अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने कोविड-19 के खिलाफ तैयारी की वैक्सीन 'बीएनटी162' को लेकर बड़ा दावा किया है। सोमवार को कंपनी ने कहा है कि उसकी वैक्सीन ने अंतिम चरण के ट्रायल में कोरोना वायरस को मजबूती के साथ रोकने का काम किया है। फिलहाल फाइजर ने अपने अंतिम क्लिनिक ट्रायल के परिणाम आंशिक रूप से ही सामने रखे हैं। हालांकि कंपनी का कहना है कि इनकी समीक्षा एक बाहरी एक्सपर्ट पैनल ने की है, जिसके बाद कंपनी बड़े दावे के साथ सामने आई है। इसके मुताबिक, फाइजर और जर्मन दवा निर्माता कंपनी बायोएनटेक के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई यह वैक्सीन कोविड-19 की रोकथाम में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा प्रभावी साबित हुई है। फाइजर ने यह भी कहा है कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर कोई भी गंभीर मामला सामने नहीं आया।
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इस दावे के बाद फाइजर शीर्ष अमेरिकी ड्रग एजेंसी फूड एंड ड्रग एडिमिनस्ट्रेशन यानी एफडीए से वैक्सीन के इस्तेमाल की आपातकालीन स्वीकृति लेने की योजना बना रही है। इसके तहत, कंपनी दो डोज के साथ वैक्सीनेशन की अनुमति मांगेगी। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अप्रूवल मिलने के बाद साल के अंत तक वैक्सीन के डेढ़ से दो करोड़ डोज तैयार किए जाएंगे।
उधर, वैक्सीन के परिणामों को लेकर फाइजर के अधिकारियों और अन्य शोधकर्ताओं तथा विशेषज्ञों की तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कंपनी की सीनियर वाइस प्रेजिडेंट और वैक्सीन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट हेड कैथरीन जैनसन ने कहा है, 'यह एक ऐतिहासिक पल है। स्थिति बहुत चिंताजनक थी और हमने ऐसा लक्ष्य प्राप्त किया है, जो अभी तक किसी ने भी पूरा नहीं किया। हमने एक साल के अंदर वैक्सीन बना ली है।' लेकिन कंपनी से अलग स्वतंत्र वैज्ञानिकों ने फाइजर द्वारा किए गए ट्रायलों के परिणामों को बढ़ा-चढ़ाकर बताने को लेकर सावधानी बरतने की बात कही है। उनका कहना है कि वैक्सीन की सुरक्षा और क्षमता से जुड़ा बड़ा डेटा सामने आने से पहले वे इस तरह के दावे नहीं करेंगे।
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गौरतलब है कि फाइजर ने एक न्यूज रिलीज जारी करते हुए वैक्सीन के 90 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया है, न कि किसी मेडिकल जर्नल ने समीक्षा के बाद कोई रिपोर्ट जारी कर ऐसी बात कही है। यह ध्यान रखने वाली बात है कि अभी फाइनल ट्रायल के शुरुआती परिणाम ही सामने आए हैं और परीक्षण अब भी जारी हैं। ऐसे में आने वाले समय में 90 प्रतिशत क्षमता होने का दावा बदल भी सकता है।
गौरतलब है कि फाइजर ने जर्मन दवा कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर बीएनटी162 कोविड-19 वैक्सीन तैयार की है। कोरोना वायरस की रोकथाम और इलाज के लिए तैयार की गई जिन वैक्सीनों की सबसे ज्यादा चर्चा हुई है, उनमें से एक बीएनटी162 भी है। कंपनी ने सार्स-सीओवी-2 के जेनेटिक मटीरियल के टुकड़ों की मदद से इस वैक्सीन को विकसित किया है। फाइजर का दावा है कि इससे उसे शुरुआती ट्रायल में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी पैदा करने में कामयाबी मिली थी। इस समय बीएनटी162 के तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल किए जा रहे हैं, जिसके शुरुआती आंशिक परिणाम और उनसे जुड़े दावे कंपनी सोमवार को न्यूज रिलीज के जरिये जारी किए हैं।
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