विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 की संभावित वैक्सीन बनाने में लगी कंपनियों के हालिया दावों को लेकर आगाह किया है। उसने एक बार फिर स्पष्ट रूप से कहा है कि केवल कोविड-19 की वैक्सीन बना लेने से इस संकट से नहीं निपटा जा सकता। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन को लेकर हाल में आई सकारात्मक रिपोर्टों को 'प्रोत्साहन देने वाली' जरूर बताया है।

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसस ने कहा है, 'हमें कोविड-19 की वैक्सीन से जुड़ी खबरें लगातार मिल रही हैं। आने वाले महीनों में हम (कोविड-19 की रोकथाम के संबंध में) नए संभावित उपायों को लेकर आशावादी बने हुए हैं। लेकिन, यह आत्मसंतोष करने का समय नहीं है।' एजेंसी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने वैक्सीन से जुड़ी हालिया रिपोर्टों पर खुशी जाहिर की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि कई देशों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं, लिहाजा वैक्सीन के भरोसे संतुष्ट हो जाना कोई विकल्प नहीं है।

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टेड्रोस गेब्रेयेसस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक के बाद एक तीन कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनियों या संस्थानों ने अपनी-अपनी वैक्सीन को कोविड-19 के खिलाफ 90 प्रतिशत से ज्यादा सक्षम बताया है। सोमवार को अमेरिकी दवा कंपनी मॉडेर्ना ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उसकी कोविड वैक्सीन दावेदार एमआरएनए1273 सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण के खिलाफ 94 प्रतिशत से ज्यादा सक्षम पाई गई है। कंपनी ने अंतिम चरण के ट्रायल से जुड़े प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर यह दावा किया है। उससे पहले रूस के गामालेया रिसर्ट सेंटर ने अपनी स्पुतनिक 5 वैक्सीन को कोविड-19 की रोकथाम में 92 प्रतिशत से ज्यादा सक्षम बताया था। वहीं, इन दोनों से पहले पिछले हफ्ते फाइजर कंपनी ने सबसे पहले बताया था कि उसके द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन बीएनटी162 के तीसरे चरण के ट्रायल में कोरोना वायरस के खिलाफ 90 प्रतिशत से ज्यादा सक्षम होने का पता चला है।

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इन्हीं रिपोर्टों पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने प्रतिक्रिया दी है। सोमवार को कोरोना संकट पर हुई दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेड्रोस ने चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रायल में मिली कामयाबियों के बाद भी वैक्सीन के उपलब्ध होने में अभी काफी समय है, जबकि मौजूदा समय में कोविड-19 के मरीज और उनकी मौतों के आंकड़े दुनिया के कई देशों में बढ़ रहे हैं, जिस पर तुरंत कुछ करने की जरूरत है। खबर के मुताबिक, टेड्रोस ने कहा, 'यह एक खतरनाक वायरस है, जो शरीर के हर सिस्टम पर हमला कर सकता है। इसकी निगरानी किए बिना फैलने देने वाले देश आग के साथ खेल रहे हैं। कोई वैक्सीन अकेले इस महामारी का अंत नहीं कर सकती।'

इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने यूरोप और अमेरिकी देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने को लेकर विशेष रूप से चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन देशों में स्वास्थ्यकर्मी महीनों से लगातार काम कर रहे हैं और अब वे कमजोर पड़ रहे हैं। टेड्रोस ने कहा कि इससे इन देशों का हेल्थ सिस्टम टूटने की कगार पर आ गया है। इस बारे में विशेष उल्लेख करते हुए टेड्रोस ने कहा, 'हमें उन्हें (स्वास्थ्यकर्मियों) बचाने के लिए वह सब करना चाहिए जो हम कर सकते हैं, खासतौर पर इस समय जब वायरस बढ़ रहा है और अस्पतालों में बेड भरते जा रहे हैं।'

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इसके अलावा, टेड्रोस ने यह भी कहा कि संकट की इस घड़ी में देशों के लिए सुस्ती दिखाने का कोई बहाना नहीं है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने साफ कहा, 'वायरस के प्रति कुछ न करना यानी उपलब्ध साधनों का संपूर्ण प्रयोग नहीं करने से (और) मौतें देखने को मिलेंगी, रोजगार प्रभावित होंगे और अर्थव्यवस्थाएं मुश्किल में आएंगी।'


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोई वैक्सीन कोविड-19 महामारी के अंत के लिए काफी नहीं: डब्ल्यूएचओ है

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