कोविड-19 महामारी अब तक दुनियाभर के 210 देशों और क्षेत्रों में फैल चुकी है। यह बीमारी किस कदर और कितनी तेजी से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रही है, इसका अंदाजा आप इन आंकड़ों से लगा सकते हैं। 15 अप्रैल 2020 के आंकड़ों की मानें तो अब तक दुनियाभर के 20 लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 1 लाख 26 हजार लोगों की इस बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है। ऐसे में भारत समेत ज्यादातर देशों ने इस बेहद संक्रामक बीमारी से लड़ने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR और कई दूसरी स्वास्थ्य संस्थाओं के निर्देशों के अनुसार भारत का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है। हाल ही में जारी किए गए अडवाइजरी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जैसे-जैसे भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे भारतीय स्वास्थ्य सिस्टम को और ज्यादा तैयार रहने की जरूरत है और साथ ही मौजूदा संसाधनों का विवेकपूर्ण ढंग से इस्तेमाल करना भी जरूरी है।
(और पढ़ें : दुनियाभर में 20 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित)
साथ ही कोविड-19 के मरीजों का बेहतर इलाज हो सके इसके लिए पूरी तरह से अलग लेकिन समर्पित फसिलिटीज का इंतजाम करने की भी जरूरत है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने मौजूदा स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर (एसओपी) की भी पहचान की है जिनका इस्तेमाल कर कोविड-19 के मरीजों की उचित देखरेख हो सकती है। इन एसओपी के जरिए विस्तृत विवरण दिया जाता है कि कोविड-19 के अलग-अलग कैटिगरी के मामलों के लिए किस तरह की सुविधाओं की जरूरत है।
कोविड-19 के संभावित या पुष्टि हो चुके मामलों में लक्षणों के 3 लेवल को देखते हुए 3 तरह की हेल्थकेयर फसिलिटी का इंतजाम करने की बात कही जा रही है। वे 3 लक्षण हैं- माइल्ड-हल्का फुल्का, मॉडरेट-मध्यम श्रेणी का, सीवियर-गंभीर। एक बार जब मरीजों को उनके लक्षणों के आधार पर अलग कर लिया जाता है उसके बाद उन्हें उन्हीं हेल्थ सेंटर्स में भेज दिया जाता है जो इन लक्षणों के आधार पर तैयार किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार सभी मरीजों का इलाज आइसोलेशन वॉर्ड में होना चाहिए। कोविड-19 हेल्थकेयर सेंटर के बारे में पूरी डीटेल जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में दे रहे हैं।
(और पढ़ें : कोविड-19 के हल्के और गंभीर लक्षणों में क्या है अंतर, जानें)