कोविड-19 महामारी के खिलाफ तैयार होने वाली संभावित वैक्सीन या वैक्सीनों के वितरण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बड़ा बयान दिया है। उसने कहा है कि उसे अगले साल के मध्य से पहले कोविड-19 वैक्सीन के व्यापक वितरण की उम्मीद नहीं है। शुक्रवार को इस मुद्दे पर बोलते हुए डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ को वैक्सीन की क्षमता और सुरक्षा की कड़ी चेकिंग करनी होगी। हैरिस के इस बात को कोविड-19 के वितरण में होने वाली देरी के कारण के रूप में देखा जा रहा है। मार्गरेट हैरिस ने कहा कि अभी तक हुए एडवांस क्लिनिकल ट्रायलों में किसी भी वैक्सीन कैंडिडेट ने डब्ल्यूएचओ की अपेक्षा के अनुरूप 50 प्रतिशत क्षमता होने के साफ संकेत नहीं दिखाए हैं।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब कोविड-19 वैक्सीन को लेकर रूस के बाद अब अमेरिका में जल्दबाजी देखने को मिल रही है। पिछले महीने ही रूस ने अपनी वैक्सीन को रेग्युलेटरी अप्रूवल दिया था, जबकि उसकी वैक्सीन के दूसरे ट्रायल के नतीजे नहीं आए थे और तीसरा ट्रायल हुआ ही नहीं था। अब अमेरिका में भी वहां की शीर्ष ड्रग एजेंसी एफडीए ने सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है कि वे एक नवंबर से वैक्सीन वितरित करने को तैयार रहें।
इस बीच, गुरुवार को अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों और दवा कंपनी फाइजर ने कहा है कि उनकी वैक्सीन अक्टूबर के अंत तक डिस्ट्रीब्यूट होने के लिए तैयार हो सकती हैं। वहां के राजनीतिक और मेडिकल जानकारों का कहना है कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से ऐन पहले अमेरिका में कोविड वैक्सीन वितरित किए जाने का फरमान सुनाया गया है, जबकि अंतिम परिणाम ही नवंबर-दिसंबर से पहले आने की संभावना नहीं है।
इन सबके बीच डब्ल्यूएचओ ने अपनी प्रवक्ता के जरिये कहा है, 'हम अगले साल के मध्य से पहले वैक्सीन के व्यापक वितरण की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। (वैक्सीन के) तीसरे ट्रायल में लंबा वक्त लगेगा। हमें देखना होगा कि वैक्सीन वाकई में कितनी प्रोटेक्टिव है। यह भी देखने की जरूरत है कि वह कितनी सुरक्षित है।' हैरिस ने अपने बयान में किसी विशेष वैक्सीन कैंडिडेट का नाम नहीं लिया। उनके मुताबिक, डब्ल्यूएचओ सभी वैक्सीन ट्रायलों के डेटा की तुलना करेगा। उन्होंने बताया, 'कई लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। (लेकिन) हम नहीं जानते कि वे काम करती हैं या नहीं। इस समय हमें नहीं पता कि ये वैक्सीन क्षमता और सुरक्षा के हमारे लेवल से मेल खाती है या नहीं।'
गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ अपने 'कोवाक्स' वैक्सीनेशन प्रोग्राम के जरिये दुनियाभर में वैक्सीन वितरण की योजना पर काम कर रहा है, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर देशों के लिए। इस काम में गेट्स फाउंडेशन से फंडिंग प्राप्त वैक्सीन अलांयस गावी भी सहयोग कर रहा है। कोवाक्स के तहत डब्ल्यूएचओ साल 2021 के अंत तक दो अरब वैक्सीन डोज तैयार करना चाहता है। लेकिन इस काम में अमेरिका ने भागीदारी करने से इनकार कर दिया है। वहीं, सक्षम देश आपस में ही समझौते करने में लगे हुए हैं। ऐसे में कोवाक्स कार्यक्रम के लिए जरूरी फंड इकट्ठा करने में डब्ल्यूएचओ को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में उसका कहना है, 'हमारा दरवाजा खुला है। कोवाक्स का उद्देश्य है इस ग्रह पर मौजूद हर व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाना।'