यह तो हम सभी जानते हैं कि वायरस से लेकर इंसानों तक हर जीवित चीज में जेनेटिक मटीरियल होता है फिर चाहे वह डीएनए हो या फिर आरएनए। वास्तव में, सभी में एक तरह का आरएनए होता है जिसे mRNA कहते हैं वह राइबोसोम (कोशिकाओं में भी मौजूद) में सूचनाओं को ले जाने का महत्वपूर्ण काम करता है, कि आखिर कब और कौन सा प्रोटीन बनाना है।
एमआरएनए का अर्थ है मेसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड। mRNA डीएनए से विशिष्ट प्रोटीन बनाने के लिए कोड की कॉपी बनाता है और शरीर में उनके उत्पादन को सक्षम बनाता है- शरीर में मौजूद एंजाइम्स, हार्मोन्स, हड्डियां, मांसपेशियों, ऊत्तक, त्वचा, बाल और कई और चीजें भी हैं जो प्रोटीन से बनी होती हैं लिहाजा mRNA के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता।
ऐसे कई रोगाणु भी हैं जिनकी बाहरी सतह पर एंटीजन नाम का प्रोटीन होता है। mRNA वैक्सीन इन प्रोटीन्स का इस्तेमाल हमारे फायदे के लिए करती हैं और इसके लिए वे एंटीजन प्रोटीन बनाने के लिए mRNA को डिजाइन और क्रिएट करती हैं ताकि रोगाणु द्वारा किए गए नकली हमले का डर दिखाकर शरीर को टी-सेल्स की नियुक्ति और एंटीबॉडीज का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और इंफेक्शन से कैसे लड़ना है ये भी सिखाया जा सके।
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इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर mRNA वैक्सीन क्या होती है, कैसे काम करती है और कोविड-19 महामारी के संदर्भ में इस वैक्सीन का क्या महत्व है?