अमेरिका में कोविड-19 से ग्रस्त नौवीं कक्षा के एक विद्यार्थी के जरिये सौ से ज्यादा बच्चों व अन्य लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण होने का मामला सामने आया है। इस बच्चे के कोविड-19 परीक्षण का परिणाम 'फॉल्स नेगेटिव' आया था। इससे डॉक्टरों और उसके माता-पिता को लगा कि वह सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित नहीं है। गलत परिणाम पर विश्वास कर उन्होंने बच्चे को स्कूल द्वारा आयोजित इवेंट में भाग लेने भेज दिया। अमेरिका के विसकॉनसिन राज्य स्थित इस स्कूल की तरफ से जुलाई और अगस्त में ओवरनाइट समर स्कूल रीट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस इवेंट में 152 बच्चों ने भाग लिया था। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक, इवेंट में फॉल्स नेगेटिव आए बच्चे के शामिल होने के बाद तीन-चौथाई बच्चे सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित पाए गए हैं।
शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी एक रिपोर्ट में इस मामले की जानकारी दी है। हालांकि उसने बताया है कि स्कूल इवेंट के दौरान वायरस की चपेट में आए बच्चे गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए थे और उनमें से किसी को भी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी थी। खबर के मुताबिक, इस इवेंट में अमेरिका के 21 राज्यों व अन्य प्रदेशों तथा दो अन्य देशों से लोग भाग लेने आए थे। इसके लिए उन्हें आयोजकों को कोविड-19 से जुड़े दो दस्तावेजों में से एक सबमिट करना था। एनवाईटी ने बताया कि प्रतिभागियों को इस बात का सबूत देना था कि या तो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उन्होंने एंटीबॉडी विकसित कर लिए हैं या उनके कोविड संबंधी डायग्नॉस्टिक टेस्ट का परिणाम इवेंट से एक हफ्ते पहले नेगेटिव आया हो। इसके अलावा, ट्रिप पर आने से एक हफ्ता पहले उन्हें घर में क्वारंटीन होने को भी कहा गया था, साथ ही यात्रा करते समय मास्क पहने रखने की हिदायत दी गई थी। इवेंट में भाग लेने के बाद केवल अध्यापकों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने से जुड़े नियमों का पालन करना था। छात्रों और उनके काउंसलर्स को इससे छूट दी गई थी।
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रीट्रीट के दौरान बच्चों की क्लासें बाहर खुल में चल रही थीं और सीटों के बीच छह फीट का फासला रखा गया था। वे छात्रावास में सोते थे। हरेक कमरे में चार से छह बच्चों को ही सोने की अनुमति थी। अध्यापकों के लिए अलग से हाउसिंग यूनिट्स बनाई गई थीं। उधर, इवेंट में भाग लेने के दो दिन बाद फॉल्स नेगेटिव वाले छात्र में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने लगे। इनमें खराब गला, खांसी और ठंड लगने जैसे सिंपटम शामिल थे। जल्दी ही पता चल गया कि उसके परिवार के एक सदस्य का टेस्ट पॉजिटिव आया था। बच्चे में लक्षण दिखने के बाद उसे तुरंत आइसोलेट कर दिया गया। उसके नजदीकी संपर्क में आए 11 अन्य बच्चों को भी क्वारंटीन किया गया। हालांकि इसके बावजूद इवेंट में शामिल हुए 116 बच्चे व अन्य लोग वायरस से संक्रमित पाए गए।
वहीं, जिन छात्रों व अन्य प्रतिभागियों के टेस्ट नेगेटिव निकले, उनमें से 24 ऐसे थे, जो रीट्रीट में शामिल होने से पहले ही वायरस की चपेट आकर उसके खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर चुके थे। इसके अलावा, स्टाफ सदस्यों में से चार के टेस्ट भी नेगेटिव निकले हैं। हालांकि बाद में उनमें से एक में बीमारी के लक्षण दिखे थे, जिसके चलते उसे संभावित कोविड केस माना गया था।