एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय दवा कंपनी जाइडस कैडिला अपनी कोविड-19 वैक्सीन जाइकोव-डी के अंतिम चरण के ट्रायल में करीब 30 हजार प्रतिभागियों को शामिल करने की योजना बना रही है। कंपनी को भारतीय ड्रग नियामकों से अगर तीसरे ट्रायल की मंजूरी मिली तो यह संभवतः देश में बनी किसी कोविड-19 वैक्सीन का अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल होगा। प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार दि इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जाइडस कैडिला अगले महीने तीसरी स्टेज के ट्रायल करने की योजना बना रही है। गौरतलब है कि कंपनी ने दूसरे चरण का ट्रायल हाल ही में पूरा किया है, जिसमें 1,000 प्रतिभागियों को उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई गई थी। इसके बाद कंपनी ने इसी महीने भारतीय ड्रग रेग्युलेटर के सामने दूसरे चरण के ट्रायल का डेटा सबमिट करने की योजना बनाई है।
खबर के मुताबिक, अहमदाबाद स्थित जाइडस कैडिला का उद्देश्य मार्च-अप्रैल 2021 तक आखिरी स्टेज के निर्णायक परीक्षण पूरे कर लेना है। इसके लिए वह परीक्षण की शुरुआत अगले महीने से करना चाहती है। उसे उम्मीद है कि वह इतने समय में ट्रायल खत्म कर लेगी, जिसमें करीब 30 हजार लोगों को वैक्सीनेट करने पर विचार किया जा रहा है। यह भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोविड वैक्सीन कोवाक्सीन के अंतिम ट्रायल के लिए नियोजित प्रतिभागियों की संख्या से ज्यादा है। इससे पहले जाइडस के चेयरमैन पंकज पटेल ने कहा था कि उनकी कंपनी शुरुआत में वैक्सीन की दस करोड़ डोज तैयार करने की योजना पर विचार कर सकती है। पंकज के मुताबिक, एक बार वैक्सीन को सभी प्रकार की नियामक अनुमति मिल जाए, उसके बाद बड़ी तादाद में वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाएगा।
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जाइडस कैडिला द्वारा तैयार की गई जाइकोव-डी दो तकनीकों से तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन है। इसे डेवलेप करने के लिए कंपनी के वैज्ञानिकों ने डीएनए वैक्सीन के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली तकनीक अपनाते हुए कोरोना वायरस के वायरल प्रोटीन का उपयोग किया है ताकि शरीर में उसके खिलाफ इम्यून रेस्पॉन्स पैदा किया जा सके। जुलाई महीने में जाइडस ने पहली बार इस वैक्सीन के एनीमल ट्रायलों के परिणाम सामने रखे थे। कंपनी का दावा था कि उसकी वैक्सीन से चूहों, खरगोशों आदि जानवरों में सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण के खिलाफ इम्यूनिटी जनरेट हुई थी। कंपनी ने वैक्सीन के सुरक्षित होने का भी दावा किया था। इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से जाइडस को मानव परीक्षण करने की अनुमति दी गई थी। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जाइकोव-डी एक थ्री-डोज वैक्सीन है। हालांकि, इसकी स्वदेशी प्रतिद्वंद्वी वैक्सीन कोवाक्सीन दो डोज में दी जाने वाली वैक्सीन बताई जाती है।
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