम जानकारी मिली है। उन्होंने कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में कोरोना वायरस के दोबारा सक्रिय होने की संभावित वजह का पता लगाया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं की एक रिसर्च टीम ने अपने शोध के आधार पर माना है कि हो सकता है ठीक होने के हफ्तों बाद भी संक्रमित पाए गए मरीजों में वायरस के ‘डेड पार्टिकल्‍स’ रह जाते हों। उन्होंने कहा कि संभवतः इलाज के दौरान मानक टेस्‍ट में संक्रमण फैलाने वाले इन पार्टिकल्‍स की पहचान नहीं हो पाती और इसी के चलते कुछ मरीज ठीक होने के बाद फिर से संक्रमित हो जाते हैं। इन वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना वायरस के ये मृत कण बाद में एक्टिव हो जाते हैं और व्यक्ति को दोबारा से बीमार बना देते हैं।

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दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल स्थित नेशनल मेडिकल सेंटर के डॉक्टरों ने बीते बुधवार को पत्रकारों को बताया कि सार्स-सीओवी-2 वायरस किसी व्‍यक्ति को संक्रमित करने और श्‍वसन तंत्र में फैलने के एक से दो हफ्तों के भीतर मर जाता है। लेकिन कोरोना वायरस के जेनेटिक मैटेरियल के कुछ कण कोशिकाओं में रह जाते हैं। उन्होंने वायरस की पहचान करने वाले परीक्षणों की क्षमता के सीमित होने की बात को रेखांकित करते हुए कहा कि संक्रमण फैलने के एक या दो महीने बाद न्‍यूक्लिक एसिड टेस्‍ट (एनएटी) के जरिये इन पार्टिकल्‍स के बारे में पता लगाया जा सकता है।

अब सवाल उठता है कि कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित होने वाले लोगों को कितने समय तक आइसोलेशन में रहना चाहिए। इस बारे में रिपोर्टें बताती हैं कि नाक से होने वाले स्त्राव और मल की जांच कर पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को कितने समय तक सेल्फ-आइसोलेट रहना चाहिए। कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि बहुत बीमार रोगी मामूली तौर पर बीमार पड़े लोगों की तुलना में ज्यादा समय तक संक्रामक बने रहते हैं।

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गौरतलब है कि कोरियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कोरोना वायरस उन लोगों में दोबारा सक्रिय हो सकता है, जो बीमारी से ठीक हो चुके हैं। दक्षिण कोरिया की इस सरकारी स्वास्थ्य एजेंसी ने उस समय लगभग 51 मरीजों का पता लगाया था, जिनमें फिर से कोरोना वायरस के पॉजिटिव होने की बात सामने आई थी। हालांकि निष्कर्ष निकाला गया कि हो सकता है ऐसे लोगों को फिर से संक्रमित करने के बजाय वायरस उनमें केवल दोबारा से एक्टिव हो जाए।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: वैज्ञानिकों ने ठीक हुए मरीजों के दोबारा संक्रमित होने की वजह का पता लगाया है

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