ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के तहत सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई को अपनी कोविड-19 वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण करने की अनुमति दे दी है। खबर के मुताबिक, कोविड-19 के इलाज के लिए बनाई जा रही दवाओं और वैक्सीन तथा उनके क्लिनिकल ट्रायलों के अप्रूवल के संबंध में डीसीजीआई को सलाह देने के लिए सीडीएससीओ के नेतृत्व में बनाई गई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने इस हफ्ते बायोलॉजिकल ई को पहली और दूसरी स्टेज के वैक्सीन ट्रायल करने की इजाजत दे दी है। इस बारे में सीडीएससीओ पैनल ने कहा है, 'कंपनी ने पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायलों के लिए अपना प्रोटोकॉल समिति के समक्ष फिर से पेश किया था। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने (बायोलॉजिकल ई को) क्लिनिकल ट्रायल करने की अनुमति देने की (डीसीजीआई से) सिफारिश की है।'

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गौरतलब है कि इस अनुमति के बाद भारत में कोविड-19 का इलाज ढूंढने के लिए किए जा रहे या किए जाने वाले वैक्सीन ट्रायलों की संख्या पांच होने वाली है। इससे पहले चार भारतीय दवा कंपनियों को कोविड वैक्सीन के ट्रायल करने की इजाजत सीडीएससीओ के पैनल की तरफ से मिल चुकी है। इनमें ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई चर्चित कोविड-19 वैक्सीन 'चडॉक्स एनसीओवी1' शामिल है, जिसके अंतिम चरण के ट्रायल किए जा रहे हैं। भारत और दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया 'कोवीशील्ड' नाम से इस टीके के परीक्षण अंजाम दे रही है। वहीं, भारतीय दवा कंपनी भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोवाक्सीन' को भी हाल ही में तीसरे चरण के ट्रायलों में आजमाए जाने की इजाजत ड्रग नियामक की तरफ से दी गई है। अहमदाबाद स्थित दवा कंपनी जाइडस कैडिला खुद से तैयारी की वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल कर रही है। इसके अलावा, डॉ. रेड्डीज को हाल ही में सीडीएससीओ ने रूस में निर्मित कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक 5 के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल करने की अनुमति दी है। कंपनी जल्दी ही इसके ट्रायल शुरू करेगी।

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वहीं, अब इस सूची में बायोलॉजिकल ई भी शामिल हो गई है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बायोलॉजिकल ई ने इन ट्रायलों के लिए किसी कंपनी के साथ समझौता किया है, जिसका नाम अभी तक उसने नहीं बताया है। हालांकि मामले से जुड़े लोगों के हवाले से अखबार ने बताया है कि इस साझेदारी की घोषणा अगले हफ्ते की जा सकती है। बता दें कि बायोलॉजिकल ई ने अमेरिका के टेक्सास राज्य स्थित साइंस यूनिवर्सिटी बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के साथ मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन तैयार की है। हालांकि इस वैक्सीन के प्रकार को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इसके अलावा हैदराबाद स्थित दवा कंपनी ने अमेरिकी दवा व मेडिकल उत्पाद कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के साथ भी समझौता किया है। इसके तहत अमेरिकी ड्रगमेकर ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी तकनीक भारतीय दवा कंपनी को ट्रांसफर कर दी है। साथ ही, इसकी मैन्युफैक्चरिंग के अधिकार भी ट्रांसफर किए गए हैं। खबरों के मुताबिक, यह वैक्सीन भारत में 2021 के मध्य तक उपलब्ध हो सकती है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: सीडीएससीओ ने बायोलॉजिकल ई के रूप में 5वीं भारतीय कंपनी को कोरोना वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण करने की अनुमति दी है

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