दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन 'एजेडडी1222' को लेकर बड़ा बयान दिया है। उसने कहा है कि यह वैक्सीन 60-70 प्रतिशत क्षमता के साथ भी कोविड-19 की रोकथाम में कारगर है। गुरुवार को एसआईआई ने अपने एक आधिकारिक वक्तव्य में यह बात कही है, वह भी ऐसे समय में जब एजेडडी1222 से जुड़े अंतिम चरण के प्रारंभिक परिणामों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि इन ट्रायलों में एक 'मैन्युफैक्चरिंग एरर' के चलते कुछ प्रतिभागियों को कम डोज वाली वैक्सीन दे दी गई थी। हालांकि उसके परिणाम पहले से निर्धारित फुल दो डोज से ज्यादा बेहतर निकले। यही कारण है कि कई दूसरे वैज्ञानिकों ने परीक्षण और वैक्सीन की क्षमता को लेकर सवाल उठाए हैं।

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हालांकि भारतीय वैक्सीन निर्माता ने साफ कहा है, 'अगर (वैक्सीन के ट्रायल) परिणाम 60-70 प्रतिशत के साथ सबसे कम भी रहते हैं, तब भी यह (कोरोना) वायरस के खिलाफ एक कारगर वैक्सीन है। अलग-अलग आयु के प्रतिभागी वाले समूहों में अलग-अलग प्रकार के डोज दिए जाने से परिणाम भी मामूली फेरबदल और प्रभाव के साथ सामने आते हैं। हमें सब्र रखना चाहिए और हतोत्साहित नहीं होना चाहिए।' एसआईआई ने आगे कहा, 'एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन सुरक्षित और सक्षम है। इसके भारतीय ट्रायल बिना किसी रुकावट के सख्त अनुपालन के साथ चल रहे हैं। अब तक कोई समस्या सामने नहीं आई है।' इस बीच, अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला के हवाले से बताया है कि कोवीशील्ड (एजेडडी1222 का भारतीय नाम) के यूके में हुए ट्रायलों के परिणाम रिलीज होने के बाद अब भारत में चल रहे ट्रायल के परिणाम भी एक महीने में सामने आ सकते हैं।

अखबार की तरफ से किए गए सवालों पर जवाब देते हुए पूना वाला ने कहा है, 'हम चाहते हैं कि वैक्सीन सभी के लिए किफायती और आसानी से उपलब्ध होने वाली हो। अभी इसकी कीमत 5-6 डॉलर (350 से 400 रुपये) की रेंज में है। भारत सरकार को यह (प्रति डोज) और कम 3-4 डॉलर में मिलेगी, क्योंकि वह बड़ी मात्रा में इसे खरीदेगी।' एसआईआई के सीईओ ने यह भी बताया कि भारत सरकार को कोवीशील्ड के डोज प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं, निजी क्षेत्र के लिए इसे अगले साल मार्च-अप्रैल तक उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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एसआईआई समेत तीन कंपनियों का दौरा करेंगे प्रधानमंत्री
इस बीच एक बड़ी खबर यह आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पुणे स्थित एसआईआई का दौरा करेंगे। इसी दिन वे अहमदाबाद और हैदराबाद भी जाएंगे। इन दोनों शहरों में कोरोना वैक्सीन के निर्माण में लगी देश की दो बड़ी घरेलू निर्माता कंपनियां जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक के मुख्यालय हैं। पीएम मोदी ऐसे समय में इन कंपनियों का दौरा करने आ रहे हैं, जब केंद्र सरकार कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीनों के इस्तेमाल और वितरण को लेकर तमाम योजनाओं पर काम कर रही है। चूंकि कोविड-19 वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर पूरी दुनिया की नजरें भारतीय कंपनियों की निर्माण क्षमता पर टिकी हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एसआईआई, जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक का दौरा स्वयं ही महत्वपूर्ण हो जाता है।

गौरतलब है कि मंगलवार को पुणे के डिविजनल कमिश्नर सौरभ राव ने कहा था कि ऐसी संभावना है कि पीएम नरेंद्र मोदी एसआईआई के दौरे के लिए पुणे आ सकते है। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो यह दौरा कोवीशील्ड के ट्रायल स्टेटस की समीक्षा, वैक्सीन की लॉन्चिंग, प्रॉडक्शन और डिस्ट्रिब्यूशन मकैनिज्म संबंधी जानकारी को लेकर हो सकता है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को राव ने बताया, 'हमें कन्फर्मेशन मिला है कि शनिवार को पीएम मोदी सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा करेंगे। लेकिन उनके प्रोग्राम की डिटेल्ट अभी मिलना बाकी है।'

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इससे पहले मंगलवार को आई मीडिया रिपोर्टों की मानें तो दुनिया के 100 देशों के राजदूत और प्रतिनिधि भी सिरम इंस्टीट्यूट और एक अन्य कंपनी जिनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स का दौरा करने के लिए पुणे आने वाले हैं। खबर के मुताबिक, यह दौरा आगामी चार दिसंबर को होने वाला है। पहले इसे 27 नवंबर के लिए नियत किया गया था, लेकिन बाद में इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: सिरम इंस्टीट्यूट ने 60-70 प्रतिशत क्षमता के साथ भी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को 'सक्षम' बताया, कल कंपनी का दौरा करेंगे पीएम मोदी है

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