कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए की जा रही कोशिशों को एक और कामयाबी मिली है। खबर है कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ सबसे भरोसेमंद संभावित वैक्सीन मानी जा रही 'चडॉक्स1 एनसीओवी2019' डबल डोज के साथ 90 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी पाई गई है। इस वैक्सीन को ब्रिटेन की प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है। हाल में यूनाइटेड किंगडम और ब्राजील में इसके तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की प्रक्रिया पूरी हुई है। इन्हीं परीक्षणों के शुरुआती विश्लेषण के आधार पर सोमवार को एस्ट्राजेनेका ने घोषणा की है कि उसकी वैक्सीन अलग-अलग डोज के साथ कोविड-19 के खिलाफ औसत रूप से 70.4 प्रतिशत इफेक्टिव है।

सक्षम होने के साथ-साथ कंपनी ने चडॉक्स1 एनसीओवी2019 के सुरक्षित होने का भी दावा किया है। सितंबर महीने में यूके में ही आखिरी स्टेज के क्लिनिकल ट्रायल के दौरान एक प्रतिभागी में न्यूरोलॉजिकल बीमारी के गंभीर लक्षण दिखे थे, जिसके बाद परीक्षण को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। हालांकि बाद में ट्रायल को बहाल कर दिया गया था। चडॉक्स1 एनसीओवी2019 के कोरोना वायरस के खिलाफ सक्षम होने की पुष्टि करते हुए एस्ट्राजेनेका के चीफ एक्जिक्यूटिव पास्कल सोरायट ने कहा, 'आज का दिन इस महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण है। इस वैक्सीन की क्षमता और सुरक्षा की पुष्टि से यह साफ होता है कि यह कोविड-19 के खिलाफ उच्च स्तर पर प्रभावी होगी और इस सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल को तत्काल रूप से प्रभावित करेगी।' वहीं, वैक्सीन के ट्रायल से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, 'इन परिणामों से पता चलता है कि हमारे पास एक ऐसी इफेक्टिव वैक्सीन है जो कई जिंदगियां बचाएगी।'

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नए परिणाम रखने के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि वे वैक्सीन को कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए ब्रिटेन, यूरोप और ब्राजील के ड्रग नियामकों के समक्ष अपनी अध्ययन रिपोर्ट सबमिट करेंगे। वहीं, शुरुआती विश्लेषण को लेकर कंपनी ने कहा है कि उसने कोविड-19 से जुड़े 131 मामलों के आधार पर वैक्सीन को सक्षम बताया है। ट्रायल के तहत प्रतिभागियों पर दो अलग-अलग मात्राओं में वैक्सीन के डोज आजमाए गए थे। इनमें से एक कोविड-19 को रोकने में 90 प्रतिशत सक्षम पाया गया है। वहीं, दूसरा डोज 62 प्रतिशत इफेक्टिव है। 90 प्रतिशत क्षमता वाली वैक्सीन के बारे में जानकारी देते हुए एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि इसका पहला डोज मानक खुराक से आधी मात्रा में प्रतिभागियों को दिया गया था। वहीं, दूसरा डोज पूरा दिया गया। इस प्रयोग में वैक्सीन वायरस के खिलाफ काफी सक्षम पाई गई। वहीं, दोनों ही डोज के परिणामस्वरूप किसी भी प्रतिभागी को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी या कोई भी कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित नहीं हुआ। इसके अलावा बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों में भी गिरावट दर्ज की गई, जिससे पता चला कि वैक्सीन वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने में भी कारगर है।

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इन परिणामों से इतर चडॉक्स1 एनसीओवी2019 की अन्य विशेषताएं इसे दूसरी प्रतियोगी वैक्सीनों से अलग करती हैं। मिसाल के लिए, इस वैक्सीन को फाइजर-बायोएनटेक और मॉडेर्ना द्वारा विकसित कोविड वैक्सीन की तुलना में अपेक्षाकृत कम स्टोर करने की जरूरत होगी। यह बड़ी वजह है कि ब्रिटेन सहित दुनियाभर के कई देशों की सरकारें इस वैक्सीन को अपने लोगों के लिए खरीदना चाहती हैं। हालांकि यह साफ नहीं है कि असल में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को कितने तापमान पर कितने समय के लिए स्टोर करके रखा जा सकता है। इस बारे में मॉडेर्ना और फाइजर की वैक्सीन की जानकारी स्पष्ट है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉडेर्ना की एमआरएनए1273 वैक्सीन को सामान्य रेफ्रीजरेटर वाले तापमान में एक महीने तक स्टोर किया जा सकता है। वहीं, इसी तरह के तापमान में फाइजर की बीएनटी162बी2 वैक्सीन पांच दिन तक रखी जा सकती है। ज्यादा दिनों (15) तक स्टोर करने के लिए इसे विशेष तापमान वाले रेफ्रीजरेटर्स में रखने की जरूरत होगी।

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बीते सात दिनों के दौरान कोविड-19 के खिलाफ ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के प्रभावी होने का यह दूसरा बड़ा दावा है। बीते हफ्ते ही प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका दि लांसेट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि कोविड-19 की इस सबसे चर्चित संभावित वैक्सीन ने बुजुर्गों में भी कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा किया है। पत्रिका ने पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के तहत मिले परिणामों के आधार पर वैक्सीन को बुजुर्गों के लिए प्रभावी और सुरक्षित बताया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन से 56 से 69 और 70 साल से ज्यादा उम्र के प्रतिभागियों में भी कोविड-19 के खिलाफ इम्यूनिटी पैदा हुई थी। ट्रायल से जुड़े शोधकर्ताओं के हवाले से बताया गया है कि 18 से 55 वर्ष, 56 से 69 वर्ष और 70 वर्ष से ज्यादा, सभी आयुवर्गों में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ने समान परिणाम दिए हैं।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 90 प्रतिशत प्रभावी, पूरी तरह सुरक्षित: एस्ट्राजेनेका है

संदर्भ

  1. Ramasamy M.N., Minassian A.M., Ewer K.J., Flaxman A.L., Folegatti P.M., Owens D.R., et al. Safety and immunogenicity of ChAdOx1 nCoV-19 vaccine administered in a prime-boost regimen in young and old adults (COV002): a single-blind, randomised, controlled, phase 2/3 trial. The Lancet 2020. Published online: 18 November 2020.
  2. Oxford University. Oxford University's 'vaccine for the world' is effective, 22 November 2020.
  3. Oxford University and The Jenner Institute. News release: Oxford University breakthrough on global COVID-19 vaccine, 23 November 2020.
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