भारत कोविड-19 महामारी की रोकथाम के मद्देनजर वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाने के लिए अपनी चुनावी मशीनरी का इस्तेमाल करेगा। इस स्वास्थ्य संकट से निपटने में भारत सरकार के साथ लगे एक्सपर्ट ने यह जानकारी दी है। खबर के मुताबिक, बीते सप्ताहांत नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि सरकार वैक्सीनेशन के शुरुआती छह से आठ महीनों के दौरान अपनी विशाल और विस्तृत चुनावी प्रणाली का इस्तेमाल करेगी। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में सबसे ज्यादा संवेदनशील और कमजोर माने जाने वाले लोगों के लिए सरकार ने 60 करोड़ वैक्सीन डोज का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। अब बताया जा रहा है कि इस काम के लिए सरकार अपनी इलेक्शन मशीनरी का इस्तेमाल करेगी। इस बीच खबर आ रही है कि सरकार ने कोरोना टीकाकरण को लेकर नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वैक्सीनेशन प्रोग्राम के बारे में जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि टीकाकरण अभियान के लिए देशभर में दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान पर कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को तैयार कर लिया गया है, जहां वैक्सीनों को ठंडे माहौल में रखा जाएगा। यहां बता दें कि वीके पॉल कोविड-19 संकट के नियंत्रण और इस संबंध में बनाई जा रही योजनाओं के तहत केंद्र सरकार के सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं। वे मेडिकल व अन्य क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स के उस समूह के प्रमुख भी हैं, जो भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन के एडमिनिस्ट्रेशन के लिए काम कर रहा है।
पॉल ने कहा है कि वैक्सीनों के स्टोरेज के मामले में सरकार के स्तर पर की गई तैयारियां कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सामने आई तीन-चार मजबूत वैक्सीन उम्मीदवारों की स्टोरेज रिक्वायरमेंट से मेल खाती हैं। इनमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड वैक्सीन एजेडडी1222, भारतीय दवा कंपनी भारत बायोटेक की कोवाक्सीन और जाइडस कैडिला की जाइकोव-डी वैक्सीन शामिल है।
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उधर, केंद्र सरकार के हवाले से आ रही एक ताजा अपडेट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इनमें उसने कहा है कि वैक्सीन लाभकारियों को टीका लगाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को उनकी कम से कम 30 मिनट तक मॉनिटरिंग करनी होगी। प्रतिदिन हरेक सेशन में 100 से 200 लोगों को टीका लगाया जाएगा। इसके बाद, उनमें किसी प्रकार के विपरीत प्रभाव की जांच के लिए आधा घंटा निगरानी करनी होगी। इसके अलावा, गाइडलाइंस में निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं:
- हरेक वैक्सीनेशन टीम में पांच सदस्य होंगे
- अगर वैक्सीनेशन साइट पर सुविधाओं की पर्याप्त उपलब्धता हो, साथ ही वेटिंग रूम और ऑब्जर्वेशन रूम के लिए भी स्पेस हो तो वहां एक और वैक्सीनेटर ऑफिसर की तैनाती की जा सकती है, जिससे 200 और लाभकारियों को टीका लगाया जा सकता है
- सूची में शामिल वैक्सीनेशन लाभकारियों की ट्रैकिंग की जाएगी, जिसके लिए 'कोविन' (कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) नामक डिजिटलाइज्ड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा
- कोविन पर वैक्सीनेशन का लाभ उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों को 12 दस्तावेज आधारित विकल्प दिए जाएंगे; वे आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पेंशन संबंधी डॉक्युमेंट आदि के जरिये अपना पंजीकरण करा सकते हैं
- वैक्सीनेशन के लिए निर्धारित जगह पर केवल रजिस्टर्ड लाभार्थियों को ही टीका लगाया जाएगा; ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा नहीं होगी
- राज्यों से कहा गया है कि वे एक मैन्युफैक्चरर से वैक्सीन को सीधे किसी जिले में पहुंचाएं ताकि फील्ड पर टीकों की मिक्सिंग से बचा जा सके
- वैक्सीन कैरियर, वायल्स (शीशी) या आई पैक्स को सूरज की रोशनी से बचाने के लिए सभी इंतजाम किए जाएंगे
- जब तक कोई लाभकारी वैक्सीनेशन साइट पर नहीं आता, तब तक उन्हें वैक्सीन कैरियर के अंदर ही रखा जाएगा
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