कोविड-19 महामारी के बीच इजरायल ने इस बीमारी के खिलाफ 'उत्तम' (एक्सिलेंट) वैक्सीन बना लेने का दावा किया है। समाचारा एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते गुरुवार को इजरायल ने बताया कि उसने यह वैक्सीन पहले ही तैयार कर ली थी, लेकिन आम लोगों पर इस्तेमाल करने से पहले इसे नियमों के तहत नियामक प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके लिए वैक्सीन को शरद ऋतु के बाद ह्यूमन ट्रायल में आजमाया जाएगा। गौरतलब है कि इस वैक्सीन को इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च (आईआईबीआर) ने इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय की संयुक्त निगरानी में तैयार किया है।
खबर के मुताबिक, इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने इस हफ्ते आईआईबीआर का दौरा किया था। वहां उन्होंने आईआईबीआर के निदेशक प्रोफेसर श्म्यूल शपीरा से मुलाकात की थी। इसके बाद आईआईबीआर निदेशक ने बयान देते हुए कहा था, 'हमारे पास एक उत्तम वैक्सीन है। कुछ प्रक्रियाएं हैं, जिनसे वैक्सीन को गुजरना होगा, जोकि एक टाइमटेबल पर आधारित है। हम शरद ऋतु की छुट्टियों के बाद सुरक्षा और क्षमता संबंधी ट्रायल शुरू करेंगे।'
आईआईबीआर के दौरे के दौरान रक्षा मंत्री गैंट्ज को वैक्सीन डेवलेपमेंट से जुड़ी प्रगति से अवगत कराया गया। इसी दौरान उन्होंने संस्थान को छुट्टियों के बाद ट्रायल करने का निर्देश दिया। इस बारे में मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, 'ऑटम सीजन की छुट्टियों के बाद हमें मानव परीक्षण शुरू करने की जरूरत है। मैं कहना चाहूंगा कि आप लोगों ने बेहतरीन काम किया है। सभी प्रारंभिक ट्रायलों में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है और एक बड़ी उम्मीद बंधी है।' वहीं, आईआईबीआर प्रमुख ने भी सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। हालांकि उनके बयान से यह साफ नहीं हुआ कि आखिर उनकी यह 'उत्तम' वैक्सीन आम लोगों के इस्तेमाल के लिए कब तक तैयार हो जाएगी।
गौरतलब है कि बीते मई महीने में इजरायल ने घोषणा करते हुए दावा किया था कि कोविड-19 के इलाज के लिए वैक्सीन विकसित करने की मुहिम के तहत उसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। उस समय उसने कहा था कि वह एंटीबॉडी तैयार कर जल्दी से जल्दी उसे पेटेंट कराने की तैयारी में है ताकि उसका बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जा सके। इजरायल की सरकार ने यह बयान मार्च महीने में सामने आई उस खबर के बाद दिया था कि वहां के वैज्ञानिकों ने नए कोरोना वायरस के बायोलॉजिकल मकैनिज्म को समझते हुए वैक्सीन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल कर ली है। इजरायल के मेडिकल सूत्रों के हवाले से वहां के एक बड़े अखबार ने दावा किया था कि वैज्ञानिकों ने वायरस के डायग्नॉसिस और एंटीबॉडीज के प्रोडक्शन के संबंध में बेहतर क्षमता हासिल की है।
बता दें कि बीते जून महीने में कोरोना वैक्सीन बना लेने की घोषणा करते हुए इजरायल ने कहा था कि उसके वैज्ञानिकों ने वेसीक्यूलर स्टोमाटाइटिस वायरस (वीएसवी) का इस्तेमाल करते हुए यह वैक्सीन तैयार की है। यह एक एनीमल वायरस है जो इन्सानों में किसी तरह की बीमारी नहीं फैलाता और जिसका स्पाइक प्रोटीन सार्स-सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन से रिप्लेस हो जाता है। जानकार बताते हैं कि इबोला वायरस के लिए अलग से बनना वाली एक वैक्सीन में भी वीएसवी का इस्तेमाल किया जाता है। इजरायल के वैज्ञानिकों ने वीएसवी से बनी वैक्सीन को सीरियाई चूहे पर आजमाया था और परिणामों में इसे सुरक्षित और एंटीबॉडी बढ़ाने वाली पाया गया था।
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