विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के चलते पैदा हुई कोविड-19 महामारी से वैश्विक हालात और ज्यादा बिगड़ रहे हैं। उसने कहा कि अमेरिकी देशों में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते प्रतिदिन सामने आने वाले मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि यह खुश होने का समय नहीं है।
दरअसल, एशिया और यूरोप के कुछ देशों में कोविड-19 के चलते बिगड़े हालात में लगातार सुधार हुआ है। यहां आम जीवन को पहले की तरह सामान्य करने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी को लेकर डब्ल्यूओ ने यह नई चेतावनी दी है। उसने कहा है, 'यूरोप में हालात सुधर रहे हैं, लेकिन वैश्विक रूप से और बिगड़ रहे हैं।'
खबरों के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसुस ने सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'बीते दस दिनों में से नौ दिन एक लाख से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। कल (रविवार) एक लाख 36 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जो एक दिन में कोरोना वायरस के मरीजों की अभी तक की सबसे बड़ी संख्या है।' डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने बताया कि इन एक लाख 36 हजार मरीजों में से करीब 75 प्रतिशत केवल दस देशों से हैं। इनमें अमेरिकी और दक्षिण एशियाई देशों की संख्या सबसे ज्यादा है।
वहीं, जिन देशों में हालात सुधर रहे हैं, उन्हें लेकर टेड्रोस ने कहा कि वहां सबसे बड़ा खतरा 'आत्मसंतोष' है। यानी अगर कुछ देशों में कोविड-19 महामारी कुछ हद तक नियंत्रण में आई है, तो इस पर खुश होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि दुनियाभर में लाखों लोगों पर अभी भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा टेड्रोस ने बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करने को लेकर भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉएड नाम के अश्वेत व्यक्ति की हत्या के बाद वहां कई दिनों से लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में वहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर की बहस ने जोर पकड़ लिया है। इस बारे में अपनी बात रखते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा है, 'हम नस्लवाद के खिलाफ वैश्विक विरोध और समानता का पूर्ण समर्थन करते हैं। हम सभी प्रकार के भेदभावों को खारिज करते हैं। दुनियाभर में जो लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, हम उनसे सावधानी बरतने की अपील करते हैं। इसलिए जहां तक संभव हो लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाई रखें, अपने हाथ साफ करते रहें, खांसते समय मुंह को ढंकें और विरोध प्रदर्शन में भाग लेते समय मास्क पहनें। अगर बीमार हैं तो घर में रहें और किसी स्वास्थ्य सेवा से संपर्क करें।'