भारत में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जनवरी 2021 में शुरू हो सकती है और अक्टूबर 2021 तक हालात सामान्य हो सकते हैं। देश और दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी माने जाने वाले सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष (सीईओ) अदार पूनावाला ने एक कार्यक्रम बोलते हुए यह बात कही है। रविवार को दि इकनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट में शिरकत करने पहुंचे अदार पूना वाला ने यह भी बताया कि उनकी कंपनी को इस महीने के अंत तक कोविड-19 वैक्सीन कोवीशील्ड के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए सरकार के एक्सपर्ट पैनल की मंजूरी भी मिल सकती है। बता दें कि कोवीशील्ड ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई कोरोना वैक्सीन एजेडडी1222 का भारतीय वर्जन है। ब्रिटिश कंपनी के साथ हुई डील के तहत इसकी मैन्युफैक्चरिंग एसआईआई कर रही है।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कार्यक्रम में बोलते हुए अदार पूना वाला ने कहा, 'इस महीने के अंत तक हमें (कोरोना वायरस वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए) इमरजेंसी लाइसेंस मिल सकता है। लेकिन व्यापक उपयोग के लिए पूरी अनुमति बाद में मिल सकती है। हमें पूरा यकीन है कि अगर (भारत के दवा) नियामक अनुमति देते हैं तो भारत में (कोविड-19 का) वैक्सीनेशन प्रोग्राम जनवरी 2021 तक शुरू हो सकता है।' इसके साथ ही पूनावाला ने कहा कि अगर उनके द्वारा सुझाए गए समय पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो जाता है तो अक्टूबर 2021 तक देश में हर किसी को वैक्सीनेट किए जाने की उम्मीद की जा सकती है, जिससे सामान्य जीवन के लौटने की भी उम्मीद है।

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईआई के सीईओ ने कहा, 'एक बार 20 प्रतिशत आबादी को कोरोना वायरस की वैक्सीन लग जाए तो हम कुछ आत्मविश्वास और कल्पनाओं को वापस हासिल कर सकते हैं और आशा कर सकते हैं कि अगले साल सितंबर-अक्टूबर तक हर किसी के लिए पर्याप्त वैक्सीन होंगी तथा सामान्य जीवन वापस आ जाएगा।' पूनावाला की इस टिप्पणी से पहले भारत में कोविड-19 वैक्सीनों को अप्रूवल देने से जुड़े आवदेनों की जांच करने और टीकों की क्षमता, सुरक्षा आदि विषयों पर राय-मशविरा करने वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने एसआईआई से कहा है कि वह अपनी वैक्सीन को लेकर किए गए अंतिम चरण के ट्रायलों का अतिरिक्त डेटा मुहैया कराए। कमेटी ने एक अन्य वैक्सीन दावेदार कंपनी भारत बायोटेक को भी अतिरिक्त आंकड़े उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

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बहरहाल, अदार पूनावाला ने कोवीशील्ड को लेकर ये बातें ऐसे समय में कही हैं, जब महीनों तक कोरोना वायरस संकट के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार के रूप में दिखने के बाद अब यह टीका सवालों के घेरे में है। हाल में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने माना था कि मैन्युफैक्चरिंग के दौरान कुछ वैक्सीन शीशियों में कम डोज रह जाने के चलते उन्हें ट्रायल में (संयोग से) बेहतर परिणाम मिले। बाद में दि लांसेट पत्रिका ने टीके को कोविड-19 के खिलाफ कुल-मिलाकर 70 प्रतिशत तक सक्षम बताया। यह दर फाइजर और मॉडेर्ना जैसी दूसरी वैक्सीन निर्माता कंपनियों की तरफ से किए गए दावों से कम है। इन दोनों कंपनियों ने अपनी-अपनी कोरोना वैक्सीन को 95 प्रतिशत तक सक्षम बताया है। खबर यह भी है कि हाल के घटनाक्रम के बाद वैश्विक बाजार में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की मांग में कमी आ गई है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: जनवरी 2021 में शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन प्रोग्राम, अक्टूबर तक सब सामान्य होने की उम्मीद- अदार पूनावाला है

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