30 जुलाई, 2020 को अपडेट की गई

गर्भावस्था के 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद अपने नवजात शिशु को हाथों में उठाने और उसे प्यार से लगे लगाने के अनुभव को शायद ही कोई मां कभी भूल पाए। प्रेगनेंसी में डाइट का ख्याल रखने से लेकर सावधानीपूर्वक एक्सरसाइज करना तक- आपने भी गर्भावस्था के दौरान अपनी और अपने बच्चे की अच्छी सेहत के लिए ये सब किया होगा ना। लेकिन अगर आप साल 2020 में गर्भवती हैं तो मौजूदा समय में दुनियाभर में फैली कोविड-19 महामारी की वजह से आपको भी तनाव जरूर महसूस हो रहा होगा।

कोविड-19 इंफेक्शन किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, लेकिन 60 से अधिक उम्र के बुजुर्ग और वैसे लोग, जिन्हें पहले से डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी की बीमारी है या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है उन्हें कोविड-19 की गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक है। तो क्या इस कैटिगरी में गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं? क्या प्रेगनेंट महिलाओं के लिए कोविड-19 की यह बीमारी ज्यादा घातक है? क्या यह वायरस प्रेगनेंसी के दौरान मां के शरीर से बच्चे तक भी पहुंच सकता है?

(और पढ़ें: नॉन-प्रेग्नेंट की तुलना में गर्भवती महिला को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है कोविड-19

वैसे तो वैश्विक रूप से अब तक इस दावे को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है कि कोविड-19 से ग्रस्त किसी गर्भवती महिला से उसके भ्रूण तक नया कोरोना वायरस फैल सकता है या नहीं। लेकिन भारत में कोविड-19 के वर्टिकल ट्रांसमिशन यानी गर्भवती महिला से उसके नवजात शिशु तक वायरस पहुंचने के पहले मामले की दस्तावेज आधारित पुष्टि हो चुकी है। बीते दिनों पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज में ऐसा पहला मामला सामने आया था और यह प्लेसेंटा यानी गर्भनाल से फैलने वाले संक्रमण का पहला प्रमाणित केस भी है। 

(और पढ़ें: भारत में मां से नवजात में कोरोना वायरस ट्रांसमिट होने का पहला मामला)
 
जिस तरह से रोजाना कोविड-19 संक्रमित मरीजों के मामले बढ़ रहे हैं, जाहिर सी बात है कि बहुत सारी गर्भवती महिलाएं भी कोविड-19 से प्रभावित हो रही हैं। यह वैश्विक रूप से चिंता की बात है क्योंकि मां की सेहत पर ही गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत निर्भर करती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का इम्यून सिस्टम जोखिम में (क्रॉम्प्रोमाइज्ड) होता है और इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन 9 महीनों के दौरान बैक्टीरियल संक्रमण, वायरल इंफेक्शन और फंगल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। 

हालांकि, कोविड-19 वायरस का एक नया स्ट्रेन या प्रकार है इसलिए दुनियाभर के डॉक्टरों और महामारीविज्ञान से जुड़े लोग- जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका के सीडीसी के लोग भी शामिल हैं- इस बारे में सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं कि आखिर गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों को इस नए वायरस से संक्रमित होने का खतरा कितना अधिक है। ऐसे में कोविड-19 इंफेक्शन के बारे में हर गर्भवती महिला को ये जरूरी बातें पता होनी चाहिए:

  1. कोविड-19 और गर्भावस्था का खतरा
  2. कोविड-19 और गर्भावस्था से जुड़े सवाल
  3. कोविड-19 पॉजिटिव गर्भवती महिला की डिलिवरी और लेबर
  4. संक्रमित मांओं के बच्चों पर कोविड-19 का असर
कोविड-19 और गर्भावस्था के डॉक्टर

गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 का क्या असर होता है इस बारे में फिलहाल रिसर्च जारी है। हालांकि इस बारे में अभी तक सीमित आंकड़े ही मौजूद हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन की सरकार के कोरोना वायरस बीमारी 2019 के साझा मिशन की रिपोर्ट में यह बात साफ तौर पर कही गई है कि एच1एन1 वायरस यानी स्वाइन फ्लू से अगर तुलना की जाए तो गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 की गंभीर बीमारी होने का खतरा बहुत अधिक नहीं है। 147 महिलाओं की जांच की गई और इस दौरान 64 में संक्रमण की पुष्टि हुई, 82 संदिग्ध थीं और 1 अलक्षणी (एसिम्पटोमैटिक) यानी 8 प्रतिशत को गंभीर बीमारी और 1 प्रतिशत क्रिटिकल।

(और पढ़ें: कोविड-19- गर्भवती महिलाएं तीसरी तिमाही में रहें सतर्क)

हालांकि WHO खुद भी इस बात को कई बार कह चुका है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर और इम्यून सिस्टम में कई तरह के बदलाव होते हैं जिस वजह से गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान इम्यूनोक्रॉम्प्रोमाइज्ड (कमजोर इम्यून सिस्टम) हो सकती हैं। श्वसन संबंधी वायरल इंफेक्शन का तो गर्भवती महिलाओं पर बहुत बुरा असर पड़ता है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं सभी सावधानियां बरतें और एहतियाती कदम उठाएं ताकि वे कोविड-19 फैलाने वाले वायरस से बची रहें। हालांकि इसके लिए घबराने (पैनिक होने) की जरूरत नहीं है, सिर्फ इंफेक्शन से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

अगर इस कोविड-19 महामारी के दौरान आप गर्भवती हैं तो आपके मने में भी इस वक्त ढेरों सवाल होंगे। वैज्ञानिक और डॉक्टर रोजाना इस नए वायरस के बारे में नई-नई बातें और जानकारियों का पता लगा रहे हैं। ऐसे में हम आपके उन कॉमन सवालों का जवाब यहां पर दे रहे हैं जो ज्यादातर गर्भवती महिलाओं के मन में हो सकते हैं:

गर्भवती महिलाएं कोविड-19 से कैसे बचें?

WHO का सुझाव है कि कोविड-19 से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को वही सावधानियां बरतनी चाहिए जो दुनिया के बाकी लोगों को। बीमारी से बचने के वे उपाय हैं:

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें खासकर हाथों की सफाई का। हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं या फिर अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • सांस संबंधी स्वच्छता का ध्यान रखें और इसके लिए खांसते या छींकते वक्त अपने मुंह और नाक को कोहनी से ढंक लें। आप चाहें तो टीशू पेपर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं लेकिन इस्तेमाल के तुरंत बाद उस टीशू को डस्टबिन में डाल दें।
  • गंदे हाथों से अपने चेहरे, आंख, नाक और मुंह को न छुएं।
  • किसी भी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं, दूसरों से दो गज की दूरी बनाकर रखें और जहां तक संभव हो घर पर ही रहें बाहर न निकलें।
  • घर में भी साफ-सफाई बनाए रखें। सामानों और सतहों को अच्छी तरह से साफ और कीटाणुमुक्त करें।
  • अगर आपको सर्दी-खांसी, जुकाम या बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपने मन से कोई भी दवा न खाएं। डॉक्टर से फोन पर या ऑनलाइन संपर्क करें और अगर आपको क्लिनिक या अस्पताल आने के लिए कहा जाता है तो उन्हें पहले ही बता दें कि आप आ रही हैं।
  • अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हेल्दी डायट का सेवन करें। विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं। डॉक्टर द्वारा बतायी गई दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करें।
  • प्रेगनेंसी के दौरान भी अपनी हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि जारी रखें, एक्सरसाइज और योग करें। इससे आपको एग्जाइटी यानी बेचैनी और तनाव से दूर रहने में मदद मिलेगी।

WHO की सलाह है कि गर्भवती महिलाएं जिन्हें प्रीनेटल अल्ट्रासाउंड, जरूरी प्रेगनेंसी टेस्ट या पोस्टनेटल चेकअप के लिए जाना है उन्हें इन मेडिकल अपॉइटमेंट में देरी नहीं करनी चाहिए। हालांकि इन सारे चेकअप्स के लिए अस्पताल जाते वक्त पूरी सावधानी बरतना जरूरी है।

अगर गर्भवती महिलाओं को लगता है कि वे संक्रमित हो गई हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान थोड़ी बहुत बीमारी या असहजता महसूस होना सामान्य सी बात है और इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं। हालांकि कोविड-19 जैसी महामारी के समय अतिरिक्त सतर्कता बरतना जरूरी है। अगर आप गर्भवती हैं और आपको खुद में कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें या ऑनलाइन कंसल्ट करें। अगर डॉक्टर आपको अस्पताल आने के लिए कहते हैं तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहन का इस्तेमाल करें। साथ ही अपने पहुंचने के बारे में पहले ही अपने डॉक्टर को सूचित कर दें।

WHO के मुताबिक हर देश की टेस्टिंग की प्रोटोकॉल और पात्रता अलग-अलग होती है, लेकिन सभी जगहों पर गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए अगर उनमें कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर गर्भवती महिला कोविड-19 से संक्रमित है तो उन्हें अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होगी।

कोविड-19 पॉजिटिव टेस्ट होने पर गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए?

कोविड-19 के बाकी कंफर्म्ड मरीजों की ही तरह गर्भवती महिलाओं की भी राजकीय स्वास्थ्य विभाग और पब्लिक हेल्थ प्रफेशनल्स के द्वारा स्क्रीनिंग की जाती है। कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिला को 2 तरह की परिस्थिती का सामना करना पड़ सकता है:

हल्का इंफेक्शन- अगर कोविड-19 पॉजिटिव टेस्ट होने के बाद भी आपके लक्षण हल्के हैं या कोई लक्षण नहीं है तो आपको घर जाने और घर पर ही खुद को सेल्फ-आइसोलेट करने के लिए कहा जाएगा। आपको आपके परिवार को यह सुनिश्चित करना होगा कि आपको घर पर कोविड-19 की सही देखभाल मिले। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी आपकी सेहत को लेकर लगातार संपर्क में रहेंगे और अगर आपके लक्षण बिगड़ते हैं तो आपको अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

गंभीर इंफेक्शन- अगर आपमें कोविड-19 के गंभीर लक्षण हैं या फिर जेस्टेशनल डायबिटीज या जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की समस्या है तो आपके लक्षणों के गंभीर होने की आशंका है इसलिए आपको अस्पताल में भर्ती किया जाएगा और निगरानी की जाएगी। अस्पताल में भले ही आप अपने परिजनों से दूर हों लेकिन यहां आपके सुरक्षित रहने और दूसरों को संक्रमित न करने की संभावना अधिक होगी।

भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 संक्रमित गर्भवती महिलाओं को आइसोलेट कर उनका इलाज भी बाकी के मरीजों की तरह ही होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि संक्रमण दूसरी गर्भवती महिलाओं को या नवजात शिशुओं तक न फैले।

कोविड-19 संक्रमित महिलाएं क्या बच्चे को स्तनपान करवा सकती हैं?

जन्म के बाद पहले घंटें में नवजात शिशु को दूध पिलाना और स्किन टू स्किन संपर्क को बेहद अहम माना जाता है। लेकिन कोविड-19 संक्रामक बीमारी के समय गर्भवती महिलाओं को अपने नवजात शिशु के साथ ये सारी चीजें करने को मिलेंगी या नहीं, यह सवाल भी उनके मन में हो सकता है। WHO का सुझाव है कि बाकी नई मांओं की तरह कोविड-19 की मरीज भी 6 महीने तक अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती हैं। अगर निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाए तो नया कोरोना वायरस नई मां या उनके बच्चे को प्रभावित नहीं कर सकता:

  • बच्चे को छूने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोएं
  • ब्रेस्टफीडिंग करवाते वक्त श्वसन संबंधी सफाई का ध्यान रखें और जब भी बच्चे के नजदीक रहें तो मास्क पहनकर रखें
  • संक्रमित मां और बच्चे द्वारा बार-बार छूई जाने वाली सतहों को अच्छे से साफ करें।

(और पढ़ें: WHO ने दी स्तनपान की सलाह, मां के दूध में कोरोना वायरस मौजूद नहीं)

अगर आपमें कोविड-19 के गंभीर लक्षण हों तो बच्चे को अपना दूध पिलाने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं:

  • मां अपने ब्रेस्ट मिल्क को ब्रेस्ट पंप की मदद से निकालकर दे सकती है और कोई अन्य केयरटेकर बच्चे को बोतल से मां का दूध पिला सकता है।
  • मां से बच्चे के बीच किसी तरह का ट्रांसमिशन ना हो इसके लिए दोनों के बीच उचित दूरी बनाए रखें।

मौजूदा रिसर्च और एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर गर्भवती महिला कोविड-19 पॉजिटिव है तब भी उसे अपनी डिलिवरी और लेबर को लेकर बेवजह का ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए। रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रेटिशन्स एंड गाइनैकॉल्जिस्ट्स लंदन का सुझाव है कि कोविड-19 इंफेक्शन से संक्रमित महिला को होम डिलिवरी से बचना चाहिए। प्रसव के बाद नई और बच्चे की देखभाल अस्पताल के ऑब्स्ट्रेटिक वॉर्ड में होनी चाहिए जहां मां और बच्चे की सेहत का पूरा ध्यान रखा जा सके।

बहुत सी महिलाओं को यह चिंता भी सता रही होगी कि कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद क्या उनकी नॉर्मल वजाइनल डिलिवरी हो पाएगी या फिर उन्हें सिजेरियन डिलिवरी करवानी होगी। WHO ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर चिकित्सीय रूप से बहुत ज्यादा जरूरी न हो तो गर्भवती महिला की सिजेरियन डिलिवरी करने की जरूरत नहीं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹546  ₹850  35% छूट
खरीदें

चूंकि कोविड-19 एक नया वायरस है इसलिए गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चों पर इस वायरस का क्या असर होता है इस बारे में बहुत ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। अब तक ऐसे कोई सबूत सामने नहीं आए हैं जिससे यह पता चल सके कि कोविड-19 वायरस की वजह से मिसकैरेज या गर्भावस्था से जुड़ी कोई और जटिलता उत्पन्न हो। हालांकि कोविड-19 के लक्षण वाली कुछ महिलाओं में प्रीमैच्योर लेबर और समय से पहले बच्चे के जन्म जैसी स्थितियां देखने को मिली हैं। 

14 जुलाई 2020 को कोविड-19 के वर्टिकल ट्रांसमिशन के मुद्दे पर 2 रिसर्च पेपर सामने आए थे। इनमें से एक में डॉक्टरों ने ऐमनियोटिक फ्लूइड में नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के होने के सबूत पाए थे। साथ ही डॉक्टरों ने प्लेसेंटा यानी गर्भनाल में, नवजात शिशु के खून में और उसके फेफड़ों से लिए गए तरल पदार्थ में भी वायरस की मौजूदगी पायी थी। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो ये सारी बातें कोविड-19 इंफेक्शन की इशारा करती हैं। 

(और पढ़ें: गर्भवती महिला से भ्रूण में कोविड-19 ट्रांसफर होने का खतरा है बेहद कम)

इसके अलावा दूसरी रिसर्च में अनुसंधानकर्ताओं ने ये पाया कि सार्स-सीओवी-2 वायरस जो फेफड़े, हृदय और रक्त धमनियों की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए एसीई2 रिसेप्टर्स का इस्तेमाल करता है, वह प्लेसेंटा में एसीई2 रिसेप्टर की गैरमौजूदगी में अंदर प्रवेश करने के लिए सीडी147 रिसेप्टर का रास्ता चुनता है। हालांकि जब अनुसंधानकर्ताओं ने जीका वायरस और बाकी इंफेक्शन्स से तुलना की तो कोविड-19 इंफेक्शन का गर्भवती मां से बच्चे में फैलने का खतरा बेहद कम था।

रोजाना हो रही नई रिसर्च से गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों में कोविड-19 इंफेक्शन का खतरा और इसका कितना ज्यादा असर होता है इस बारे में कुछ और जानकारियां सामने आने के बाद ही कुछ और कहा जा सकता है।

Dr. Arpan Kundu

Dr. Arpan Kundu

प्रसूति एवं स्त्री रोग
7 वर्षों का अनुभव

Dr Sujata Sinha

Dr Sujata Sinha

प्रसूति एवं स्त्री रोग
30 वर्षों का अनुभव

Dr. Pratik Shikare

Dr. Pratik Shikare

प्रसूति एवं स्त्री रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Payal Bajaj

Dr. Payal Bajaj

प्रसूति एवं स्त्री रोग
20 वर्षों का अनुभव


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 और गर्भावस्था है

संदर्भ

  1. Royal College of Obstetricians and Gynaecologists [Internet]. London, United Kingdom; Coronavirus infection and pregnancy
  2. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Q&A on COVID-19, pregnancy, childbirth and breastfeeding
  3. Schmid, Manuel B. et al. COVID-19 in pregnant women. The Lancet, Infectious Diseases. Published:March 17, 2020.
  4. American College of Obstetricians and Gynecologists. [internet], Bethesda (MD), USA; Novel Coronavirus 2019 (COVID-19)
  5. Schwartz, David A. An Analysis of 38 Pregnant Women With COVID-19, Their Newborn Infants, and Maternal-Fetal Transmission of SARS-CoV-2: Maternal Coronavirus Infections and Pregnancy Outcomes. Arch Pathol Lab Med. 2020 Mar 17. PMID: 32180426
  6. Centers for Disease Control and Prevention [Internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Coronavirus Disease 2019 (COVID-19): Pregnancy & Breastfeeding
  7. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Report of the WHO-China Joint Mission on Coronavirus Disease 2019 (COVID-19)
  8. Royal College of Obstetricians and Gynaecologists [Internet]. London, United Kingdom; Coronavirus (COVID-19) Infection in Pregnancy
  9. Indian Council of Medical Research [Internet]. Department of Health Research. New Delhi. India.
  10. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Pregnancy, Childbirth, breastfeeding and COVID-19
  11. Centers for Disease Control and Prevention [Internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Characteristics of Women of Reproductive Age with Laboratory-Confirmed SARS-CoV-2 Infection by Pregnancy Status — United States, January 22–June 7, 2020
  12. Flannery, Dustin D. et al . SARS-CoV-2 seroprevalence among parturient women in Philadelphia. Science Immunology 29 Jul 2020: Vol. 5, Issue 49, eabd5709.
ऐप पर पढ़ें